बक्सर : जिले के चौंगाई प्रखंड अंतर्गत मसर्हिया मध्य विद्यालय के
प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रवीण कुमार को जान से मारने की धमकी मामले में
शिक्षकों में उबाल है। प्राथमिक शिक्षक संघ गोपगुट के जिलाध्यक्ष
डॉ.सुरेन्द्र कुमार ¨सह ने इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई की मांग की
है। इसको लेकर बुधवार को शिक्षक संघ ने बैठक की। बैठक में इस कृत्य की ¨नदा
भी की गई।
इस दौरान बैठक को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष ने कहा कि हेडमास्टर व ग्रामीणों द्वारा रसोइया बहाली को लेकर गाली-गलौज करना और जान से मारने की धमकी देना गलत है। इससे विद्यालय का शैक्षणिक माहौल खराब होता है। बैठक में वक्ताओं ने शिक्षकों द्वारा विद्यालयों में की जा रही तालेबंदी का समर्थन किया और कहा कि विद्यालय प्रबंधन की प्रथम कड़ी प्रधानाध्यापक हैं तो दूसरी व तीसरी कड़ी के रूप में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी व जिले के वरीय पदाधिकारी शामिल हैं। अगर विद्यालय के शिक्षकों के साथ ऐसा माहौल पैदा हुआ है तो उसमें बीईओ को भी अपनी जिम्मेवारी का निवर्हन करना चाहिए। बैठक में विद्यालयों के निरीक्षण में जनप्रतिनिधियों के प्रतिनिधि व जीविका दीदियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए। वक्ताओं ने कहा महिला मुखिया को खुद विद्यालय का निरीक्षण करना चाहिए न कि उनके पति को। यहां अक्सर यही देखा जाता है कि महिला जन प्रतिनिधि घर पर रहती हैं और उनके पति प्रतिनिधि के रूप में निरीक्षण करने चले जाते हैं। मौके पर नसीम अहमद, सुशील कुमार ¨सह, नागेन्द्र राम, संजय पाल, सुरेश राम, हरेन्द्र कुमार, शहीद अंसारी समेत अन्य शिक्षक मौजूद थे।
इस दौरान बैठक को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष ने कहा कि हेडमास्टर व ग्रामीणों द्वारा रसोइया बहाली को लेकर गाली-गलौज करना और जान से मारने की धमकी देना गलत है। इससे विद्यालय का शैक्षणिक माहौल खराब होता है। बैठक में वक्ताओं ने शिक्षकों द्वारा विद्यालयों में की जा रही तालेबंदी का समर्थन किया और कहा कि विद्यालय प्रबंधन की प्रथम कड़ी प्रधानाध्यापक हैं तो दूसरी व तीसरी कड़ी के रूप में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी व जिले के वरीय पदाधिकारी शामिल हैं। अगर विद्यालय के शिक्षकों के साथ ऐसा माहौल पैदा हुआ है तो उसमें बीईओ को भी अपनी जिम्मेवारी का निवर्हन करना चाहिए। बैठक में विद्यालयों के निरीक्षण में जनप्रतिनिधियों के प्रतिनिधि व जीविका दीदियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए। वक्ताओं ने कहा महिला मुखिया को खुद विद्यालय का निरीक्षण करना चाहिए न कि उनके पति को। यहां अक्सर यही देखा जाता है कि महिला जन प्रतिनिधि घर पर रहती हैं और उनके पति प्रतिनिधि के रूप में निरीक्षण करने चले जाते हैं। मौके पर नसीम अहमद, सुशील कुमार ¨सह, नागेन्द्र राम, संजय पाल, सुरेश राम, हरेन्द्र कुमार, शहीद अंसारी समेत अन्य शिक्षक मौजूद थे।