मित्रों! सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को प्रचारित कर नियोजित शिक्षकों को 10 वर्ष की सेवा के आधार पर समान वेतन देने की वकालत की जा रही है । हमें तो इस तरह की बचकाना हरकत करने वालों पर तरस आता है ।
इसे जरा ध्यान से पढने और समझने की जरूरत है ।
कोर्ट ने कहा है कि 10 वर्ष से कार्यरत कर्मी को नियमित होने का अधिकार है । इसका आशय यह है कि है कि Ad hoc basis पर कार्यरत कर्मी जो दस वर्षों से कार्यरत हैं उन्हें नियमित किया जाना उनका अधिकार है । इसका मतलब यह कदापि नहीं है कि जो 60 वर्ष की सेवा के लिए नियमित नियुक्ति या नियोजन पर हैं उनकी सेवा के दस वर्ष पूर्णता के आधार पर समान वेतन दिया जाए । हमलोगों की बहाली ad hoc basis पर नहीं है बल्कि हम नियमित हैं । अतः इस फैसले को समान वेतन मामले से जोड़कर प्रचारित करने वाले लोग या तो मूर्ख हैं या हमारी एकता को खंडित करने वाले शातिर ।
मित्रों! हम बताना चाहते हैं कि जिन TET साथियों को दो वर्षों तक ग्रेड पे से वंचित किया गया है उन्हें जरूर न्याय मिलेगा । जयपुर हाईकोर्ट ने पहले ही अपने अहम फैसले में कह चुका है कि किसी भी कर्मी को उसके परीक्ष्यमान अवधि में कम वेतन नहीं दिया जा सकता है । सुप्रीम कोर्ट भी समान काम के लिए समान वेतन का फैसला दे चुका है । फिर सेवा अवधि के आधार पर ग्रेड पे वंचित करना या असमान वेतन की बात करना एक गैरजिम्मेदाराना हरकत है । हाँ , यह सही है कि सेवा अवधि के आधार पर वेतन वृद्धि या प्रोन्नति का प्रावधान सभी सेवा में है । लेकिन इसके आधार पर वेतन के मूल स्वरूप से किसी भी कर्मचारी को वंचित करना असंवैधानिक है । हम यह नहीं बताना चाहते हैं कि TET साथियों के लिए हम क्या कर रहे हैं लेकिन विश्वास दिलाते हैं कि आपका अधिकार आपको जरूर मिलेगा । सेवा में जो तत्काल नहीं मिल पाता है वह कभी भी मिल सकता है । जरूरत है ईमानदारी से संघर्ष करने की । हर किसी के संघर्ष का तरीका और विश्वास अलग - अलग होता है ।हमें अपने तरीके पर विश्वास है । विश्वास है कि हम आपका अधिकार दिलाने में जरूर सफल होंगे । हम अपने किये जा रहे प्रयास को सार्वजनिक करना उचित नहीं समझते हैं ।

इसे जरा ध्यान से पढने और समझने की जरूरत है ।
कोर्ट ने कहा है कि 10 वर्ष से कार्यरत कर्मी को नियमित होने का अधिकार है । इसका आशय यह है कि है कि Ad hoc basis पर कार्यरत कर्मी जो दस वर्षों से कार्यरत हैं उन्हें नियमित किया जाना उनका अधिकार है । इसका मतलब यह कदापि नहीं है कि जो 60 वर्ष की सेवा के लिए नियमित नियुक्ति या नियोजन पर हैं उनकी सेवा के दस वर्ष पूर्णता के आधार पर समान वेतन दिया जाए । हमलोगों की बहाली ad hoc basis पर नहीं है बल्कि हम नियमित हैं । अतः इस फैसले को समान वेतन मामले से जोड़कर प्रचारित करने वाले लोग या तो मूर्ख हैं या हमारी एकता को खंडित करने वाले शातिर ।
मित्रों! हम बताना चाहते हैं कि जिन TET साथियों को दो वर्षों तक ग्रेड पे से वंचित किया गया है उन्हें जरूर न्याय मिलेगा । जयपुर हाईकोर्ट ने पहले ही अपने अहम फैसले में कह चुका है कि किसी भी कर्मी को उसके परीक्ष्यमान अवधि में कम वेतन नहीं दिया जा सकता है । सुप्रीम कोर्ट भी समान काम के लिए समान वेतन का फैसला दे चुका है । फिर सेवा अवधि के आधार पर ग्रेड पे वंचित करना या असमान वेतन की बात करना एक गैरजिम्मेदाराना हरकत है । हाँ , यह सही है कि सेवा अवधि के आधार पर वेतन वृद्धि या प्रोन्नति का प्रावधान सभी सेवा में है । लेकिन इसके आधार पर वेतन के मूल स्वरूप से किसी भी कर्मचारी को वंचित करना असंवैधानिक है । हम यह नहीं बताना चाहते हैं कि TET साथियों के लिए हम क्या कर रहे हैं लेकिन विश्वास दिलाते हैं कि आपका अधिकार आपको जरूर मिलेगा । सेवा में जो तत्काल नहीं मिल पाता है वह कभी भी मिल सकता है । जरूरत है ईमानदारी से संघर्ष करने की । हर किसी के संघर्ष का तरीका और विश्वास अलग - अलग होता है ।हमें अपने तरीके पर विश्वास है । विश्वास है कि हम आपका अधिकार दिलाने में जरूर सफल होंगे । हम अपने किये जा रहे प्रयास को सार्वजनिक करना उचित नहीं समझते हैं ।
