बिहार कैसे होगा डिजिटल, 874 स्कूलों में बंद हो गई कंप्यूटर की पढ़ाई, जानें मामला

पटना [दीनानाथ साहनी]। यह हैरतअगेंज है। शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा जिस जहानाबाद से आते हैं, उस जिले के सरकारी हाईस्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षा न केवल बेहाल है, बल्कि पूरे प्रदेश में 874 हाईस्कूलों में कम्प्यूटर की पढ़ाई बंद हो चुकी है।
एक तरफ पूरा देश डिजिटल हो रहा है, वहीं बिहार के स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षा के लिए न योग्य शिक्षक हैं, न संसाधन। ऐसे में सबसे अहम सवाल है कि बिहार कैसे डिजिटल होगा। स्कूलों में शिक्षकों की कमी से रखे कम्प्यूटर बेकार पड़े हैं। शिक्षा विभाग का दावा भी दिलचस्प नहीं है- कम्प्यूटर शिक्षा के नाम पर 126 करोड़ खर्च हो चुके हैं। अगर इतनी राशि खर्च हुई है, तो खुद व्यवस्था से जुड़े अफसर कठघरे में हैं।
ट्रेंड मास्टर भी नहीं इस्तेमाल करते कम्प्यूटर
लोक सूचना का अधिकार (आरटीआइ) कानून की अर्जियों से सरकारी हाईस्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षा के नाम पर धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है। राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआइसी) के सहयोग से जिन विज्ञान विषय के शिक्षकों को कम्प्यूटर की बेसिक ट्रेनिंग दिलायी गई थी, उन्हें स्कूलों में रखे कम्प्यूटर का ही इस्तेमाल करना नहीं आता, जबकि शिक्षकों को कम्प्यूटर ट्रेनिंग दिलाने के नाम पर 2.4 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं।

3321 कम्प्यूटर शिक्षकों के पद खाली
इससे भी दिलचस्प यह जानकारी यह है कि राज्य भर में 3321 कम्प्यूटर शिक्षकों के पद खाली हैं। मजेदार बात यह कि शिक्षा विभाग द्वारा जिन 2163 कम्प्यूटर शिक्षकों को बहाल किया गया था, उनमें 85 परसेंट शिक्षकों को कम्प्यूटर का बेसिक नॉलेज भी नहीं है।

एक हजार स्कूलों में नहीं शुरू हुआ वर्चुअल क्लास
शिक्षा विभाग ने वर्ष 2017-18 के शैक्षणिक सत्र में एक हजार स्कूलों में वर्चुअल क्लास शुरू करने की घोषणा की थी, पर अब तक सरकार की घोषणा कागजी साबित हुई है। स्कूलों में छात्रों को वर्चुअल क्लास शुरू होने का इंतजार है। दरअसल शिक्षा विभाग के अफसर ही कम्प्यूटर की पढ़ाई के प्रति लापरवाही दिखाते रहे हैं। अफसरों को कम्प्यूटर शिक्षा के प्रति दिलचस्पी का यह नमूना है कि वर्ष 2007 से बिहार में कम्प्यूटर शिक्षा देने की योजना बनी, लेकिन उस योजना पर पांच साल बाद यानी 2012 के सितंबर में अमल हुआ। 5 सितंबर को स्कूलों में बिना तैयारी किये छात्रों को कम्प्यूटर शिक्षा देने की शुरुआत जरूर हुई, पर तब कम्प्यूटर पढ़ाने-सिखाने वाले शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई। आज स्थिति यह है कि कक्षा नौ से बारहवीं तक के छात्र-छात्राओं को कम्प्यूटर शिक्षा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।

वर्चुअल क्लास के लिए स्कूलों का नहीं हुआ चयन

आरटीआइ से मिली जानकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग ने वर्चुअल क्लास के लिए अभी तक हाईस्कूलों का मुकम्मल चयन नहीं किया है, जबकि पिछले साल ही हाईस्कूलों में वर्चुअल क्लास आरंभ होना था। वर्चुअल क्लास के लिए चयनित हाईस्कूलों में 10-10 कम्प्यूटर सेट लगाने हैं। वर्चुअल क्लास के लिए चयनित प्रत्येक हाईस्कूल में 60 लाख रुपए खर्च होंगे। शिक्षा विभाग के मुताबिक राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत वर्चुअल क्लास संचालित होना है। इसके तहत चयनित स्कूलों में पर्याप्त आधारभूत संरचना व इंटरनेट की सुविधा होगी। इसके बाद देश के विभिन्न हिस्सों में चल रहे वर्चुअल क्लास रूम ट्रांजेक्शन से भी जोड़ा जाएगा।

Recent Articles


teacher recruitment , primary teacher vacancy , samvida shikshak , shikshak bharti , shikshak shikshak , atithi shikshak , shikshak bharti 2019 , shikshak bharti news today , shikshak bharti application , pavitra portal shikshak bharti 2019 , shikshak bharti merit list , shikshak bharti qualification , prathmik shikshak bharti , sahayak adhyapak bharti 2019 , sahayak adhyapak bharti pariksha 2019 , sahayak adhyapak bharti news , sahayak adhyapak bharti latest news , 12460 sahayak adhyapak bharti counselling , sahayak adhyapak bharti news today