बक्सर : प्रखंड के खीरी मध्य विद्यालय में विभागीय लापरवाही के कारण
इसका खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। साथ ही, विद्यालय का काम-काज भी
प्रभावित हो रहा है। विदित हो कि इस विद्यालय में प्रतिनियुक्त प्रभारी
प्रधानाध्यापक मो.रसीद को मूल स्थान पर जाने का आदेश दिया जा चुका है।
इसके बाद भी नियमों को ताक पर रखकर विद्यालय के मध्याह्न भोजन योजना सहित अन्य कार्यो को संपादित किया जा रहा है।
फिलहाल इनके बाद विद्यालय के ही सीनियर शिक्षक वीर बहादुर चौबे को प्रभार दिया गया है। लेकिन, इन्हें वित्तीय प्रभार से वंचित रखा गया है। आश्चर्य की बात है कि एक विद्यालय के लिए दो-दो प्रभारी शिक्षक हैं। एक प्रभारी 20 किमी दूर से इसका वित्तीय कार्य भार संभालते हैं। ग्रामीणों एवं विद्यालय के अन्य शिक्षकों के विरोध के बाद भी विभाग द्वारा कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है। बल्कि, इसके लिए स्वयं जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा बीते 28 दिसम्बर को विभाग को पत्र लिखकर सूचित किया गया कि वीर बहादुर नियमित शिक्षक नहीं हैं। इसलिए इन्हें वित्तीय प्रभार नहीं दिया जा सकता है। जबकि, इसी पंचायत में भगवानपुर सहित कुछ अन्य विद्यालयों में बगैर नियमित शिक्षक के नियोजित शिक्षक को ही प्रभार दिया गया है। इस आदेश पर संशय व्यक्त करते हुए ग्रामीणों और शिक्षकों ने विभाग पर आरोप लगाया कि अगर ऐसा है तो क्यों नहीं इसी पंचायत के किसी नियमित शिक्षक को प्रभार दिया जा रहा है।
इसके बाद भी नियमों को ताक पर रखकर विद्यालय के मध्याह्न भोजन योजना सहित अन्य कार्यो को संपादित किया जा रहा है।
फिलहाल इनके बाद विद्यालय के ही सीनियर शिक्षक वीर बहादुर चौबे को प्रभार दिया गया है। लेकिन, इन्हें वित्तीय प्रभार से वंचित रखा गया है। आश्चर्य की बात है कि एक विद्यालय के लिए दो-दो प्रभारी शिक्षक हैं। एक प्रभारी 20 किमी दूर से इसका वित्तीय कार्य भार संभालते हैं। ग्रामीणों एवं विद्यालय के अन्य शिक्षकों के विरोध के बाद भी विभाग द्वारा कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है। बल्कि, इसके लिए स्वयं जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा बीते 28 दिसम्बर को विभाग को पत्र लिखकर सूचित किया गया कि वीर बहादुर नियमित शिक्षक नहीं हैं। इसलिए इन्हें वित्तीय प्रभार नहीं दिया जा सकता है। जबकि, इसी पंचायत में भगवानपुर सहित कुछ अन्य विद्यालयों में बगैर नियमित शिक्षक के नियोजित शिक्षक को ही प्रभार दिया गया है। इस आदेश पर संशय व्यक्त करते हुए ग्रामीणों और शिक्षकों ने विभाग पर आरोप लगाया कि अगर ऐसा है तो क्यों नहीं इसी पंचायत के किसी नियमित शिक्षक को प्रभार दिया जा रहा है।