बक्सर। जिले में शिक्षा का सूरत-ए-हाल उजागर करने के लिए दैनिक जागरण
टीम शनिवार को ठीक नौ बजे स्थानीय प्रखंड स्थित मिडिल स्कूल सुघरडेरा में
पहुंची तो एक भी शिक्षक यहां नहीं पहुंचे थे। आधा घंटा 9:30 बजे कुल 11
शिक्षकों में अभय शंकर राय पहुंचे। 10:05 बजे चेतना सत्र शुरू हुआ।
तब तक सिर्फ तीन शिक्षक ही उपस्थित थे। दैनिक जागरण की टीम को देखकर कुछ शिक्षकों द्वारा सहयोगियों के बचाव में फोन करने की प्रक्रिया शुरू हुई। लेकिन, शायद स्कूल पहुंचने की तैयारी नहीं होने के कारण ग्यारह बजे तक एक के बाद एक सिर्फ पांच शिक्षक ही उपस्थित हुए। इस स्कूल की आंखों देखी हाल यह है कि 11 बजे तक भी पहुंचने वाले शिक्षकों द्वारा स्कूल में आगमन नौ बजे ही दिखाया गया। शिक्षकों के आने-जाने का कोई समय नहीं होने के कारण अनुमान लगाया गया कि इस स्कूल में ऐसी परिपाटी चली आ रही है कि जब मर्जी आए और जब मन करे घर चले जाएं। कोई रोक-टोक करने वाला नहीं है। शिक्षकों के अनुसार एक दिन पहले चेतना सत्र में कुल 85 बच्चे शामिल हुए थे। लेकिन, शनिवार को सिर्फ 23 छात्र ही शामिल हुए। शिक्षक अभय शंकर राय ने जानकारी दी कि प्रधान शिक्षिका बीआरसी की बैठक में गई है और शिक्षक प्रदीप कुमार राम द्वारा अचानक फोन पर नहीं आने की सूचना दिए हैं।
स्कूल परिसर में गंदगी का अंबार
मध्य विद्यालय सुघरडेरा में कुल एक से आठ तक पढा़ई होती है। छात्रों एवं शिक्षिकाओं के लिए बनाए गए शौचालय की हालत देखते बनती है। किचेन शेड के समीप जल-निकासी की समस्या इस स्कूल मेच् स्वच्छता अभियान की कलई खोल रही थी।
कहते हैं ग्रामीण
सुघरडेरा गांव निवासी मनजी ¨सह ने बताया कि यहां स्कूल में शिक्षकों की लेट-लतीफी एवं आपसी सामंजस्य के अभाव में पठन-पाठन काफी प्रभावित हो रहा है। यहां कुव्यवस्था को लेकर कई बार सड़क जाम व प्रदर्शन भी किया गया। लेकिन, आज तक कोई सुधार नहीं हुआ।
ग्रामीण रामजी ¨सह ने कहा कि यहां पदस्थापित शिक्षकों को आने-जाने की कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं होने के कारण स्कूल बदहाली के कगार पर पहुंच गया है।
पंचायत मुखिया बशिष्ठ यादव ने कहा कि यहां पढ़ा़ई व्यवस्था चौपट करने में शिक्षकों की लेट-लतीफी मुख्य कारण है। पूर्व में कई बार चेतावनी दी गई है। लेकिन, कोई असर नहीं पड़ना ¨चता का विषय है।
कहती हैं प्रधान शिक्षिका
स्कूल की प्रधान शिक्षिका कुमारी कांति ने बचया कि यहां बच्चे ससमय उपस्थित हो जाते हैं। स्कूल में पढ़ाई व्यवस्था को दुरुस्त करने व शिक्षकों की लेट लतीफी पर रोक-टोक करना शिक्षकों को नागवार गुजरता है।
कहते है बीईओ
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी विजय कुमार प्रसाद ने बताया कि 11 बजे तक बगैर सूचना दिए पांच शिक्षकों की अनुपस्थिति गंभीर बात है। इसे गंभीरता से लेते हुए विभाग द्वारा फरार शिक्षकों पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।
तब तक सिर्फ तीन शिक्षक ही उपस्थित थे। दैनिक जागरण की टीम को देखकर कुछ शिक्षकों द्वारा सहयोगियों के बचाव में फोन करने की प्रक्रिया शुरू हुई। लेकिन, शायद स्कूल पहुंचने की तैयारी नहीं होने के कारण ग्यारह बजे तक एक के बाद एक सिर्फ पांच शिक्षक ही उपस्थित हुए। इस स्कूल की आंखों देखी हाल यह है कि 11 बजे तक भी पहुंचने वाले शिक्षकों द्वारा स्कूल में आगमन नौ बजे ही दिखाया गया। शिक्षकों के आने-जाने का कोई समय नहीं होने के कारण अनुमान लगाया गया कि इस स्कूल में ऐसी परिपाटी चली आ रही है कि जब मर्जी आए और जब मन करे घर चले जाएं। कोई रोक-टोक करने वाला नहीं है। शिक्षकों के अनुसार एक दिन पहले चेतना सत्र में कुल 85 बच्चे शामिल हुए थे। लेकिन, शनिवार को सिर्फ 23 छात्र ही शामिल हुए। शिक्षक अभय शंकर राय ने जानकारी दी कि प्रधान शिक्षिका बीआरसी की बैठक में गई है और शिक्षक प्रदीप कुमार राम द्वारा अचानक फोन पर नहीं आने की सूचना दिए हैं।
स्कूल परिसर में गंदगी का अंबार
मध्य विद्यालय सुघरडेरा में कुल एक से आठ तक पढा़ई होती है। छात्रों एवं शिक्षिकाओं के लिए बनाए गए शौचालय की हालत देखते बनती है। किचेन शेड के समीप जल-निकासी की समस्या इस स्कूल मेच् स्वच्छता अभियान की कलई खोल रही थी।
कहते हैं ग्रामीण
सुघरडेरा गांव निवासी मनजी ¨सह ने बताया कि यहां स्कूल में शिक्षकों की लेट-लतीफी एवं आपसी सामंजस्य के अभाव में पठन-पाठन काफी प्रभावित हो रहा है। यहां कुव्यवस्था को लेकर कई बार सड़क जाम व प्रदर्शन भी किया गया। लेकिन, आज तक कोई सुधार नहीं हुआ।
ग्रामीण रामजी ¨सह ने कहा कि यहां पदस्थापित शिक्षकों को आने-जाने की कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं होने के कारण स्कूल बदहाली के कगार पर पहुंच गया है।
पंचायत मुखिया बशिष्ठ यादव ने कहा कि यहां पढ़ा़ई व्यवस्था चौपट करने में शिक्षकों की लेट-लतीफी मुख्य कारण है। पूर्व में कई बार चेतावनी दी गई है। लेकिन, कोई असर नहीं पड़ना ¨चता का विषय है।
कहती हैं प्रधान शिक्षिका
स्कूल की प्रधान शिक्षिका कुमारी कांति ने बचया कि यहां बच्चे ससमय उपस्थित हो जाते हैं। स्कूल में पढ़ाई व्यवस्था को दुरुस्त करने व शिक्षकों की लेट लतीफी पर रोक-टोक करना शिक्षकों को नागवार गुजरता है।
कहते है बीईओ
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी विजय कुमार प्रसाद ने बताया कि 11 बजे तक बगैर सूचना दिए पांच शिक्षकों की अनुपस्थिति गंभीर बात है। इसे गंभीरता से लेते हुए विभाग द्वारा फरार शिक्षकों पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।