आज माननीय सुप्रीम कोर्ट में समान काम - समान वेतन के सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल के जोरदार बाउंसर ने माननीय न्यायाधीशों को अपना बचाव करने पर मजबूर कर दिया| अपने बचाव के प्रसासों में वो नियोजित शिक्षकों को बुरी तरह घायल कर बैठें| नियोजित शिक्षकों के तमाम धुरंधर वकील हक्का- बक्का देखते रह गये| जब तक संभलते गेद पूरी तरह से सरकार के पाले में चली गयी|
आज की सुनवाई से नियोजित शिक्षकों के हितों को गहरा धक्का लगा हैं| जबकि बिहार सरकार का पक्ष काफी मजबूत हो गया हैं|
अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल द्दारा अदालत में यह कहा जाना कि वह बिहार के शिक्षकों के समान काम- समान वेतन के संदर्भ में माननीय पटना उच्च न्यायालय के निर्णय को मानने के लिए तैयार हैं, बशर्त्ते आपका यह निर्णय सिर्फ बिहार के शिक्षिकों तक ही सीमित रखा जाय,जबकि इसी अदालत में चल रहे अन्य राज्य के शिक्षकों के मामलें में नही|
अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल के इस बाउंसर ने माननीय न्यायाधीशों को बैकफुट पर ला दिया| इस बाउंसर से बचने के प्रयास में माननीय न्यायाधीशों ने नियोजित शिक्षकों के वेतन में 40% वेतनवृद्धि की सलाह बिहार सरकार एवं केन्द्र सरकार को दे दी| जिसे अटॉर्नी जनरल महोदय ने तुरंत लपक लिया| बाउंसर से बचने के इस प्रयास में उनकी सलाह नियोजित शिक्षकों हितों को बुरी तरह घायल कर गयी| अदालत में मौजूद नियोजित शिक्षकों के वकील इस पूरी घटनाक्रम को हक्का- बक्का देखते रहे| जबतक कुछ समझते,थोड़ा संभलते अटॉर्नी जनरल महोदय ने इस पर कंप्रेहेसिंव प्लान के साथ अदालत में आने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा| जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया|
अब अदालत से आने वाला निर्णय पूरी तरह से दीवारों पर अंकित हो चूका हैं|गेंद पूरी तरह से बिहार सरकार के पाले में जा चूकी हैं| बिहार सरकार जो चाहती थी,आज उसे अदालत से मिल गया|
अब मात्र यह देखना बाकी रह गया हैं कि हमारे धुरंधर वकील महोदयों की टीम सरकार के जबड़ें से जीत को कैसें खींच कर लाती हैं या ..
आज की सुनवाई से नियोजित शिक्षकों के हितों को गहरा धक्का लगा हैं| जबकि बिहार सरकार का पक्ष काफी मजबूत हो गया हैं|
अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल द्दारा अदालत में यह कहा जाना कि वह बिहार के शिक्षकों के समान काम- समान वेतन के संदर्भ में माननीय पटना उच्च न्यायालय के निर्णय को मानने के लिए तैयार हैं, बशर्त्ते आपका यह निर्णय सिर्फ बिहार के शिक्षिकों तक ही सीमित रखा जाय,जबकि इसी अदालत में चल रहे अन्य राज्य के शिक्षकों के मामलें में नही|
अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल के इस बाउंसर ने माननीय न्यायाधीशों को बैकफुट पर ला दिया| इस बाउंसर से बचने के प्रयास में माननीय न्यायाधीशों ने नियोजित शिक्षकों के वेतन में 40% वेतनवृद्धि की सलाह बिहार सरकार एवं केन्द्र सरकार को दे दी| जिसे अटॉर्नी जनरल महोदय ने तुरंत लपक लिया| बाउंसर से बचने के इस प्रयास में उनकी सलाह नियोजित शिक्षकों हितों को बुरी तरह घायल कर गयी| अदालत में मौजूद नियोजित शिक्षकों के वकील इस पूरी घटनाक्रम को हक्का- बक्का देखते रहे| जबतक कुछ समझते,थोड़ा संभलते अटॉर्नी जनरल महोदय ने इस पर कंप्रेहेसिंव प्लान के साथ अदालत में आने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा| जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया|
अब अदालत से आने वाला निर्णय पूरी तरह से दीवारों पर अंकित हो चूका हैं|गेंद पूरी तरह से बिहार सरकार के पाले में जा चूकी हैं| बिहार सरकार जो चाहती थी,आज उसे अदालत से मिल गया|
अब मात्र यह देखना बाकी रह गया हैं कि हमारे धुरंधर वकील महोदयों की टीम सरकार के जबड़ें से जीत को कैसें खींच कर लाती हैं या ..