बक्सर। प्रखंड क्षेत्र के मसर्हियां स्कूल में कथित दबंगों द्वारा
परिसर में घुसकर गाली-गलौज और मारपीट के बाद स्कूल के शिक्षक दर-दर की
ठोकरें खाने को मजबूर हो गए। लेकिन, विभाग द्वारा कोई नोटिस नहीं लिया गया।
इसको लेकर स्कूल के शिक्षकों में मलाल है।
प्रधानाध्यापक प्रवीण कुमार ने बताया कि यहां विभाग द्वारा हाथ-पांव बांधकर युद्ध के मैदान में छोड़ दिया गया है। स्कूल परिसर में घुसकर गाली-गलौज और मारपीट की नौबत झेलने के बाद विभाग के सभी अधिकारियों के यहां आवेदन देकर गुहार लगाई गई। लेकिन, अधिकारियों द्वारा सहयोग के बजाए जगह सिर्फ राइट टू एजुकेशन के नाम पर फटकार मिली और सुरक्षा-व्यवस्था के नाम का मजाक बनाया गया।
हालांकि, बुधवार को बीईओ सहित तमाम शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा शिक्षा के अधिकार अधिनियम की अवहेलना करने पर कार्रवाई तथा हर जगह से फटकार मिलने के बाद तालाबंदी समाप्त कर सभी शिक्षकों द्वारा उक्त विद्यालय में पठन-पाठन कार्य प्रारम्भ किया गया। इधर, मुरार पुलिस स्कूल में घूसकर मारपीट और गाली-गलौज करने के मामले में प्रधानाध्यापक के बयान पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कर मामले की सघन छानबीन कर रही है।
क्या है मामला
मध्य विद्यालय मसर्हियां में शनिवार को गांव के कथित दबंगों द्वारा रसोईयां की बहाली को लेकर हेडमास्टर के साथ गाली-गलौज और मारपीट की गई थी। इसको लेकर हेडमास्टर ने थाना में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई और विभाग के सभी अधिकारियों के यहां आवेदन भी दिए। कार्रवाई नहीं होनें पर स्कूल में तालाबंदी कर पठन-पाठन ठप कर दिया गया। बीआरसी पर पहुंचे शिक्षकों को बीईओ द्वारा स्पष्ट कहा गया कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम की अवहेलना और पठन-पाठन बाधित करने पर कार्रवाई होगी। यह सुनकर शिक्षकों की बेचैनी बढ़ गई। न्याय की गुहार लेकर डीईओ के यहां जाने पर भी फटकार मिली। जिसके बाद बुधवार को स्कूल का ताला खोल पढ़ाई शुरू कर दी गई।
बयान
कोई भी असामाजिक तत्व स्कूल परिसर में घुसकर गाली-गलौज और मारपीट करता है तो प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी प्रक्रिया पर भरोसा करना चाहिए। इसमें बच्चों का क्या दोष है कि स्कूल बंद कर इन्हें पठन-पाठन कार्य से वंचित किया जा रहा है। शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत पठन-पाठन की राह में रोड़ा बनने वाले किसी के भी खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
शोएब अंसारी, बीईओ, चौगाईं।
प्रधानाध्यापक प्रवीण कुमार ने बताया कि यहां विभाग द्वारा हाथ-पांव बांधकर युद्ध के मैदान में छोड़ दिया गया है। स्कूल परिसर में घुसकर गाली-गलौज और मारपीट की नौबत झेलने के बाद विभाग के सभी अधिकारियों के यहां आवेदन देकर गुहार लगाई गई। लेकिन, अधिकारियों द्वारा सहयोग के बजाए जगह सिर्फ राइट टू एजुकेशन के नाम पर फटकार मिली और सुरक्षा-व्यवस्था के नाम का मजाक बनाया गया।
हालांकि, बुधवार को बीईओ सहित तमाम शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा शिक्षा के अधिकार अधिनियम की अवहेलना करने पर कार्रवाई तथा हर जगह से फटकार मिलने के बाद तालाबंदी समाप्त कर सभी शिक्षकों द्वारा उक्त विद्यालय में पठन-पाठन कार्य प्रारम्भ किया गया। इधर, मुरार पुलिस स्कूल में घूसकर मारपीट और गाली-गलौज करने के मामले में प्रधानाध्यापक के बयान पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कर मामले की सघन छानबीन कर रही है।
क्या है मामला
मध्य विद्यालय मसर्हियां में शनिवार को गांव के कथित दबंगों द्वारा रसोईयां की बहाली को लेकर हेडमास्टर के साथ गाली-गलौज और मारपीट की गई थी। इसको लेकर हेडमास्टर ने थाना में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई और विभाग के सभी अधिकारियों के यहां आवेदन भी दिए। कार्रवाई नहीं होनें पर स्कूल में तालाबंदी कर पठन-पाठन ठप कर दिया गया। बीआरसी पर पहुंचे शिक्षकों को बीईओ द्वारा स्पष्ट कहा गया कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम की अवहेलना और पठन-पाठन बाधित करने पर कार्रवाई होगी। यह सुनकर शिक्षकों की बेचैनी बढ़ गई। न्याय की गुहार लेकर डीईओ के यहां जाने पर भी फटकार मिली। जिसके बाद बुधवार को स्कूल का ताला खोल पढ़ाई शुरू कर दी गई।
बयान
कोई भी असामाजिक तत्व स्कूल परिसर में घुसकर गाली-गलौज और मारपीट करता है तो प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी प्रक्रिया पर भरोसा करना चाहिए। इसमें बच्चों का क्या दोष है कि स्कूल बंद कर इन्हें पठन-पाठन कार्य से वंचित किया जा रहा है। शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत पठन-पाठन की राह में रोड़ा बनने वाले किसी के भी खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
शोएब अंसारी, बीईओ, चौगाईं।