बिहार में शिक्षक बहाली की प्रक्रिया 2013 में आरम्भ में हुई। उससे पहले 2006 से 2012 तक शिक्षक बहाली नही बल्कि एक समायोजन हुआ था

दोस्तों कुछ जरूरी बातें जो आपको जाननी ही चाहिए........
बिहार में शिक्षक बहाली की प्रक्रिया 2013 में आरम्भ में हुई। उससे पहले 2006 से 2012 तक शिक्षक बहाली नही बल्कि एक समायोजन हुआ था।

RTE के गाइडलाइन्स के अनुसार TET उत्तीर्ण लोगों को शिक्षक के रूप में उसी वेतनमान पर और उसी सेवाशर्त पर नियुक्त करना था जो बिहार में पहले से जारी थी।
पर साथियों इन शिक्षामित्रों के कारण हमने क्या क्या खोया आइये जरा एक नज़र उस पर भी डालें..........
1--- RTE 2009 के अनुसार सरकार ने हमारी नियुक्ति नही करके नियोजन कर दिया क्योंकि बिहार में शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया में बेरोजगारों को रोजगार देकर जो वोट बैंक तैयार किया गया था सरकार उसका वोट खोना नही चाहती थी।
2--- बिहार में शिक्षामित्रों का समायोजन नियोजित शिक्षक के रूप में एक विशेष योजना के अंतर्गत हुआ था और कोई भी विशेष योजना परमानेंट नही हो सकती। मगर फिर भी सरकार ने उसे वेतनमान देने के चक्कर मे हमें भी 9300 के स्केल पे के बदले चाइनीज़ झुनझुना पकड़ा दिया क्योंकि हमसब भी उन शिक्षामित्र नेताओं के मार्गदर्शन में चल रहे थे ।
3--- संकल्प संख्या 1530 के अनुसार प्रशिक्षित होने की तिथि से 2 साल की सेवा प्रोबेशन अवधि मानकर हमलोगों को इन शिक्षामित्र नेताओं ने ग्रेड पे पर दो साल की बाध्यता रखवा दी और खुद इनलोगों ने प्रशिक्षित होने की तिथि से ही ग्रेड पे का लाभ ले लिया। इन शिक्षामित्रों के लिए ये दो साल की बाध्यता क्यों नही रही?
4--- हमलोग सब इस बात को जानते हैं कि DPE नाम का कोई भी प्रशिक्षण का कोर्स NCTE ने कभी नही चलाया और न ही आज भी ये कोर्स NCTE के वेबसाइट पर लिस्टेड ही है।
फिर भी इस प्रशिक्षण के अंतर्गत सभी शिक्षामित्र बन्धु 2012-2014 की अवधि में प्रशिक्षित हुए हैं।
चूंकि हम टेट वाले जो ट्रेंड नही हैं उन्हें ग्रेड पे से अप्रशिक्षित होने के कारण वंचित वंचित करवा दिया इन शिक्षामित्र नेताओं ने और खुद जब 2012-14 में ट्रेंड होने के बाबजूद भी उस समय से अपने लिए ग्रेड पे पर इन्क्रीमेंट ले लिया जब वो अप्रशिक्षित थे। यानी 2006 से ही उनलोगों को ग्रेड पे पर जोड़कर 3 इन्क्रीमेंट दिया गया है। मतलब ये हुआ कि उन शिक्षामित्रों को अप्रशिक्षित रहने के बाबजूद भी उनके नियोजन के समय से ही जोड़कर उस अवधि के लिए भी ग्रेड पे दिया गया है जिस वक्त वो अप्रशिक्षित थे।
5--- ग्रेजुएट लेवल में बहाल हमारे टेट साथी आज भी इन शिक्षामित्रों की गुंडागर्दी के कारण विद्यालय प्रभार से वंचित ही हैं जबकि कानूनी रूप से स्नातक ग्रेड ही वरीय है। क्योंकि सभी शिक्षामित्रों का समायोजन बेसिक ग्रेड में हुआ है।
मेरे टेट साथियों इसे पढ़कर आप खुद चिंतन एवम मनन करें और एक सही फैसला लेकर अपने हक की इस लड़ाई में अपना पूरा सहयोग अपनी टेट जमात को दें वरना आपकी और हमारी हकमारी जिस तरह से होती आयी है वो हमें आगे कहीं का नही छोड़ेगी और हम अपने अधिकारों से जबरदस्ती वंचित कर दिए जाएंगे।
समीर सारस्वत
जिलाध्यक्ष Tsunss गया

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