मरौना (सं.सू.)। डीपीओ स्थापना के आदेश के बाद भी निलंबित शिक्षक
को न तो निलंबनमुक्त किया गया और न ही उनकी पदस्थापना स्कूल में हुई। यही
नहीं मामले को लेकर डीपीओ स्थापना और नियोजन इकाई में रार भी दिख रहा है।
मामला ने उत्क्रमित मध्य विद्यालय बोदराही से जुड़ा हुआ है।
बताया जा रहा है कि यहां के एक शिक्षक दयानंद सरस्वती को एमडीएम के चावल चोरी के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। बाद में हुई जांच के बाद डीपीओ स्थापना अमर भूषण ने बीडीओ सह सचिव और प्रखंड शिक्षक नियोजन इकाई को 18 नवम्बर को पत्र लिखकर श्री सरस्वती को निलंबन मुक्त करते हुए उसी स्कूल में पदस्थापित करने का निर्देश दिया था। लेकिन निर्देश के एक माह बीत जाने के बाद भी बीडीओ सह प्रखंड नियोजन इकाई ने शिक्षक को निलंबन से मुक्त नहीं किया। उसी पत्र के आलोक में 10 दिसम्बर को स्कूल में पदस्थापित शिक्षक बिहारी यादव को निलंबित कर दिया गया। स्कूल में चार शिक्षक पदस्थापित थे और 533 बच्चे नामांकित हैं। इसमें दो शिक्षकों को निलंबित कर दिये जाने से बच्चों के पठन-पाठन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। क्या था मामला। उत्क्रमित मध्य विद्यालय बोदराही की जांच के बाद डीपीओ, एमडीएम ने 13 अप्रैल को एमडीएम का चावल चोरी करने के आरोप में दयानंद सरस्वती के खिलाफ विभागीय कार्रवाई कर बीडीओ सह नियोजन इकाई से उनके निलंबन की अनुशंसा की थी। इसके बाद श्री सरस्वती को निलंबित कर दिया गया। तब श्री सरस्वती ने डीएम से गुहार लगायी। डीएम ने एसडीएम से मामले की जांच करायी। एसडीएम ने 9 अगस्त को रिपोर्ट की जिसमें श्री सरस्वती पर लगाये गये चावल चोरी करने के आरोप से उन्हें मुक्त कर दिया और स्कूल में पदस्थापित शिक्षक बिहारी यादव पर दैनिक उपस्थिति पंजी में क्रॉस हस्ताक्षर कॉलम में बिना किसी उच्चाधिकारी के आदेश के ही मनमाने तरीके से हस्ताक्षर बना लेने का आरोप लगाया गया। बिहारी यादव से शोकॉज भी मांगा गया। श्री यादव शो कॉज का संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। जांच रिपोर्ट और ग्रामीणों के आवेदन के आलोक में प्रखंड शिक्षक दयानंद सरस्वती को निलंबन मुक्त कर बोदराही उत्क्रमित मध्य विद्यालय में पदस्थापित करने और बिहारी यादव को निलंबित करने का आदेश दिया गया। मजेदार बात है कि उस पत्र के आलोक में बीडीओ सह प्रखंड नियोजन इकाई ने बिहारी यादव को तो निलंबित कर दिया लेकिन दयानंद सरस्वती को निलंबन से आज तक मुक्त नहीं किया गया। शिक्षक दयानंद सरस्वती ने बताया कि निलंबन से पूर्व 13 अगस्त की रात अचानक बीमार पड़ जाने से 14 अगस्त को स्कूल प्रशासनिक प्रभार शिक्षिका शालिनी कुमारी को सौंप दिया गया। इसकी एक रिपोर्ट बीईओ को भी दी गयी है। इसी क्रम में प्रभार लेने से पहले ही 30 अगस्त को बीडीओ द्वारा भेजे गये निलंबन पत्र निबंधित डाक के माध्यम से प्राप्त हुआ। जिसको लेकर दोबारा प्रभार ग्रहण नहीं किया गया।
बताया जा रहा है कि यहां के एक शिक्षक दयानंद सरस्वती को एमडीएम के चावल चोरी के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। बाद में हुई जांच के बाद डीपीओ स्थापना अमर भूषण ने बीडीओ सह सचिव और प्रखंड शिक्षक नियोजन इकाई को 18 नवम्बर को पत्र लिखकर श्री सरस्वती को निलंबन मुक्त करते हुए उसी स्कूल में पदस्थापित करने का निर्देश दिया था। लेकिन निर्देश के एक माह बीत जाने के बाद भी बीडीओ सह प्रखंड नियोजन इकाई ने शिक्षक को निलंबन से मुक्त नहीं किया। उसी पत्र के आलोक में 10 दिसम्बर को स्कूल में पदस्थापित शिक्षक बिहारी यादव को निलंबित कर दिया गया। स्कूल में चार शिक्षक पदस्थापित थे और 533 बच्चे नामांकित हैं। इसमें दो शिक्षकों को निलंबित कर दिये जाने से बच्चों के पठन-पाठन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। क्या था मामला। उत्क्रमित मध्य विद्यालय बोदराही की जांच के बाद डीपीओ, एमडीएम ने 13 अप्रैल को एमडीएम का चावल चोरी करने के आरोप में दयानंद सरस्वती के खिलाफ विभागीय कार्रवाई कर बीडीओ सह नियोजन इकाई से उनके निलंबन की अनुशंसा की थी। इसके बाद श्री सरस्वती को निलंबित कर दिया गया। तब श्री सरस्वती ने डीएम से गुहार लगायी। डीएम ने एसडीएम से मामले की जांच करायी। एसडीएम ने 9 अगस्त को रिपोर्ट की जिसमें श्री सरस्वती पर लगाये गये चावल चोरी करने के आरोप से उन्हें मुक्त कर दिया और स्कूल में पदस्थापित शिक्षक बिहारी यादव पर दैनिक उपस्थिति पंजी में क्रॉस हस्ताक्षर कॉलम में बिना किसी उच्चाधिकारी के आदेश के ही मनमाने तरीके से हस्ताक्षर बना लेने का आरोप लगाया गया। बिहारी यादव से शोकॉज भी मांगा गया। श्री यादव शो कॉज का संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। जांच रिपोर्ट और ग्रामीणों के आवेदन के आलोक में प्रखंड शिक्षक दयानंद सरस्वती को निलंबन मुक्त कर बोदराही उत्क्रमित मध्य विद्यालय में पदस्थापित करने और बिहारी यादव को निलंबित करने का आदेश दिया गया। मजेदार बात है कि उस पत्र के आलोक में बीडीओ सह प्रखंड नियोजन इकाई ने बिहारी यादव को तो निलंबित कर दिया लेकिन दयानंद सरस्वती को निलंबन से आज तक मुक्त नहीं किया गया। शिक्षक दयानंद सरस्वती ने बताया कि निलंबन से पूर्व 13 अगस्त की रात अचानक बीमार पड़ जाने से 14 अगस्त को स्कूल प्रशासनिक प्रभार शिक्षिका शालिनी कुमारी को सौंप दिया गया। इसकी एक रिपोर्ट बीईओ को भी दी गयी है। इसी क्रम में प्रभार लेने से पहले ही 30 अगस्त को बीडीओ द्वारा भेजे गये निलंबन पत्र निबंधित डाक के माध्यम से प्राप्त हुआ। जिसको लेकर दोबारा प्रभार ग्रहण नहीं किया गया।