प्रारंभिक विद्यालयों में होने वाली मासिक मूल्यांकन को प्रभावी
बनाने के लिए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (बाईपी) ने सभी जिलों को
दिशा-निर्देश जारी किया है। एक तरफ बीईपी ने विद्यालयों में मासिक
मूल्यांकन सुनिश्चित करने को कहा है, वहीं जिलों को यह भी कहा है कि
विद्यालयों के निरीक्षण करने के लिए गए अधिकारी निश्चित रूप से बच्चों के
मासिक मूल्यांकन की कॉपी की जांच करें।
गौरतलब हो कि विद्यालयों में नियमित तौर पर मासिक मूल्यांकन कराने का निर्देश है, लेकिन बीईपी को शिकायत मिल रही है कि कई विद्यालयों में इस पर शिक्षक लापरवाही बरत रहे हैं। इसको लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी को बीईपी ने निर्देश जारी किया है कि जो अधिकारी निरीक्षण में जाए वे मूल्यांकन की कॉपी जरूर देखें। ताकि इसकी जानकारी हो कि बच्चों का मासिक मूल्यांकन लिया जा रहा है या नहीं।
बीईपी के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि प्रारंभिक विद्यालय के हर बच्चे का मासिक मूल्यांकन के लिए अलग कॉपी रखने को कहा गया है। शिक्षकों को निर्देश है कि मासिक मूल्यांकन ले और बच्चे की प्रगति देखें। जिस विषय में जो बच्चा कमजोर है, उसके लिए विशेष कक्षा लें। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बहाल करने के मकसद से ही मासिक मूल्यांकन का प्रावधान किया गया है, ताकि बच्चों को उनकी कक्षा के अनुरूप ज्ञान प्राप्त हो। इसी क्रम में अक्टूबर, 2016 को सात सालों बाद अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन हुआ था।
गौरतलब हो कि विद्यालयों में नियमित तौर पर मासिक मूल्यांकन कराने का निर्देश है, लेकिन बीईपी को शिकायत मिल रही है कि कई विद्यालयों में इस पर शिक्षक लापरवाही बरत रहे हैं। इसको लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी को बीईपी ने निर्देश जारी किया है कि जो अधिकारी निरीक्षण में जाए वे मूल्यांकन की कॉपी जरूर देखें। ताकि इसकी जानकारी हो कि बच्चों का मासिक मूल्यांकन लिया जा रहा है या नहीं।
बीईपी के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि प्रारंभिक विद्यालय के हर बच्चे का मासिक मूल्यांकन के लिए अलग कॉपी रखने को कहा गया है। शिक्षकों को निर्देश है कि मासिक मूल्यांकन ले और बच्चे की प्रगति देखें। जिस विषय में जो बच्चा कमजोर है, उसके लिए विशेष कक्षा लें। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बहाल करने के मकसद से ही मासिक मूल्यांकन का प्रावधान किया गया है, ताकि बच्चों को उनकी कक्षा के अनुरूप ज्ञान प्राप्त हो। इसी क्रम में अक्टूबर, 2016 को सात सालों बाद अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन हुआ था।