बेतिया। पर्यवेक्षिका संघ की अध्यक्ष वंदना कुमारी ने रविवार को यहां कहा
कि मानदेय में दोगुनी बढ़ोतरी हमारी जीत का आगाज जरूर है, मगर संघर्ष अभी
खत्म नहीं हुआ है। यह जारी रहेगा जबतक हमारी सेवा शर्ते लागू नहीं कर दी
जातीं।
वे समाज कल्याण विभाग से संचालित समेकित बाल विकास महिला पर्यवेक्षिकाओं की राज ड्योढ़ी परिसर स्थित नजरबाग पार्क में एक बैठक को संबोधित कर रही थीं। इस दौरान सभी महिला पर्यवेक्षिकाओं ने एक-दूसरे को गले मिल अबीर गुलाल लगाकर खुशी का इजहार किया। साथ ही मिठाइयां भी बांटी। पर्यवेक्षिकाओं ने विभागीय अधिकारियों एवं सरकार को मानदेय राशि में बढ़ोतरी को लेकर धन्यवाद दिया। संगठन की जिलाध्यक्ष वंदना कुमारी ने बताया कि इस हक को दिलाने में संघ की भूमिका सराहनीय रही है। संघ द्वारा काफी समय से वेतन बढ़ाने एवं सेवा नियमित करने संबंधी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री, मुख्य सचिव, प्रधान सचिव को बार-बार लिखित पत्र शिष्टमंडल के माध्यम से सौंपा जा रहा था, जिसे अब जाकर पूरा किया गया है। हालांकि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में यह परिश्रमिक काफी कम है, लेकिन नौ वर्षों के बाद मानदेय बढ़ाए जाने से सभी कर्मियों में खुशी का माहौल है। इस दौरान समान काम समान वेतन पाने, बिना शर्त सबकी सेवा स्थाई करने, महिला पर्यवेक्षिका संशोधित सेवा संवर्ग नियमावली तैयार कर रिक्त पदों पर पर्यवेक्षिकाओं की बहाली करने, सीडीपीओ के रिक्त पदों पर पचास प्रतिशत पद पर्यवेक्षिका संवर्ग से नियुक्त करने, वेतन विसंगति दूर कर सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुरूप वेतन का भुगतान करने, गैर विभागीय कार्यों में पर्यवेक्षिकाओं की प्रतिनियुक्ति नहीं करने, पर्यवेक्षण के क्रम में पर्यवेक्षिकाओं को सुरक्षा प्रदान करने, विभागीय कार्य दायित्वों के निर्वहन में बाहरी हस्तक्षेप बंद करने आदि संबंधित मांगों पर आगे की रणनीति तैयारी की गई। मौके पर वंदना एडवर्ड, रीता, रीचा, अंचना, गार्गी, रेणु, किरण आदि ने भी अपने विचार रखे।
वे समाज कल्याण विभाग से संचालित समेकित बाल विकास महिला पर्यवेक्षिकाओं की राज ड्योढ़ी परिसर स्थित नजरबाग पार्क में एक बैठक को संबोधित कर रही थीं। इस दौरान सभी महिला पर्यवेक्षिकाओं ने एक-दूसरे को गले मिल अबीर गुलाल लगाकर खुशी का इजहार किया। साथ ही मिठाइयां भी बांटी। पर्यवेक्षिकाओं ने विभागीय अधिकारियों एवं सरकार को मानदेय राशि में बढ़ोतरी को लेकर धन्यवाद दिया। संगठन की जिलाध्यक्ष वंदना कुमारी ने बताया कि इस हक को दिलाने में संघ की भूमिका सराहनीय रही है। संघ द्वारा काफी समय से वेतन बढ़ाने एवं सेवा नियमित करने संबंधी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री, मुख्य सचिव, प्रधान सचिव को बार-बार लिखित पत्र शिष्टमंडल के माध्यम से सौंपा जा रहा था, जिसे अब जाकर पूरा किया गया है। हालांकि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में यह परिश्रमिक काफी कम है, लेकिन नौ वर्षों के बाद मानदेय बढ़ाए जाने से सभी कर्मियों में खुशी का माहौल है। इस दौरान समान काम समान वेतन पाने, बिना शर्त सबकी सेवा स्थाई करने, महिला पर्यवेक्षिका संशोधित सेवा संवर्ग नियमावली तैयार कर रिक्त पदों पर पर्यवेक्षिकाओं की बहाली करने, सीडीपीओ के रिक्त पदों पर पचास प्रतिशत पद पर्यवेक्षिका संवर्ग से नियुक्त करने, वेतन विसंगति दूर कर सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुरूप वेतन का भुगतान करने, गैर विभागीय कार्यों में पर्यवेक्षिकाओं की प्रतिनियुक्ति नहीं करने, पर्यवेक्षण के क्रम में पर्यवेक्षिकाओं को सुरक्षा प्रदान करने, विभागीय कार्य दायित्वों के निर्वहन में बाहरी हस्तक्षेप बंद करने आदि संबंधित मांगों पर आगे की रणनीति तैयारी की गई। मौके पर वंदना एडवर्ड, रीता, रीचा, अंचना, गार्गी, रेणु, किरण आदि ने भी अपने विचार रखे।