--> <!--Can't find substitution for tag [post.title]--> | The Bihar Teacher Times - बिहार शिक्षक नियोजन

LIVE : UPTET Result 2021

Breaking Posts

कोर्ट के आदेश में निम्नलिखित धारा का उल्लेख किया गया है, जिसके तहत शिक्षा मित्रों को उत्तर प्रदेश में नौकरी से हटने के लिए कहा गया है और जो बिहार पर भी लागू होता है

कोर्ट के आदेश में निम्नलिखित धारा का उल्लेख किया गया है, जिसके तहत शिक्षा मित्रों को उत्तर प्रदेश में नौकरी से हटने के लिए कहा गया है और जो बिहार पर भी लागू होता है।

____________________________
● एनसीटीई एक्ट 1993 के सेक्शन 32(2)(d) के अनुसार एनसीटीई के पास अध्यापक के पद के लिए न्यूनतम योग्यता का निर्धारण करने के लिए रेगुलेशन बनाने की शक्ति है।
● एनसीटीई रेगुलेशन 2001 के अनुसार अध्यापक बनने की योग्यता 'इंटरमीडिएट' तथा 'द्विवर्षीय बीटीसी' कोर्स है।
● बीएड को बीटीसी के बराबर नहीं कहा जा सकता।
● 1999 के बाद नियुक्त शिक्षा मित्र एनसीटीई रेगुलेशन 2001 में निहित न्यूनतम योग्यता पूरी नहीं करते अतः उनको शिक्षक नहीं कहा जा सकता।
● आरटीई एक्ट 2009 के सेक्शन 23(1) के अनुसार अध्यापक बनने हेतु एनसीटीई द्वारा विहित न्यूनतम योग्यता प्राप्त करना अनिवार्य है।
● सेक्शन 23(1) के क्रम में एनसीटीई ने 23 अगस्त 2010 को एक नोटिफिकेशन के माध्यम से अध्यापक बनने की न्यूनतम योग्यता 'इंटरमीडिएट' + 'द्विवर्षीय बीटीसी' + टीईटी कर दी।
● आरटीई एक्ट 2009 का सेक्शन 23(2) केंद्र सरकार को शक्ति देता है कि वह राज्य सरकारों को सेक्शन 23(1) में विहित न्यूनतम योग्यता से अधिकतम 5 साल की छूट दे सके।
● उपरोक्त छूट केवल तब ही दी जा सकती है जब सम्बन्धित राज्य में 'न्यूनतम योग्यता' रखने वाले लोग अथवा 'बीटीसी' प्रशिक्षण देने के लिए पर्याप्त संस्थान न हों।
● एनसीटीई एक्ट के प्रारम्भ के समय जो अध्यापक न्यूनतम योग्यता न धारण करते हों उनको ऐसी योग्यता धारण करने के लिए उनको 5 वर्ष का समय दिया गया।
● 23 अगस्त 2010 को एनसीटीई ने टीईटी पास करना अनिवार्य कर दिया।
● 23 अगस्त 2010 के नोटिफिकेशन के पैरा 4 में एनसीटीई ने मुख्यतः 3 श्रेणी के लोगों को टीईटी से छूट दी है।
१) ऐसे अध्यापक जिनकी नियुक्ति एनसीटीई के 3 सितम्बर 2001 के नोटिफिकशन के बाद तथा नोटिफिकेशन में विहित न्यूनतम योग्यता की शर्तों के अनुरूप हुई।
२) बीएड किये हुए लोग जिन्होंने 6 माह का विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण पूर्ण किया हो।
३) जिनकी नियुक्ति 3 सितम्बर 2001 के पूर्व हुई।
● शिक्षा मित्र उपरोक्त तीनों श्रेणियों में किसी में भी नहीं आते हैं।
● शिक्षा मित्रों की नियुक्ति अध्यापक सेवा नियमावली के तहत नही हुई
● आरटीई एक्ट 2009 के सेक्शन 23(2) के अंतर्गत दी जाने वाली 5 वर्ष की छूट केवल 'स्थायी नियुक्ति' पाए शिक्षकों के लिए है जिनका चयन अध्यापक सेवा नियमावली के अंतर्गत हुआ है अर्थात शिक्षा मित्रों को 5 साल वाली छूट का लाभ प्राप्त नहीं है।
● एनसीटीई के अनुसार 'टीईटी' को न्यूनतम अर्हता में रखने का कारण गुणवत्ता पूर्ण शिक्षण के राष्ट्रीय मानदंड स्थापित करना है।
● सेक्शन 23(1) में विहित न्यूनतम योग्यता से छूट देने का अधिकार सेक्शन 23(2) के अंतर्गत केवल केंद्र सरकार के पास है ।
● उपरोक्त छूट केवल एक बार के लिए दी गई है तथा भविष्य में ऐसी कोई छूट नहीं दी जाएगी। यह छूट केवल उन लोगों के लिए दी गई है जिन्होंने स्नातक 50% अंको के साथ उत्तीर्ण किया है तथा बी.एड. किया है। (केवल द्विवर्षीय बीटीसी करने से छूट दी गई है)
● शिक्षा मित्रों के लिए किसी भी राज्य सरकार द्वारा किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी जा सकती।
● राज्य सरकार को सेक्शन 23(1) में विहित न्यूनतम योग्यता से छूट देने का कोई अधिकार नहीं है।

*धन्यवाद*

Popular Posts

'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();