पटना.स्वयं सहायता भत्ता योजना के लिए चयनित उम्मीदवारों को
शपथ पत्र देना होगा। ऐसे सभी उम्मीदवारों को जिला निबंधन और परामर्श
केंद्रों पर अलग-अलग तिथियों पर बुलाया जाएगा। इसकी जानकारी उनको एसएमएस और
फोन पर दी जाएगी। वहां योजना विभाग और शिक्षा विभाग के अफसरों के सामने वे
पढ़ाई छोड़ कर नौकरी तलाशने की स्वघोषणा से संबंधित शपथ पत्र देंगे। निबंधन
केंद्रों पर बड़ी तादाद में निर्धारित मानक से अलग आवेदन मिले हैं। कई आवेदन
उच्च शिक्षा में अध्ययनरत हैं तो कुछ भी नौकरी कर रहे हैं। शुक्रवार को
योजना और विकास विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को इस मामले में कार्रवाई का
आदेश दिया।
इस योजना के तहत नए
आवेदकों को स्कूल या कॉलेज से 12वीं का परित्याग प्रमाणपत्र भी देना होगा।
जिन आवेदकों ने पहले ही आवेदन दिया था वे स्वघोषणा करके बताएंगे कि
इंटरमीडिएट उत्तीर्ण करने के बाद क्या कोई उच्चतर शैक्षणिक डिग्री ली है या
उच्चतर शैक्षणिक पाठ्यक्रम में अध्ययनरत है अथवा वह नौकरी-रोजगार कर रहे
हैं। सूचना गलत होने पर आवेदक के खिलाफ कार्रवाई होगी और राशि की वसूली भी।
स्वयं सहायता भत्ता योजना में 20-25 वर्ष उम्र के बीच के वैसे युवा जो
12वीं कक्षा या उसके समकक्ष परीक्षा पास करने के बाद आर्थिक कठिनाई के कारण
पढ़ाई छोड़ कर रोजगार की तलाश में लग जाते हैं, उनको नौकरी तलाशने के लिए दो
वर्ष तक हरेक माह 1000 रुपए दिए जाएंगे।
अध्ययनरत आवेदकों को मिलेगा स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड का विकल्प
स्वयं
सहायता भत्ता योजना के लिए आवेदन करने वाले अध्ययनरत युवाओं के सामने
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना से जुड़ने का विकल्प रखा जाएगा। ऐसे आवेदकों
को निबंधन और परामर्श केंद्रों पर बुला कर उन्हें स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड
योजना की जानकारी दी जाएगी।
स्टूडेंट
क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 12वीं पास छात्र-छात्रा बीए, बीएससी,
इंजीनियरिंग, मेडिकल, प्रबंधन और विधि की पढ़ाई के लिए कर्ज ले सकेंगे। कर्ज
की अधिकतम सीमा कुछ भी हो सकती है लेकिन राज्य सरकार चार लाख रुपए तक के
मूलधन और ब्याज पर बैंकों को गारंटी देगी।