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न नामांकन न डिग्री, फिर भी बन गई शिक्षिका

भागलपुर : [नवनीत मिश्र] न नामांकन न डिग्री, फिर भी कर ली शिक्षक की नौकरी। जी हां हम बात कर रहे हैं मध्य विद्यालय बरुअट्टा में कार्यरत शिक्षक प्रतिमा देवी की। जो बिना स्नातक की डिग्री लिए ही 2013 से शिक्षक की नौकरी कर रही हैं। इसका खुलासा निगरानी की जांच में हुआ है।

2013 में प्रतिमा नाम की महिला की नियुक्ति प्रखंड शिक्षक नियोजन के तहत मध्य विद्यालय बरूअट्टा में हुई। प्रतिमा ने स्नातक का अंकपत्र तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय का दिया है। अंकपत्र के अनुसार प्रतिमा ने जंतु विज्ञान से स्नातक प्रथम श्रेणी से पास की है और उसे डिस्टिंग्शन अंक भी मिला है। उसका कुल प्राप्तांक 843 आया है। उसका रोल नंबर 39009 प्रतिष्ठा व पंजीयन संख्या 7125 है। उसने स्नातक की पढ़ाई आरडी एंड डीजे कॉलेज मुंगेर से 1998 में की है। वहीं कोड भाग/डीजे है। अंकपत्र संख्या 4652 है। लेकिन विवि में इसका कोई रिकार्ड नहीं है।
शिक्षक नियोजन में भारी पैमाने पर गड़बड़ी का मामला सामने आने पर निगरानी जांच शुरू हुई। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में कार्यरत पुलिस निरीक्षक सह जांचकर्ता जितेंद्र झा के पास मामला आने के बाद उन्हें अंकपत्र की जांच के लिए तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय भेजा गया। 26 जुलाई 2016 को भेजी गई जांच रिपोर्ट के आठ माह बाद पता चला कि प्रतिमा का अंकपत्र फर्जी है। फर्जी अंकपत्र के सहारे प्रतिमा ने शिक्षक की नौकरी कर ली है। जो अंकपत्र नियुक्ति के दौरान जमा किया गया था, उसका विवि में कोई रिकॉर्ड नहीं है। विश्वविद्यालय ने अंकपत्र को फर्जी घोषित कर दिया है।

यहां यह बता दें कि दस हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की जांच निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा की जा रही है। विवि में एक-एक शिक्षक के डिग्री की जांच हो रही है। कई शिक्षकों के फर्जी डिग्री का मामला सामने आ चुका है। 

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