शिक्षकों के हड़ताल के कारण बिहार में मैट्रिक और इंटर की कॉपियों के
मूल्यांकन की स्थिति यह हो गई है कि अब इसकी जिम्मेदारी पांचवी और आठवीं के
पढाने वाले शिक्षकों को दी जा रही है। मानों सरकार और बोर्ड के लिए यह
सिरदर्द बन चुका है क्योंकि आधे से ज्यादा शिक्षक तो हड़ताल पर हैं।
मूल्यांकन जल्द करवाने के दवाब में बिहार बोर्ड ने अयोग्य शिक्षकों को इस
काम में लगाने का फरमान जारी कर दिया है।
बिहार के मुंगेर के जिला शिक्षा पदाधिकारी के के शर्मा ने माध्यमिक शिक्षकों को मैट्रिक की कॉपियां जांचने का आदेश जारी किया है। मौजूदा पत्र में मिडल स्कूल के शिक्षकों को मूल्यांकन के लिए लेटर जारी किया गया है। पत्र में नवल किशोर, वीरेंद्र कुमार, संजय चौधरी, सुनीता कुमारी, प्रमोद सिंह, सुभाष सिंह समेत कई शिक्षकों के नाम हैं जो जिले के अलग- अलग मिडल स्कूलों के शिक्षक हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी के इस लेटर का मतलब यह है कि पांचवी से आठवीं क्लास के स्टूडेंट्स को पढ़ाने वाले शिक्षक अब मैट्रिक स्टूडेंट्स की कॉपियां जांच करेंगे। नियम के मुताबिक हाईस्कूल के तीन साल अनुभव रखने वाले शिक्षक ही कॉपी जांच कर सकते हैं। हालांकि मुंगेर डीईओ के के शर्मा का यह पत्र बुधवार को जारी किया गया है जो अभी तक शिक्षकों को नहीं मिला है। गौरतलब है कि इंटर टॉपर्स स्कैम के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दावा किया था अब बिहार बोर्ड में सब कुछ ठीक हो जाएगा लेकिन अब बोर्ड के अधिकारी ने मैट्रिक एग्जाम का मूल्यांकन अयोग्य शिक्षकों से कराने का फरमान जारी कर दिया है।
बिहार के मुंगेर के जिला शिक्षा पदाधिकारी के के शर्मा ने माध्यमिक शिक्षकों को मैट्रिक की कॉपियां जांचने का आदेश जारी किया है। मौजूदा पत्र में मिडल स्कूल के शिक्षकों को मूल्यांकन के लिए लेटर जारी किया गया है। पत्र में नवल किशोर, वीरेंद्र कुमार, संजय चौधरी, सुनीता कुमारी, प्रमोद सिंह, सुभाष सिंह समेत कई शिक्षकों के नाम हैं जो जिले के अलग- अलग मिडल स्कूलों के शिक्षक हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी के इस लेटर का मतलब यह है कि पांचवी से आठवीं क्लास के स्टूडेंट्स को पढ़ाने वाले शिक्षक अब मैट्रिक स्टूडेंट्स की कॉपियां जांच करेंगे। नियम के मुताबिक हाईस्कूल के तीन साल अनुभव रखने वाले शिक्षक ही कॉपी जांच कर सकते हैं। हालांकि मुंगेर डीईओ के के शर्मा का यह पत्र बुधवार को जारी किया गया है जो अभी तक शिक्षकों को नहीं मिला है। गौरतलब है कि इंटर टॉपर्स स्कैम के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दावा किया था अब बिहार बोर्ड में सब कुछ ठीक हो जाएगा लेकिन अब बोर्ड के अधिकारी ने मैट्रिक एग्जाम का मूल्यांकन अयोग्य शिक्षकों से कराने का फरमान जारी कर दिया है।