पटना।
सूबे के प्रारंभिक स्कूलों में बुनियादी एवं मूलभूत सुविधाओं के अभाव पर
पटना हाईकोर्ट ने गंभीर रुख अख्तियार करते हुए बिहार के मुख्य सचिव को तीन
माह में कमिटी गठित करने एवं उक्त कमिटी द्वारा अगले छह माह में की गयी
माॅनिटरिंग की रिपोर्ट पटना उच्च न्यायालय के महानिबंधक को सौंपने का
निर्देश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन एवं
न्यायाधीर सुधीर सिंह की खण्डपीठ ने गणेश प्रसाद की ओर से दायर लोकहित
याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया।
मामले में याचिकाकर्ता की ओर से अदालत
को बताया गया कि सूबे के विभिन्न जिलों में प्रारंभिक विद्यालय सरकार की ओर
से संचालित किये जा रहे हैं। परंतु इन प्रारंभिक विद्यालयों में मूलभूत
बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। कहीं छात्र है तो वहां शिक्षक नहीं है,
अगर छात्रा व शिक्षक हैं तो भवन नहीं, अगर छात्र, शिक्षक और भवन है तो वहां
अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के बैठने की व्यवस्था नहीं होने के साथ-साथ
शौचालय, पीने के पानी का अभाव है। जिस कारण यहां पढ़ने वाले छात्र एवं
छात्राओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।