वैशाली। राज्य
सरकार के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी एवं होमगार्ड डीजी पीएन राय के जिलों के
डीएम व एसपी को आंदोलनकारी गृहरक्षकों की सेवा समाप्त करने के दिए मौखिक
आदेश के विरोध में बड़ी संख्या में जिले के गृहरक्षक एक बार फिर
अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए।
बिहार रक्षा वाहिनी स्वयंसेवक संघ केंद्रीय कमेटी के निर्णय के आलोक में संघ की वैशाली जिला शाखा अध्यक्ष सोनेलाल ¨सह की अध्यक्षता में हाजीपुर स्थित वैशाली कला मंच के प्रांगण में बड़ी संख्या में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे गृह रक्षकों ने मांगों की पूर्ति होने तक आंदोलन करते रहने की घोषणा की। कार्यक्रम का संचालन कर रहे संघ के केंद्रीय प्रतिनिधि रामाशंकर भारती ने सूबे के सभी गृहरक्षकों से एकजुटता बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि हमारी लड़ाई सूबे के 72 हजार से अधिक गृह रक्षकों के मान-सम्मान व प्रतिष्ठा की लड़ाई है। प्रदेश की सत्ता पर काबिज रही सरकारों ने हम गृहरक्षकों को आज तक बंधुआ मजदूर ही समझा है और हमसे बंधुआगिरी ही कराई है लेकिन इस बार प्रदेश के गृह रक्षकों ने गुलामी की जंजीर को तोड़ दिया है।
राज्य सरकार के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी के तरीके को तालिबानी व होमगार्ड डीजी पीएन राय के तरीके को हिटलरशाही करार देते हुए कहा कि समान कार्य के बदले समान वेतन की मांग की पूर्ति हेतु महामहिम राज्यपाल से हुई वार्ता में मिले आश्वासन के बाद जब गृहरक्षकों ने आंदोलन वापस लेने की घोषणा कर दी थी तब सरकार के प्रधान सचिव एवं होमगार्ड डीजी द्वारा गृहरक्षकों की सेवा समाप्त करने का दिया आदेश सुशासन की सरकार के तानाशाही रवैये का नहीं दिखाता। उन्होंने मांगों की पूर्ति हेतु आर-पार की लड़ाई लड़े जाने का संकल्प दिलाते हुए धरने पर बैठे गृह रक्षकों से कहा कि अब जब तक राज्य सरकार हमारी मांगों की शत-प्रतिशत पूर्ति नहीं करती तब तक हम गृह रक्षक अनिश्चितकालीन धरना, प्रदर्शन व आंदोलन करते रहेंगे।
बिहार रक्षा वाहिनी स्वयंसेवक संघ केंद्रीय कमेटी के निर्णय के आलोक में संघ की वैशाली जिला शाखा अध्यक्ष सोनेलाल ¨सह की अध्यक्षता में हाजीपुर स्थित वैशाली कला मंच के प्रांगण में बड़ी संख्या में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे गृह रक्षकों ने मांगों की पूर्ति होने तक आंदोलन करते रहने की घोषणा की। कार्यक्रम का संचालन कर रहे संघ के केंद्रीय प्रतिनिधि रामाशंकर भारती ने सूबे के सभी गृहरक्षकों से एकजुटता बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि हमारी लड़ाई सूबे के 72 हजार से अधिक गृह रक्षकों के मान-सम्मान व प्रतिष्ठा की लड़ाई है। प्रदेश की सत्ता पर काबिज रही सरकारों ने हम गृहरक्षकों को आज तक बंधुआ मजदूर ही समझा है और हमसे बंधुआगिरी ही कराई है लेकिन इस बार प्रदेश के गृह रक्षकों ने गुलामी की जंजीर को तोड़ दिया है।
राज्य सरकार के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी के तरीके को तालिबानी व होमगार्ड डीजी पीएन राय के तरीके को हिटलरशाही करार देते हुए कहा कि समान कार्य के बदले समान वेतन की मांग की पूर्ति हेतु महामहिम राज्यपाल से हुई वार्ता में मिले आश्वासन के बाद जब गृहरक्षकों ने आंदोलन वापस लेने की घोषणा कर दी थी तब सरकार के प्रधान सचिव एवं होमगार्ड डीजी द्वारा गृहरक्षकों की सेवा समाप्त करने का दिया आदेश सुशासन की सरकार के तानाशाही रवैये का नहीं दिखाता। उन्होंने मांगों की पूर्ति हेतु आर-पार की लड़ाई लड़े जाने का संकल्प दिलाते हुए धरने पर बैठे गृह रक्षकों से कहा कि अब जब तक राज्य सरकार हमारी मांगों की शत-प्रतिशत पूर्ति नहीं करती तब तक हम गृह रक्षक अनिश्चितकालीन धरना, प्रदर्शन व आंदोलन करते रहेंगे।