पटना.राज्य
सरकार ने नियोजित शिक्षकों को कितना वेतन दे सकती है, सुप्रीम कोर्ट को यह
बताने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी।
कमेटी में विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा और सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान
सचिव आमिर सुबहानी होंगे।
कमेटी ने 15 फरवरी तक नियोजित शिक्षक संघों के साथ ही अन्य शिक्षक संघों और शिक्षा विभाग ने अपना-अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। 15 मार्च को कमेटी को सुप्रीम कोर्ट में बताना है कि नियोजित शिक्षक को कितन वेतन दे सकती है।
कमेटी नियोजित शिक्षकों को मिल रहे वेतन की समीक्षा करेगी। विभिन्न मुद्दों पर शिक्षक संघों और संबंधित शिक्षा विभाग के अधिकारियों और अन्य संबंधित लोगों से राय-विमर्श कर रिपोर्ट फाइनल करेगी। 15 मार्च तक नियोजित शिक्षकों के वेतन मामले पर कमेटी की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को बताना है। 29 जनवरी को नियोजित शिक्षकों को समान काम समान वेतन मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य सचिव स्तर के अधिकारियों की तीन सदस्यीय कमेटी बना कर विभिन्न पहलूओं पर विमर्श कर बताने के लिए कहा था।
29 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से मना कर दिया था। कोर्ट ने सरकार से ही पूछा है कि वह कितना वेतन दे सकती है। कोर्ट ने शिक्षकों के वेतन को कम माना है। 3.55 लाख नियोजित शिक्षकों को पुराने शिक्षकों की तरह वेतन देने में राज्य की कई योजनाओं को बंद करना होगा। इसके पहले भी सरकार की वकील ने कोर्ट को बताया था कि प्रति वर्ष शिक्षकों के वेतन पर 28 हजार करोड़ अतिरिक्त भार पड़ेगा। एरियर देने की स्थिति में 52 हजार करोड़ भार पड़ेगा।
कमेटी ने 15 फरवरी तक नियोजित शिक्षक संघों के साथ ही अन्य शिक्षक संघों और शिक्षा विभाग ने अपना-अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। 15 मार्च को कमेटी को सुप्रीम कोर्ट में बताना है कि नियोजित शिक्षक को कितन वेतन दे सकती है।
कमेटी नियोजित शिक्षकों को मिल रहे वेतन की समीक्षा करेगी। विभिन्न मुद्दों पर शिक्षक संघों और संबंधित शिक्षा विभाग के अधिकारियों और अन्य संबंधित लोगों से राय-विमर्श कर रिपोर्ट फाइनल करेगी। 15 मार्च तक नियोजित शिक्षकों के वेतन मामले पर कमेटी की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को बताना है। 29 जनवरी को नियोजित शिक्षकों को समान काम समान वेतन मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य सचिव स्तर के अधिकारियों की तीन सदस्यीय कमेटी बना कर विभिन्न पहलूओं पर विमर्श कर बताने के लिए कहा था।
29 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से मना कर दिया था। कोर्ट ने सरकार से ही पूछा है कि वह कितना वेतन दे सकती है। कोर्ट ने शिक्षकों के वेतन को कम माना है। 3.55 लाख नियोजित शिक्षकों को पुराने शिक्षकों की तरह वेतन देने में राज्य की कई योजनाओं को बंद करना होगा। इसके पहले भी सरकार की वकील ने कोर्ट को बताया था कि प्रति वर्ष शिक्षकों के वेतन पर 28 हजार करोड़ अतिरिक्त भार पड़ेगा। एरियर देने की स्थिति में 52 हजार करोड़ भार पड़ेगा।