नमस्कार मित्रों ।
जिला शिक्षा पदाधिकारी ,मुजफ्फरपुर के साथ साथ उनको आदेशित करने वाले मंत्री संत्री और सचिव लोग मानसिक दिवालियापन के शिकार हो चुके हैं ।नीचे संलग्न पत्र सारी कहानी बयां कर रही है ।
माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक बंधू महीनों से मूल्यांकन बहिष्कार कर सड़क पर इस तपती धूप में समान काम और समान वेतन की मांग को लेकर अपना खून जला रहे हैं और यह तानाशाही मुर्खमंत्री व् छीछा मंत्री अजीबोगरीब फरमान निकाल रहा है ।प्रारम्भिक शिक्षकों से इंटर और मैट्रिक का मूल्यांकन का फरमान कोई पागल ही दे सकता है ।यह निर्णय पूरे विश्व का अनोखा निर्णय होगा । जहाँ सरकार समस्या के समाधान के बदले लाखो बच्चो के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ कर रही है ।
मंत्री व् अधिकारी मानसिक विक्षिप्त हो सकते हैं किंतु अभी हमारी बुद्धिमत्ता शेष है ।मुजफ्फरपुर के चारों प्रशिक्षण महाविद्यालयों के प्रशिक्षुओं को मूल्यांकन के आदेश अतार्किक व् असंवैधानिक है ।ऐसी सरकार और विक्षिप्त अधिकारियों का मार्गदर्शन करना हमलोगों की नैतिक जिम्मेदारी भी है ।मैं इस आदेश के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता हूँ ।जिले के तमाम प्रशिक्षुओं ,तमाम शिक्षकों व् आम जनों का आह्वाहन करता हूँ कि ऐसे पदाधिकारी व् गिरे हुए मंत्रियों के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूँक कर आइना दिखाने का काम करें ।लाखों शिक्षकों व् करोड़ो बच्चों के भविष्य से होने वाले खिलवाड़ को रोकना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है ।हमारे जिले के अंदर प्रारम्भिक शिक्षकों में जिनकी आत्मा मर चुकी है और जो जयचंद के वंशज हैं या निकलेंगे उनके लिए भूल जाएंगे कि वे हमारे ही समाज के प्राणी हैं ।इस संदेश को हर जगह प्रेषित कर दें ।
आपका मित्र
आचार्य रवि
मुजफ्फरपुर ।

जिला शिक्षा पदाधिकारी ,मुजफ्फरपुर के साथ साथ उनको आदेशित करने वाले मंत्री संत्री और सचिव लोग मानसिक दिवालियापन के शिकार हो चुके हैं ।नीचे संलग्न पत्र सारी कहानी बयां कर रही है ।
माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक बंधू महीनों से मूल्यांकन बहिष्कार कर सड़क पर इस तपती धूप में समान काम और समान वेतन की मांग को लेकर अपना खून जला रहे हैं और यह तानाशाही मुर्खमंत्री व् छीछा मंत्री अजीबोगरीब फरमान निकाल रहा है ।प्रारम्भिक शिक्षकों से इंटर और मैट्रिक का मूल्यांकन का फरमान कोई पागल ही दे सकता है ।यह निर्णय पूरे विश्व का अनोखा निर्णय होगा । जहाँ सरकार समस्या के समाधान के बदले लाखो बच्चो के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ कर रही है ।
मंत्री व् अधिकारी मानसिक विक्षिप्त हो सकते हैं किंतु अभी हमारी बुद्धिमत्ता शेष है ।मुजफ्फरपुर के चारों प्रशिक्षण महाविद्यालयों के प्रशिक्षुओं को मूल्यांकन के आदेश अतार्किक व् असंवैधानिक है ।ऐसी सरकार और विक्षिप्त अधिकारियों का मार्गदर्शन करना हमलोगों की नैतिक जिम्मेदारी भी है ।मैं इस आदेश के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता हूँ ।जिले के तमाम प्रशिक्षुओं ,तमाम शिक्षकों व् आम जनों का आह्वाहन करता हूँ कि ऐसे पदाधिकारी व् गिरे हुए मंत्रियों के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूँक कर आइना दिखाने का काम करें ।लाखों शिक्षकों व् करोड़ो बच्चों के भविष्य से होने वाले खिलवाड़ को रोकना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है ।हमारे जिले के अंदर प्रारम्भिक शिक्षकों में जिनकी आत्मा मर चुकी है और जो जयचंद के वंशज हैं या निकलेंगे उनके लिए भूल जाएंगे कि वे हमारे ही समाज के प्राणी हैं ।इस संदेश को हर जगह प्रेषित कर दें ।
आपका मित्र
आचार्य रवि
मुजफ्फरपुर ।
