जहानाबाद। मखदुमपुर प्रखंड मुख्यालय से तकरीबन आठ किलोमीटर पूरब मध्य
विद्यालय तिलकई स्थापित है। इस विद्यालय की स्थापना ग्रामीणों द्वारा की गई
थी। उस समय वहां तथा उसके आसपास के गांवों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए
मध्य विद्यालय नहीं था। गांव के प्रबुद्ध लोगों ने बैठक बुलाई थी और
उनलोगों ने इस विद्यालय की
स्थापना की थी। स्थापना काल से ही इस विद्यालय
का शैक्षणिक वातावरण काफी बेहतर माना जाता था। कई ऐसे प्रधानाध्यापक और
शिक्षक यहां आए जिनलोगों को अपने परिश्रम एवं लगन के कारण काफी प्रतिष्ठा
भी मिली। विद्यालय को सरकार द्वारा स्वीकृति दिए जाने के बाद गया जिले के
टेकारी थाना क्षेत्र के भैंसमारा निवासी कमला ¨सह को इस विद्यालय का पहला
प्रधानाध्यापक बनाया गया था। वे विद्यालय में ही रहते थे और पूरा समय
शैक्षणिक विकास में देते थे। उस समय उस विद्यालय का शैक्षणिक वातावरण एवं
अनुशासन के क्षेत्र में काफी नाम था। हालांकि विद्यालय परिसर के कुछ कमरों
को छोड़ दें तो शेष की स्थिति ठीक ही कही जा सकती है। विद्यालय परिसर में
संचालित चार शौचालयों की स्थिति को ठीक नहीं कही जा सकती है। उसके दरवाजे
टूटे हुए हैं। मुख्य द्वार का गेट भी टूटा हुआ है जिसके कारण विद्यालय बंद
होने के बाद भी वहां लोगों का आना जाना लगा रहता है। इतना ही नहीं पशुओं का
भी विचरण होता है। विद्यालय के पास खेल मैदान नहीं रहने के कारण वहां
पढ़ने वाले बच्चों को खेलने में काफी परेशानी होती है। यहां सबसे बड़ी
समस्या शिक्षकों की है। तकरीबन ढाई सौ बच्चे नामांकित हैं। जिन लोगों को
पढ़ने के लिए आठ क्लास लगती है लेकिन शिक्षकों की संख्या मात्र चार है।
वहां मौजूद शिक्षकों ने बताया कि वर्ग के हिसाब से प्रधानाध्यापक को छोड़कर
कम से कम आठ शिक्षक की आवश्यकता थी लेकिन पर्याप्त संख्या में शिक्षक भी
उपलब्ध नहीं हैं। इसके कारण विषयवार पढ़ाई के संचालन में काफी परेशानी हो
रही है।
Bihar Teachers News , BTET , BPSC , SSC , Shikshak Niyojan updates