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मई में रिजल्ट देना बिहार बोर्ड के लिए बहुत बड़ी चुनौती

PATNA : मैट्रिक और इंटर परीक्षा का मूल्यांकन पूरे राज्य में चल रहा है। बोर्ड प्रशासन का प्रयास है कि मूल्यांकन प्रक्रिया को 30 अप्रैल तक हर हाल में पूरा कर लिया जाए। फिर भी मई में रिजल्ट देना बहुत बड़ी चुनौती है।

स्कूली शिक्षकों की हड़ताल के बाद अब बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की नई चुनौती वक्त पर रिजल्ट तैयार करने की है। हड़ताल समाप्त करने के बाद शिक्षकों ने मूल्यांकन शुरू कर दिया है। कॉपियां जांचने की गति भी तेज हुई है। लेकिन रिजल्ट वक्त पर निकल जाए, इसको लेकर संशय है।
हालांकि बोर्ड प्रशासन का दावा है कि रिजल्ट उसी वक्त पर प्रकाशित होगा, जब होता है। समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने रिजल्ट के बारे में कहा है कि मई में रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा।
मैट्रिक और इंटर परीक्षा का मूल्यांकन पूरे राज्य में चल रहा है। बोर्ड प्रशासन का प्रयास है कि मूल्यांकन प्रक्रिया को 30 अप्रैल तक हर हाल में पूरा कर लिया जाए। अगर कॉपियों की जांच 30 अप्रैल तक पूरा हो जाती है तो संभावना है कि इंटर और मैट्रिक दोनों का रिजल्ट मई में जारी हो जाए। लेकिन 30 अप्रैल तक मूल्यांकन पूरा नहीं हुआ तो मई में रिजल्ट प्रकाशन की संभावनाएं धूमिल हो सकती हैं।
मूल्यांकनके बाद की प्रक्रिया में इस साल बदलाव हुआ है। पहले कॉपियों की जांच के बाद शिक्षक अंक लिखते थे। अब जांच के बाद ओएमआर शीट भरी जा रही है। मूल्यांकन होने के बाद पहले शीट बोर्ड में आती थी, जहां कंप्यूटर फीडिंग के बाद रिजल्ट तैयार होता था।
इस बार ओएमआर शीट के जरिए सीधे रिजल्ट तैयार होगा। जिससे मूल्यांकन के बाद की प्रक्रिया में कम वक्त लगेगा। पहले लगभग एक महीने से अधिक इसमें समय लगता था, लेकिन नई प्रक्रिया में बोर्ड प्रशासन को उम्मीद है कि 15 से 20 दिनों का वक्त लगेगा। 

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