पटना : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से
इंटरमीडिएट की परीक्षा 1384 केंद्रों पर चल रही है. बिहार बोर्ड की ओर से
कदाचार मुक्त परीक्षा के लिए अभूतपूर्व उपाय किये गये हैं. परीक्षा
केंद्रों के अंदर से लेकर बाहर तक पूरी चौकसी चल रही है. हर स्तर पर
तकनीकी के जरिये निगरानी रखी जा रही है.
स्वयं बिहार बोर्ड के अध्यक्ष
आनंद किशोर हर स्तर पर अपनी नजर जमाये हुए हैं. परीक्षा केंद्रों पर
सुरक्षा बलों के अलावा दंडाधिकारियों की तैनाती की गयी है. सीसीटीवी कैमरे
लगाये गये हैं. केंद्रों के आस-पास धारा 144 लगायी गयी है. चुस्त-दुरुस्त
परीक्षा की ही बानगी है कि दूसरे दिन विभिन्न जिलों में कदाचार में पकड़े
गये 68 परीक्षार्थियों को निष्कासित कर दिया गया. सारण में सर्वाधिक 13
परीक्षार्थी निष्कासित किये गये, जबकि 10 जिलों में यह संख्या शून्य रही.
विभिन्न तीन जिलों में परीक्षार्थी के स्थान पर परीक्षा दे रहे 5 को
पकड़ा गया. फर्जी परीक्षार्थियों में तीन गया, एक मधेपुरा व एक रोहतास
जिला के हैं. यह जानकारी बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने दी है.
जबकि, इंटरमीडिएट परीक्षा के पहले दिन पहली पाली में ही बायोलॉजी का
प्रश्नपत्र वायरल होने के बाद बोर्ड की ओर से बताया गया कि चूंकि हर
केंद्र पर 5 से 10 प्रतिशत अधिक प्रश्नपत्र भेजे जाते हैं. परीक्षार्थियों
के बीच वितरण के बाद बचे हुए प्रश्न पत्र कार्यालय में रखे रहते हैं.
शायद तभी किसी शरारती तत्व ने प्रश्नपत्रों के कुछ अंशों की फोटो लेकर
सोशल मीडिया पर डाल दी हो. ऐसे में फिलहाल मामले की जांच शुरू कर दी गयी
है, लेकिन देखा जाये तो यह संभव नहीं लग रहा है. परीक्षा केंद्रों पर हर
दिन की परीक्षा में अटेंडेंस शीट पर परीक्षार्थियों की उपस्थिति व
अनुपस्थिति दर्ज की जाती है. केंद्रों की ओर से हर दिन की यह रिपोर्ट
संबंधित जिला मुख्यालय को सौंपी जाती है, जहां से बोर्ड को रिपोर्ट उपलब्ध
करायी जाती है.
जानकारों की मानें, तो प्राथमिक तौर पर पेपर लीक की यह घटना पूरी तरह
अफवाह लगती है और इसके पीछे कुछ शरारती तत्वों का हाथ है, जो बिहार बोर्ड
को बदनाम करना चाहते हैं. कुछ शिक्षकों ने बताया कि परीक्षा शुरू होने के
कुछ घंटे पहले भी प्रश्न पत्र बाहर आते हैं, तभी इन्हें पर्चा आउट कहा
जायेगा. शिक्षकों की दलील है कि परीक्षा से होने के बाद, जब प्रश्न पत्र
परीक्षार्थियों के बीच बांटे जा रहे हैं, तो उसी समय शरारती तत्वों के
द्वारा परीक्षार्थियों की मदद से प्रश्न पत्र मंगवाया जा रहा है. वहीं,
प्रशासनिक सूत्रों का मानना है कि छात्र परीक्षा भवन के अंदर चले जाते हैं
और उसके बाद प्रश्न पत्र के लीक होने का मामला उठता है, तो यह शरारत के
सिवा कुछ भी नहीं है.
आरा में कुछ ऐसा ही हुआ, फिजिक्स की परीक्षा शुरू होने के बाद बाहर यह
हल्ला मचा कि फिजिक्स का प्रश्न पत्र वायरल हो गया है. मीडिया में यह खबर
चल रही है कि फिजिक्स के प्रश्न पत्र का पूरा सेट व्हाट्स ऐप पर वायरल हो
गया. हालांकि, प्रशासन ने इसके जांच की बात कही है, लेकिन कुल मिलाकर यह
सारी कवायद बिहार बोर्ड और प्रशासन को बदनाम करने की लग रही है. कई
शिक्षकों ने स्वीकार किया कि यह पूरी तरह से बोर्ड को नीचा दिखाने और
बिहार की छवि खराब करने की साजिश रची जा रही है. उधर, वायरल हो रहे प्रश्न
पत्रों में ज्यादातर वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का वायरल किया जाता है. इंटर
में वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की संख्या ज्यादा है और उसमें नंबर ज्यादा मिलते
हैं, उत्तर के रूप में बस एबीसी या डी का चयन करना होता है. हालांकि, कुल
मिलाकर परीक्षा शांतिपूर्ण और बेहतर तरीके से संपन्न हो रही है.
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