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बिहार के वित्तरहित शिक्षकों को एकमुश्त मिलेगी तीन साल की सैलरी

पटना. तीन साल से सैलरी न मिलने से परेशान बिहार के वित्त रहित कॉलेज-स्कूल के शिक्षकों को बिहार सरकार ने एकमुश्त सैलरी देने का फैसला किया है. इसके लिए प्रदेश सरकार ने 337 करोड़ 49 लाख रुपये
जारी करने की स्वीकृति दी है. सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया.  इस फैसले से 715 वित्तरहित हाईस्कूल और 508 इंटर कॉलेज के 33,500 कर्मियों को 2011 से 2013 तक का बकाया वेतन एकमुश्त मिलेगा. साथ ही गैर वेतन मद में 129 करोड़ की राशि बिहार आकस्मिकता निधि से जारी की गई है.
किसान सलाहकारों का मानदेय 8 हजार से बढ़ाकर 12 हजार प्रति माह
किसान सलाहकारों का मानदेय 8 हजार से बढ़ाकर 12 हजार प्रति माह करने की मंजूरी भी कैबिनेट ने दी है. एक अप्रैल 2017 से इसका लाभ इन्हें दिया जाएगा। इसका लाभ राज्य में कार्यरत 6480 किसान सलाहकारों को मिलेगा. इनके मानदेय के लिए पहले से स्वीकृत 64 करोड़ 24 लाख की राशि को बढ़ाकर 95 करोड़ 35 लाख कर दिया गया है.
विश्वविद्यालयों को 2017-18 में वेतन भुगतान के लिए 491 करोड़ रुपये की मंजूरी
बैठक के बाद कैबिनेट सचिवालय के विशेष सचिव यूएन पांडेय ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में विश्वविद्यालय कर्मियों के वेतन और पेंशन के लिए भी 362 करोड़ और गैर वेतनादि मद में 130 करोड़ बिहार आकस्मिकता निधि से देने को मंजूरी मिली है. इसके अलावा राज्य सरकार ने औरंगाबाद में 490 करोड़ की लागत से एक सीमेंट फैक्ट्री और गया की शेरघाटी में 81 करोड़ की लागत से सौर उर्जा प्लांट लगाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है.

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