पटना:बिहार
के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक नया नारा दिया हैं ‘पढ़ेगा बिहार तो
बढ़ेगा बिहार और पढ़ेगा नहीं तो बढ़ेगा नहीं'. नीतीश कुमार सोमवार को
मौलाना मजहरूल हक अरबी व फारसी विश्वविद्यालय के
शिलान्यास कार्यक्रम में बोल रहे थे. नीतीश ने इस अवसर पर मदरसा के नियमित शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग के अनुसार और मदरसा के नियोजित शिक्षकों को अन्य नियोजित शिक्षकों के अनुरूप वेतन देने की घोषणा की. लोक सभा चुनाव पूर्व मुस्लिम समुदाय के शिक्षकों की उपस्थिति में मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने बार-बार कहा कि उन्होंने जो कहा वो किया हैं. और उनसे जितना बन पड़ा, उतना किया हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि आप लोगों ने जो मौका दिया हैं तो मेरा फर्ज हैं और मेरी ड्यूटी है कि आपकी खिदमत करे.
नीतीश कुमार ने भाषण के दौरान राजद अध्यक्ष लालू यादव का नाम नहीं लिया लेकिन उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ लोगों के पास जो काम करने वाले हैं, उनके पास धन कम है. बिना काम करने वालों के ने ज्यादा धन अर्जित किया है. फिर उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के दौरान मदरसा और संस्कृत शिक्षकों का क्या हाल था उसे याद रखिएगा और अब वर्तमान में क्या स्थिति है उसको भी ध्यान में रखें.
अपने भाषण के दौरान नीतीश कुमार ने अपनी सहयोगी भाजपा को भी नसीहत दी और कहा कि सब का विचार अपना अपना हो सकता है लेकिन एक दूसरे के प्रति इज्जत का भाव जरूरी है. लोग अफवाह फैलाने की कोशिश बहुत करते हैं लेकिन जिस समाज में टकराव नहीं होता है उसी समाज में सबसे ज्यादा प्रगति होती है.
शिलान्यास कार्यक्रम में बोल रहे थे. नीतीश ने इस अवसर पर मदरसा के नियमित शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग के अनुसार और मदरसा के नियोजित शिक्षकों को अन्य नियोजित शिक्षकों के अनुरूप वेतन देने की घोषणा की. लोक सभा चुनाव पूर्व मुस्लिम समुदाय के शिक्षकों की उपस्थिति में मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने बार-बार कहा कि उन्होंने जो कहा वो किया हैं. और उनसे जितना बन पड़ा, उतना किया हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि आप लोगों ने जो मौका दिया हैं तो मेरा फर्ज हैं और मेरी ड्यूटी है कि आपकी खिदमत करे.
नीतीश कुमार ने भाषण के दौरान राजद अध्यक्ष लालू यादव का नाम नहीं लिया लेकिन उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ लोगों के पास जो काम करने वाले हैं, उनके पास धन कम है. बिना काम करने वालों के ने ज्यादा धन अर्जित किया है. फिर उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के दौरान मदरसा और संस्कृत शिक्षकों का क्या हाल था उसे याद रखिएगा और अब वर्तमान में क्या स्थिति है उसको भी ध्यान में रखें.
अपने भाषण के दौरान नीतीश कुमार ने अपनी सहयोगी भाजपा को भी नसीहत दी और कहा कि सब का विचार अपना अपना हो सकता है लेकिन एक दूसरे के प्रति इज्जत का भाव जरूरी है. लोग अफवाह फैलाने की कोशिश बहुत करते हैं लेकिन जिस समाज में टकराव नहीं होता है उसी समाज में सबसे ज्यादा प्रगति होती है.