बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदार नाथ पाण्डेय एवं महासचिव
शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि राज्य सरकार द्वारा
नियोजन के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए
और नियमित वेतनमान पर योग्य एवं कुशल शिक्षक की नियुक्ति की प्रक्रिया
प्रारंभ की जाए।
संघ ने कहा कि कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में गठित नई शिक्षा नीति के प्रारूप में शिक्षामित्र, पारा शिक्षक, संविदा शिक्षक अथवा कम वेतन पर नियोजन या नियुक्ति नहीं करने की स्पष्ट अनुशंसा है। साथ ही शिक्षकों द्वारा गैर शैक्षणिक कार्य करने की सख्त मनाही भी है। शिक्षा नीति के इस प्रारूप में शिक्षक अध्याय के निष्कर्ष में उक्त आयोग की स्पष्ट अनुशंसा है कि जबतक शिक्षकों का आकर्षक, सम्मानजनक तथा गरिमापूर्ण वेतनमान नहीं होगा तब तक शिक्षा में गुणात्मक विकास असंभव है।
नियोजन में आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों को मिले लाभ
पटना| बीएड उत्तीर्ण छात्र संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव ने कहा है कि प्रारंभिक शिक्षकों के नियोजन में सीटेट के मार्क्स को आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए काम करना स्वागतयोग्य है, लेकिन आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों के साथ सौतेला व्यवहार किया गया है। बिहार सरकार को भी प्रारंभिक शिक्षक नियोजन में नई आरक्षण व्यवस्था को लागू करना चाहिए।
संघ ने कहा कि कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में गठित नई शिक्षा नीति के प्रारूप में शिक्षामित्र, पारा शिक्षक, संविदा शिक्षक अथवा कम वेतन पर नियोजन या नियुक्ति नहीं करने की स्पष्ट अनुशंसा है। साथ ही शिक्षकों द्वारा गैर शैक्षणिक कार्य करने की सख्त मनाही भी है। शिक्षा नीति के इस प्रारूप में शिक्षक अध्याय के निष्कर्ष में उक्त आयोग की स्पष्ट अनुशंसा है कि जबतक शिक्षकों का आकर्षक, सम्मानजनक तथा गरिमापूर्ण वेतनमान नहीं होगा तब तक शिक्षा में गुणात्मक विकास असंभव है।
नियोजन में आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों को मिले लाभ
पटना| बीएड उत्तीर्ण छात्र संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव ने कहा है कि प्रारंभिक शिक्षकों के नियोजन में सीटेट के मार्क्स को आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए काम करना स्वागतयोग्य है, लेकिन आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों के साथ सौतेला व्यवहार किया गया है। बिहार सरकार को भी प्रारंभिक शिक्षक नियोजन में नई आरक्षण व्यवस्था को लागू करना चाहिए।