औरंगाबाद। सरकारी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को स्कूल मॉनीटरिग एप
सिस्टम का प्रशिक्षण प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र डायट तरार में दिया
गया। प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ
गोपगुट के प्रवक्ता प्रधानाध्यापक गोपेंद्र कुमार सिन्हा गौतम बताया कि इस एप के माध्यम से विद्यालय के शिक्षकों अन्य सहयोगी कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों का उपस्थिति दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा मध्याह्न भोजन मिड डे मील का पर्यवेक्षक भी इस एप के माध्यम से किया जाएगा। यह मॉनिटरिग एप विद्यालय के पांच सौ मीटर दायरे में कार्य करेगा। इसके द्वारा प्रतिदिन शिक्षकों अन्य कर्मचारियों तथा बच्चों का तस्वीर नियंत्रण कक्ष को तीन बार भेजा जाएगा। विद्यालय पहुंचने का समय मध्याह्न भोजन के समय और विद्यालय छोड़ते समय का तस्वीर लिया जाना है। यह प्रशिक्षण दो सत्र में संचालित हुआ। प्रशिक्षण में बीआरपी धर्मेंद्र कुमार, सुमन कुमार, सीआरसी मिथिलेश कुमार सिंह, प्रधानाध्यापक मधेश्वर सिंह, कमेश, सुरेश सिंह, पूनम कुमारी, लीला कुमारी, इंदु कुमारी समेत नौ संकुल के सभी प्रधानाध्यापकों प्रशिक्षण प्राप्त किया। शेष बचे चार संकुल के प्रधानाध्यापकों को शनिवार को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रधानाध्यापकों ने प्रशिक्षण में व्यापक रुचि लिया, लेकिन तकनीकी जानकारी के अभाव में कुछ शिक्षक परेशान भी नजर आए और उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा सेवा के आखिरी पड़ाव पर सरकार हमें नई तकनीक के माध्यम से परेशान कर रही है। अवकाश प्राप्त करने के समय यह सिस्टम हमारे जी का जंजाल बन रहा है, न तो हमारे पास एंड्राइड मोबाइल है और ना ही हमें इसके बारे में तकनीकी जानकारी है। विदित हो कि दाउदनगर से पहले औरंगाबाद जिले के रफीगंज और वह प्रखंड में स्कूल मॉनिटरिग एप का प्रशिक्षण के बाद ट्रायल शुरू हो गया है। प्रखंडों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है या अगले कुछ दिनों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस मॉनिटरिग सिस्टम से सरकारी विद्यालयों में शत प्रतिशत शिक्षक और बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है एवं अगर इसमें तकनीकी बाधा नहीं आया तो सफलता भी मिलने की पूरी संभावना है।
गोपगुट के प्रवक्ता प्रधानाध्यापक गोपेंद्र कुमार सिन्हा गौतम बताया कि इस एप के माध्यम से विद्यालय के शिक्षकों अन्य सहयोगी कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों का उपस्थिति दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा मध्याह्न भोजन मिड डे मील का पर्यवेक्षक भी इस एप के माध्यम से किया जाएगा। यह मॉनिटरिग एप विद्यालय के पांच सौ मीटर दायरे में कार्य करेगा। इसके द्वारा प्रतिदिन शिक्षकों अन्य कर्मचारियों तथा बच्चों का तस्वीर नियंत्रण कक्ष को तीन बार भेजा जाएगा। विद्यालय पहुंचने का समय मध्याह्न भोजन के समय और विद्यालय छोड़ते समय का तस्वीर लिया जाना है। यह प्रशिक्षण दो सत्र में संचालित हुआ। प्रशिक्षण में बीआरपी धर्मेंद्र कुमार, सुमन कुमार, सीआरसी मिथिलेश कुमार सिंह, प्रधानाध्यापक मधेश्वर सिंह, कमेश, सुरेश सिंह, पूनम कुमारी, लीला कुमारी, इंदु कुमारी समेत नौ संकुल के सभी प्रधानाध्यापकों प्रशिक्षण प्राप्त किया। शेष बचे चार संकुल के प्रधानाध्यापकों को शनिवार को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रधानाध्यापकों ने प्रशिक्षण में व्यापक रुचि लिया, लेकिन तकनीकी जानकारी के अभाव में कुछ शिक्षक परेशान भी नजर आए और उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा सेवा के आखिरी पड़ाव पर सरकार हमें नई तकनीक के माध्यम से परेशान कर रही है। अवकाश प्राप्त करने के समय यह सिस्टम हमारे जी का जंजाल बन रहा है, न तो हमारे पास एंड्राइड मोबाइल है और ना ही हमें इसके बारे में तकनीकी जानकारी है। विदित हो कि दाउदनगर से पहले औरंगाबाद जिले के रफीगंज और वह प्रखंड में स्कूल मॉनिटरिग एप का प्रशिक्षण के बाद ट्रायल शुरू हो गया है। प्रखंडों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है या अगले कुछ दिनों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस मॉनिटरिग सिस्टम से सरकारी विद्यालयों में शत प्रतिशत शिक्षक और बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है एवं अगर इसमें तकनीकी बाधा नहीं आया तो सफलता भी मिलने की पूरी संभावना है।