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माध्यमिक शिक्षक नियोजन हेतु अनुमोदित आरक्षण रोस्टर पर उठा सवाल

बिहार सरकार सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा वर्ष 2019 में जारी मॉडल आरक्षण रोस्टर में दिव्यांग के लिए सीट निर्धारित नहीं रहने के बावजूद प्रकाशित विज्ञापन में 27 पद को दिव्यांग के लिए कर दिया है आरक्षित
-सामाजिक कार्यकर्ता ने आरक्षण नियमावली के तहत रोस्टर विदु निर्धारित करते हुए नए सिरे से विज्ञापन प्रकाशित करने का किया अनुरोध

जागरण संवाददाता, सुपौल: माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक नियोजन हेतु शिक्षा विभाग द्वारा अनुमोदित आरक्षण रोस्टर के आलोक में सचिव नियोजन इकाई सह उप विकास आयुक्त एवं कार्यपालक पदाधिकारी नगरपरिषद सुपौल द्वारा प्रकाशित विज्ञापन में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा निर्गत आरक्षण मॉडल रोस्टर के उल्लंघन होने का मामला प्रकाश में आया है। बिहार सरकार सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा वर्ष 2019 में जारी मॉडल आरक्षण रोस्टर में दिव्यांग के लिए सीट निर्धारित नहीं रहने के बावजूद प्रकाशित विज्ञापन में 27 पद को दिव्यांग के लिए आरक्षित कर दिया गया है जिसमें 23 पद दृष्टिबाधित दिव्यांग के लिए आरक्षित है। भ्रष्टाचार मुक्त जागरूकता अभियान के अनिल कुमार सिंह ने राज्य लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी पटना सहित एवं सामान्य प्रशासन विभाग तथा शिक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारी को पत्र लिखकर शिक्षा विभाग के द्वारा अनुमोदित रोस्टर के आधार पर उपविकास आयुक्त एवं कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद द्वारा माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों के छठे चरण के नियोजन हेतु प्रकाशित विज्ञापन को रद्द करते हुए आरक्षण नियमावली के तहत रोस्टर बिदु निर्धारित करते हुए नए सिरे से विज्ञापन प्रकाशित करने का अनुरोध किया है। श्री सिंह ने कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग बिहार सरकार ने अपने कार्यालय पत्रांक 2622 दिनांक 26 फरवरी 2019 के द्वारा 1 मॉडल रोस्टर का निर्धारण किया है। जिसमें 1 से लेकर 100 तक के बिदुओं का कोटिवार निर्धारण किया गया है जिसमें किसी भी बिदु पर दिव्यांग के लिए सीट आरक्षित नहीं किया गया है। जबकि प्रकाशित विज्ञापन में सभी विषय का पहला पद को दिव्यांग के लिए आरक्षित कर दिया गया है जो स्पष्ट आदर्श रोस्टर का उल्लंघन है।

सचिव नियोजन सह कार्यपालक पदाधिकारी नगरपरिषद सुपौल द्वारा प्रकाशित विज्ञापन में उच्च माध्यमिक शिक्षक नियोजन हेतु कुल पदों की संख्या 43 है। 5 पद अनारक्षित कोटि के लिए जबकि दृष्टि बाधित दिव्यांग के लिए 10 पद को आरक्षित कर दिया गया है। इसी प्रकार नगर माध्यमिक शिक्षक नियोजन के लिए कुल पदों की संख्या 3 है जिसमें से 2 पद को ²ष्टि बाधित दिव्यांग के लिए आरक्षित कर दिया गया है। सुपौल नगरपरिषद माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों के नियोजन में 6 पद अनारक्षित कोटि के लिए। जबकि 12 पद दृष्टि बाधित दिव्यांग के लिए आरक्षित कर दिया गया है।
जिला परिषद उच्च माध्यमिक शिक्षकों के लिए कुल पदों की संख्या 220 है जिसमें 37 पद अनारक्षित है। जबकि 9 पद को दृष्टि बाधित दिव्यांग के लिए आरक्षित कर दिया गया है। जिला परिषद माध्यमिक नियोजन के लिए कुल 213 पद प्रकाशित किया गया है जिसमें से 38 पद अनारक्षित है। जबकि 6 पद दिव्यांग के लिए आरक्षित कर दिया गया है। जिसमें से 2 पद दृष्टि बाधित एवं 4 पद श्रवण बाधित के लिए है।
कहा है कि शिक्षक नियोजन हेतु पूर्व के प्रथम चरण से पांचवे चरण के नियोजन में पदाधिकारियों की गलती के कारण अभ्यर्थियों को खामियाजा भुगतना पड़ा है। कई मामले में नियोजन इकाई पर कार्रवाई भी हुई है। निगरानी एवं विभाग के द्वारा पदाधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा भी दर्ज किया गया है एवं कई पदाधिकारियों को निलंबित भी किया गया है। फिर भी छठे चरण के नियोजन में भी पदाधिकारी धांधली करने पर आमदा हैं।

मामले की जांच कर दोषी पदाधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए नये आरक्षण नियमावली के तहत पुन: विज्ञापन प्रकाशित करने का सरकार से अनुरोध किया है।

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