वहीं कुछ शिक्षकों को करीब 13 महीने से वेतन नहीं मिला है. वे अभी-भी वेतन के इंतजार में भूखे मर रहे हैं. नियोजित शिक्षक वेतन के लिए जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय के सामने भूख हड़ताल कर रहे हैं. उनका कहना है कि, वे सभी भूख के कारण साथ मरेंगे. जिससे सरकार को उनकी लाचारी का एहसास हो सके. शिक्षकों की हालत देखकर सरकार की सवेंदनहीनता साफ नजर आ रही है.
शिक्षकों के साल भर से मानदेय नहीं मिलने के मामले को शिक्षाधिकारी भी स्वीकार कर रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि, कुछ दस्तावेजों की गड़बड़ी के कारण पटना की मानदेय सूची में गलतियां पाई गई हैं जिसके चलते ऐसे हालात हैं. जल्द ही शिक्षकों को वेतन मिलेगा. पहल जारी है.
दूसरी तरफ समस्या को देखते हुए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने प्रस्ताव दिया था कि नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान का अलग मद बना दिया जाए. जिसमें शिक्षकों की राशि सुरक्षित रखी जाए. सरकार इस प्रस्ताव पर विचार कर रही है.