पटना [स्टेट ब्यूरो]। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की
अध्यक्षता में सोमवार को संपन्न बिहार कैबिनेट की बैठक में 63 एजेंडे पर
मुहर लगी। देर शाम शुरू हुई कैबिनेट की बैठक रात तक चली। बैठक में सभी गैर
सरकारी सहायता प्राप्त प्रांरंभिक विद्यालयों के शिक्षकों व शिक्षकेतर
कर्मियों के लिए सातवें वेतनमान को स्वीकृति दी गई। साथ ही सचिवालय सेवा
के पुनर्गठन सहित बन्य कई बड़े फैसले लिए गए।
शिक्षा से जुड़े कई अहम फैसलेकैबिनेट में शिक्षा से जुड़े कई अहम फैसले लिए गए हैं। राज्य के विश्वविद्यालयों एवं कालेजों के सेवानिवृत्त एवं मृत शिक्षकों की पारिवारिक पेंशन को केंद्र सरकार के पेंशन पुनरीक्षण आदेश के आलोक में पुनरीक्षित किया गया है। इसी तरह जिन पंचायतों में माध्यमिक विद्यालय नहीं हैं, वहां के उत्क्रमित इंटर स्कूलों में आधारभूत संरचना के विकास के लिए 12 अरब 17 करोड़ 29 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। ऐसे पंचायतों की संख्या 513 है, जहां प्रत्येक स्कूल को दो करोड़ 37 लाख 29 हजार रुपये की दर से दिए जाएंगे। राज्य सरकार ने तुरंत प्रभाव से 20 करोड़ 50 लाख रुपये जारी कर दिए गए हैं।
राज्य के 947 नए बने प्राथमिक स्कूलों में दो शौचालय एवं एक चापाकल लगाने के लिए 191 करोड़ 39 लाख 84 हजार 438 रुपये व्यय की स्वीकृति दी गई है। 49.93 करोड़ रुपये जारी भी कर दिए गए। मान्यता प्राप्त अराजकीय अल्पसंख्यक माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को भी सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के 11 एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के 111 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है। नालंदा खुला विश्वविद्यालय पटना में 89 विभिन्न पदों का सृजन किया गया है। साथ ही इसके विभिन्न भवनों के निर्माण एवं अन्य कार्यों के लिए 89.24 करोड़ की मंजूरी दी गई है। 10 करोड़ रुपये तुरंत भुगतान किया जाएगा।
राज्य के 1128 मदरसों में 15 फरवरी 2011 के बाद नियुक्त एवं विधिवत रूप से कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को पुनरीक्षित वेतनमान की स्वीकृति दी गई है। यह वेतनमान अधिसूचना की तिथि से प्रभावी होगा। इसी तरह राज्य के 1119 वित्त रहित मदरसों एवं नौ बालिका मदरसों समेत मान्यता प्राप्त 531 संस्कृत विद्यालयों में स्वीकृत पदों पर कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को भी अधिसूचना की तिथि से सातवां वेतनमान दिया जाएगा।
शिक्षा से जुड़े कई अहम फैसलेकैबिनेट में शिक्षा से जुड़े कई अहम फैसले लिए गए हैं। राज्य के विश्वविद्यालयों एवं कालेजों के सेवानिवृत्त एवं मृत शिक्षकों की पारिवारिक पेंशन को केंद्र सरकार के पेंशन पुनरीक्षण आदेश के आलोक में पुनरीक्षित किया गया है। इसी तरह जिन पंचायतों में माध्यमिक विद्यालय नहीं हैं, वहां के उत्क्रमित इंटर स्कूलों में आधारभूत संरचना के विकास के लिए 12 अरब 17 करोड़ 29 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। ऐसे पंचायतों की संख्या 513 है, जहां प्रत्येक स्कूल को दो करोड़ 37 लाख 29 हजार रुपये की दर से दिए जाएंगे। राज्य सरकार ने तुरंत प्रभाव से 20 करोड़ 50 लाख रुपये जारी कर दिए गए हैं।
राज्य के 947 नए बने प्राथमिक स्कूलों में दो शौचालय एवं एक चापाकल लगाने के लिए 191 करोड़ 39 लाख 84 हजार 438 रुपये व्यय की स्वीकृति दी गई है। 49.93 करोड़ रुपये जारी भी कर दिए गए। मान्यता प्राप्त अराजकीय अल्पसंख्यक माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को भी सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के 11 एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के 111 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है। नालंदा खुला विश्वविद्यालय पटना में 89 विभिन्न पदों का सृजन किया गया है। साथ ही इसके विभिन्न भवनों के निर्माण एवं अन्य कार्यों के लिए 89.24 करोड़ की मंजूरी दी गई है। 10 करोड़ रुपये तुरंत भुगतान किया जाएगा।
राज्य के 1128 मदरसों में 15 फरवरी 2011 के बाद नियुक्त एवं विधिवत रूप से कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को पुनरीक्षित वेतनमान की स्वीकृति दी गई है। यह वेतनमान अधिसूचना की तिथि से प्रभावी होगा। इसी तरह राज्य के 1119 वित्त रहित मदरसों एवं नौ बालिका मदरसों समेत मान्यता प्राप्त 531 संस्कृत विद्यालयों में स्वीकृत पदों पर कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को भी अधिसूचना की तिथि से सातवां वेतनमान दिया जाएगा।