सहरसा। समान काम का समान वेतन देने की मांग व सरकार के पक्षपातपूर्ण
नीति के विरोध में बिहार प्रारंभिक शिक्षक संघ के बैनर तले शुक्रवार को
शिक्षकों ने समाहरणालय के समक्ष प्रदर्शन किया। बाद में स्टेडियम के सामने
धरना देकर सभा का आयोजन किया।
धरना को संबोधित करते हुए शिक्षकों ने कहा कि सरकार एक तरफ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात करते हैं और दूसरी तरफ एक ही छत के नीचे काम करनेवाले शिक्षकों के साथ दोहरा व्यवहार कर रही है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समान काम का समान वेतन लागू करने के आदेश के बजाय शिक्षकों की सुविधा में लगातार कटौती की जा रही है। जो राज्य और राष्ट्रहित में न्यायोचित नहीं है। ऐसे में शिक्षकों को सड़क पर उतरना मजबूरी है। राणा राकेश कुमार ¨सह के संचालन में धरना को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष सह राज्य सचिव निरंजन कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने लगभग चार लाख माध्यमिक शिक्षक, उच्चतर माध्यमिक, नियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकाध्यक्षों को जुलाई 2015 से 5200-20200 का वेतनमान दिया जो छठे वेतन के पुनरीक्षित वेतनमान के समान है। इसमें हर सुविधा भी देय है। परंतु राज्य सरकार के वित्त विभाग के सचिव द्वारा नियोजित शिक्षकों को सातवें वेतन का लाभ नहीं दिए जाने की घोषणा से शिक्षकों में बेहद आक्रोश है। यह शिक्षकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। इसके लिए आंदोलन तेज करने की जरूरत है।
कार्यक्रम में जवाहर कुमार, धरणीधर कुमार, अमरेन्द्र कुमार, गणेश रजक, अब्दुल बॉकी रहमानी, अमीन अकबर, नूतन ¨सह, प्रवीण कुमार, इन्द्रनारायण झा उर्फ बच्चा बाबू, बंधन पासवान, मनमोहन कुमार, बौआ रजक, अजय प्रेम, हिमांशु शेखर, कुमारी मीरा राय, दिग्विजय कुमार, अरुण कुमार, रोहिण यादव, भुवनेश्वर यादव गगन, गुड्डी कुमारी, मृद़ुला कुमारी, संजय रेड्डी, अशोक कुमार, कैलाश पासवान, उमाशंकर यादव, संजय सारथी, पंकज कुमार आदि मौजूद रहे।
धरना को संबोधित करते हुए शिक्षकों ने कहा कि सरकार एक तरफ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात करते हैं और दूसरी तरफ एक ही छत के नीचे काम करनेवाले शिक्षकों के साथ दोहरा व्यवहार कर रही है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समान काम का समान वेतन लागू करने के आदेश के बजाय शिक्षकों की सुविधा में लगातार कटौती की जा रही है। जो राज्य और राष्ट्रहित में न्यायोचित नहीं है। ऐसे में शिक्षकों को सड़क पर उतरना मजबूरी है। राणा राकेश कुमार ¨सह के संचालन में धरना को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष सह राज्य सचिव निरंजन कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने लगभग चार लाख माध्यमिक शिक्षक, उच्चतर माध्यमिक, नियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकाध्यक्षों को जुलाई 2015 से 5200-20200 का वेतनमान दिया जो छठे वेतन के पुनरीक्षित वेतनमान के समान है। इसमें हर सुविधा भी देय है। परंतु राज्य सरकार के वित्त विभाग के सचिव द्वारा नियोजित शिक्षकों को सातवें वेतन का लाभ नहीं दिए जाने की घोषणा से शिक्षकों में बेहद आक्रोश है। यह शिक्षकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। इसके लिए आंदोलन तेज करने की जरूरत है।
कार्यक्रम में जवाहर कुमार, धरणीधर कुमार, अमरेन्द्र कुमार, गणेश रजक, अब्दुल बॉकी रहमानी, अमीन अकबर, नूतन ¨सह, प्रवीण कुमार, इन्द्रनारायण झा उर्फ बच्चा बाबू, बंधन पासवान, मनमोहन कुमार, बौआ रजक, अजय प्रेम, हिमांशु शेखर, कुमारी मीरा राय, दिग्विजय कुमार, अरुण कुमार, रोहिण यादव, भुवनेश्वर यादव गगन, गुड्डी कुमारी, मृद़ुला कुमारी, संजय रेड्डी, अशोक कुमार, कैलाश पासवान, उमाशंकर यादव, संजय सारथी, पंकज कुमार आदि मौजूद रहे।