बक्सर । नावानगर प्रखंड में बहाल फर्जी शिक्षकों की जांच के मुद्दे पर विभाग के अधिकारियों की चुप्पी चौंकाने वाली है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) ने प्रत्र जारी कर जिस मामले को चौबीस घंटे के अंदर उद्भेदन का प्रयास किया था। जो एक माह बाद भी अनसुलझी पहेली बनी हुई है। नावानगर बीईओ द्वारा भेजे गए वेतन भुगतान विवरणी के क्रमवार जिन छह नामों पर डीपीओ द्वारा सवाल खड़े किए गए थे, वह आज भी रहस्य के दायरे में है।
पत्र के एक माह बाद भी डीपीओ रामेश्वर प्रसाद को खुद नहीं पता कि चिन्हित नाम वाले कथित फर्जी शिक्षक नावानगर प्रखंड के किस स्कूल में पदस्थापित हैं तथा उनका कार्य स्वरूप क्या हैं। विभाग के सूत्र बताते हैं कि इन शिक्षकों के साथ ही दो दर्जन से अधिक शिक्षकों की फर्जी बहाली पर कार्यालय मामले पर कुंडली मारकर बैठा है। इस मामले में बीईओ अनंत कुमार का वेतन भी पिछले एक माह से बंद है। सूत्र बताते हैं कि जिले में पूर्व से बहाल फर्जी शिक्षकों की संख्या सैकड़ों में है। निगरानी जांच पूरा नहीं होने का भरपूर लाभ इन शिक्षकों को मिल रहा है। क्या है मामला जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) द्वारा 22 जनवरी 19 दिए गए पत्र में इसका खुलासा किया गया है कि प्रखंड शिक्षा पदा. नावानगर द्वारा माह अक्टूबर 2018 के वेतन भुगतान विवरणी में डीपीओ स्थापना द्वारा जांच किए जाने के बाद क्रमवार छह शिक्षकों के नाम का मिलान नहीं हुआ। जबकि, पूर्व में भी डीपीओ द्वारा दिए गए निर्देश में वेतन भुगतान विवरणी में क्रमवार दिए गए शिक्षकों की नियुक्ति पत्र, शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र की छायाप्रति भी उपलब्ध कराने की बात कही गई थी। ताकि, विभाग को जानकारी मिले कि वेतन भुगतान विवरणी माह फरवरी 17 में अंकित ये शिक्षक किन-किन विद्यालयों में कार्यरत हैं। लेकिन, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा ऐसा नहीं किया गया। नतीजतन, जहां बीईओ का वेतन अभी तक बंद है। वहीं, शिक्षा विभाग इसे वित्तीय अनियमितता का मामला बताते हुए जांच की बात कह रहा है। कहते हैं डीपीओ नावानगर बीईओ द्वारा अक्टूबर 18 के वेतन भुगतान विवरणी में भेजे गए शिक्षकों के बारे में अभी तक पता नहीं चला है कि आखिर ये शिक्षक किन स्कूलों में पदस्थापित हैं। जिसके चलते इनका वेतन अभी तक बंद है।
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रामेश्वर प्रसाद, डीपीओ (कार्यक्रम)।
पत्र के एक माह बाद भी डीपीओ रामेश्वर प्रसाद को खुद नहीं पता कि चिन्हित नाम वाले कथित फर्जी शिक्षक नावानगर प्रखंड के किस स्कूल में पदस्थापित हैं तथा उनका कार्य स्वरूप क्या हैं। विभाग के सूत्र बताते हैं कि इन शिक्षकों के साथ ही दो दर्जन से अधिक शिक्षकों की फर्जी बहाली पर कार्यालय मामले पर कुंडली मारकर बैठा है। इस मामले में बीईओ अनंत कुमार का वेतन भी पिछले एक माह से बंद है। सूत्र बताते हैं कि जिले में पूर्व से बहाल फर्जी शिक्षकों की संख्या सैकड़ों में है। निगरानी जांच पूरा नहीं होने का भरपूर लाभ इन शिक्षकों को मिल रहा है। क्या है मामला जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) द्वारा 22 जनवरी 19 दिए गए पत्र में इसका खुलासा किया गया है कि प्रखंड शिक्षा पदा. नावानगर द्वारा माह अक्टूबर 2018 के वेतन भुगतान विवरणी में डीपीओ स्थापना द्वारा जांच किए जाने के बाद क्रमवार छह शिक्षकों के नाम का मिलान नहीं हुआ। जबकि, पूर्व में भी डीपीओ द्वारा दिए गए निर्देश में वेतन भुगतान विवरणी में क्रमवार दिए गए शिक्षकों की नियुक्ति पत्र, शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र की छायाप्रति भी उपलब्ध कराने की बात कही गई थी। ताकि, विभाग को जानकारी मिले कि वेतन भुगतान विवरणी माह फरवरी 17 में अंकित ये शिक्षक किन-किन विद्यालयों में कार्यरत हैं। लेकिन, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा ऐसा नहीं किया गया। नतीजतन, जहां बीईओ का वेतन अभी तक बंद है। वहीं, शिक्षा विभाग इसे वित्तीय अनियमितता का मामला बताते हुए जांच की बात कह रहा है। कहते हैं डीपीओ नावानगर बीईओ द्वारा अक्टूबर 18 के वेतन भुगतान विवरणी में भेजे गए शिक्षकों के बारे में अभी तक पता नहीं चला है कि आखिर ये शिक्षक किन स्कूलों में पदस्थापित हैं। जिसके चलते इनका वेतन अभी तक बंद है।
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