दो वर्षों तक ग्रेड पे से वंचित करने के मामले (CWJC No - 7563/2017) में हाईकोर्ट ने मांगी विज्ञापन की कॉपी।
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मित्रों ! जैसा कि आप सब जानते हैं कि राज्य में पूर्व में प्रशिक्षित अभ्यर्थियों का नियोजन अप्रशिक्षित नियोजित शिक्षक के रूप में किया गया था और उन्हें प्रशिक्षित का वेतन भी दिया जा रहा था ।
किंतु, वर्ष- 2015 में वेतनमान लागू किए जाने के साथ ही राज्य सरकार ने एक व्यवस्था बना दी कि जिनकी सेवा 2 वर्ष पूरी नहीं हो सकी है उन्हें 2 वर्षों तक ग्रेड पे के लिए इंतजार करना पड़ेगा और तब तक उन्हें अप्रशिक्षित का ही वेतन दिया जाएगा। इसके खिलाफ परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ एवं परिवर्तनकारी माध्यमिक उच्चतर माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से माननीय उच्च न्यायालय में अलग-अलग रिट याचिका दायर की गई थी। जिसकी आज सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने इस पर आश्चर्य व्यक्त किया कि जब पूर्व में प्रशिक्षित का वेतन दिया जा रहा था तो फिर नया वेतनमान लागू करने के बाद अप्रशिक्षित का वेतन दिया जाना हास्यास्पद है। किंतु इसकी सम्यक् सुनवाई के लिए उस समय नियोजन की आवश्यक शर्तें और इससे संबंधित अखबारों मेंजो विज्ञापन प्रकाशित किए गए थे उस विज्ञापन की कॉपी का अवलोकन करना होगा। माननीय मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और माननीय न्यायमूर्ति अनिल कुमार उपाध्याय वाली माननीय उच्च न्यायालय की दो सदस्य खंडपीठ ने आज सुनवाई करते हुए उस विज्ञापन की कॉपी के साथ 2 सप्ताह के बाद कोर्ट में उपस्थित होने को कहा है। 2015 के पूर्व में जो नियोजन हुआ था उससे संबंधित अखबारों में प्रकाशित विज्ञापन की प्रति किन्हीं साथी के भी पास हो तो कृपया उपलब्ध कराने का कष्ट करें।
इस मुद्दे को लेकर माननीय उच्च न्यायालय में बेहतरीन भूमिका निभा रहे परिवर्तनकारी माध्यमिक उच्चतर माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष भाई अरुण कांत कुशवाहा जी एवं उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई और धन्यवाद।
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मित्रों ! जैसा कि आप सब जानते हैं कि राज्य में पूर्व में प्रशिक्षित अभ्यर्थियों का नियोजन अप्रशिक्षित नियोजित शिक्षक के रूप में किया गया था और उन्हें प्रशिक्षित का वेतन भी दिया जा रहा था ।
किंतु, वर्ष- 2015 में वेतनमान लागू किए जाने के साथ ही राज्य सरकार ने एक व्यवस्था बना दी कि जिनकी सेवा 2 वर्ष पूरी नहीं हो सकी है उन्हें 2 वर्षों तक ग्रेड पे के लिए इंतजार करना पड़ेगा और तब तक उन्हें अप्रशिक्षित का ही वेतन दिया जाएगा। इसके खिलाफ परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ एवं परिवर्तनकारी माध्यमिक उच्चतर माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से माननीय उच्च न्यायालय में अलग-अलग रिट याचिका दायर की गई थी। जिसकी आज सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने इस पर आश्चर्य व्यक्त किया कि जब पूर्व में प्रशिक्षित का वेतन दिया जा रहा था तो फिर नया वेतनमान लागू करने के बाद अप्रशिक्षित का वेतन दिया जाना हास्यास्पद है। किंतु इसकी सम्यक् सुनवाई के लिए उस समय नियोजन की आवश्यक शर्तें और इससे संबंधित अखबारों मेंजो विज्ञापन प्रकाशित किए गए थे उस विज्ञापन की कॉपी का अवलोकन करना होगा। माननीय मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और माननीय न्यायमूर्ति अनिल कुमार उपाध्याय वाली माननीय उच्च न्यायालय की दो सदस्य खंडपीठ ने आज सुनवाई करते हुए उस विज्ञापन की कॉपी के साथ 2 सप्ताह के बाद कोर्ट में उपस्थित होने को कहा है। 2015 के पूर्व में जो नियोजन हुआ था उससे संबंधित अखबारों में प्रकाशित विज्ञापन की प्रति किन्हीं साथी के भी पास हो तो कृपया उपलब्ध कराने का कष्ट करें।
इस मुद्दे को लेकर माननीय उच्च न्यायालय में बेहतरीन भूमिका निभा रहे परिवर्तनकारी माध्यमिक उच्चतर माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष भाई अरुण कांत कुशवाहा जी एवं उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई और धन्यवाद।