*हल्ला बोल पोल खोल*
*बहुत हुआ ड्रामेबाजी*
*अब हमारी बारी*🙏🙏
नीतीश जी के अनुसार शिक्षक योग्य नहीं है। और साथ ही इनकी बहाली की प्रक्रिया अलग है।
--------------
1)मेरा सवाल है फिर कि चलो मत दो पूर्ण वेतनमान ऐसे शिक्षक को, लेकिन ज़रा ये भी बता दो कि आखिर 15 साल में आपने कितने योग्य शिक्षक के लिए सही से बहाली प्रक्रिया(BPSC) प्रारंभ की है?
2)क्या आप बता सकते है पूर्व से नियुक्त शिक्षकों की दक्षता परीक्षा एव 2011 के बाद TET परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाबजूद शिक्षक आपके नजर में अयोग्य कैसे हो गए?
3)नीतीश जी क्या ये बता सकते है कि आपने (आपके द्वारा घोषित )अयोग्य शिक्षकों की बहाली क्यों की?
उस बक्त आपकी बिकाऊ मीडिया आबाज क्यों नही उठाई?
4)क्या नीतीश कुमार ये जबाब दे पाएंगे कि आपने लगभग15 बर्षो से इन्ही अयोग्य शिक्षकों से शिक्षा क्यों दिलवा रहे हो?
इसका मतलब आप शिक्षा को बर्बाद करना चाहते हैं।क्या इसके लिए बिहार की गरीब जनता आपको माफ कर देगी?
5)इसका मतलब आप जानबूझकर अयोग्य शिक्षकों से मैट्रिक व इंटर की न केवल शिक्षा दिलवा रहे हो, अपितु बेधड़क कॉपी जांच भी कर वा रहे हो ,क्या इसके लिए नीतीश जी आप माफी योग्य हैं?
5)आपके अनुसार आर्थिक स्थिति खराब है, तो फिर क्यों समीक्षा यात्रा,जैसे ज़ीरो production पर पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है?
6) इसका मतलब कि शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए आपके पास फिर कोई उपाय नहीं है?मतलब शिक्षा आपकी प्राथमिकता में नही है। (सुप्रीम कोर्ट में जिस तरह से शिक्षा को ज़ीरो महत्व दे रहे हो आप)
7)नीतीश कुमार क्या ये आप जनता को बता पाएंगे कि कब तक आप इन्ही अयोग्य शिक्षकों से शिक्षण कार्य करवाते रहेंगे? (क्योंकि इन्हें योग्य होने के लिए 4 लाख शिक्षकों को BPSC के माध्यम से 4लाख एकसाथ वैकेन्सी लानी पड़ेगी) तो आप कब तक BPSC के माध्यम से 4 लाख सहायक शिक्षक का वैकेंसी ला रहे हैं?(जो आपकी औकात से ऊपर की बात है)
और इसके बाद आपकी वित्तिय स्तिथि ठीक हो जाएगी ना?
क्या जानबूझकर शिक्षा को गर्त में पहुचाने का जिम्मेदार मानते हुए आप पर मुकदमा नही दायर किया जाना चाहिए?
बिहार की गरीब जनता से क्रूरतम मज़ाक (शिक्षा घोटाला) के लिए क्या आपको कठोरतम दंड सुसंगत धाराओं के तहत होनी चाहिए या ना?
जनाब राजनीति का मतलब सिर्फ कुर्सी पर बने रहना ही नही होता है बल्कि नैतिकता कायम रखते हुए, सच्चाई को स्वीकार करते हुए उस राज्य को ऊपर उठाना होता है जहाँ हम गर्व से कह सके कि बिहार के निवासी हैं। और मैं एक शिक्षक हूँ।
उस शासक का पतन होना निश्चित होता है जहां एक शिक्षक ख़ुद को शिक्षक कहने पर गर्व की जगह शर्मिंदगी महसूस करता हो, ये सब नीतीश की घटिया राजनीति की देन है
अगर आप इन बातों से सहमत हो तो इसे जन जन तक पहुँचाए।
*बहुत हुआ ड्रामेबाजी*
*अब हमारी बारी*🙏🙏
नीतीश जी के अनुसार शिक्षक योग्य नहीं है। और साथ ही इनकी बहाली की प्रक्रिया अलग है।
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1)मेरा सवाल है फिर कि चलो मत दो पूर्ण वेतनमान ऐसे शिक्षक को, लेकिन ज़रा ये भी बता दो कि आखिर 15 साल में आपने कितने योग्य शिक्षक के लिए सही से बहाली प्रक्रिया(BPSC) प्रारंभ की है?
2)क्या आप बता सकते है पूर्व से नियुक्त शिक्षकों की दक्षता परीक्षा एव 2011 के बाद TET परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाबजूद शिक्षक आपके नजर में अयोग्य कैसे हो गए?
3)नीतीश जी क्या ये बता सकते है कि आपने (आपके द्वारा घोषित )अयोग्य शिक्षकों की बहाली क्यों की?
उस बक्त आपकी बिकाऊ मीडिया आबाज क्यों नही उठाई?
4)क्या नीतीश कुमार ये जबाब दे पाएंगे कि आपने लगभग15 बर्षो से इन्ही अयोग्य शिक्षकों से शिक्षा क्यों दिलवा रहे हो?
इसका मतलब आप शिक्षा को बर्बाद करना चाहते हैं।क्या इसके लिए बिहार की गरीब जनता आपको माफ कर देगी?
5)इसका मतलब आप जानबूझकर अयोग्य शिक्षकों से मैट्रिक व इंटर की न केवल शिक्षा दिलवा रहे हो, अपितु बेधड़क कॉपी जांच भी कर वा रहे हो ,क्या इसके लिए नीतीश जी आप माफी योग्य हैं?
5)आपके अनुसार आर्थिक स्थिति खराब है, तो फिर क्यों समीक्षा यात्रा,जैसे ज़ीरो production पर पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है?
6) इसका मतलब कि शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए आपके पास फिर कोई उपाय नहीं है?मतलब शिक्षा आपकी प्राथमिकता में नही है। (सुप्रीम कोर्ट में जिस तरह से शिक्षा को ज़ीरो महत्व दे रहे हो आप)
7)नीतीश कुमार क्या ये आप जनता को बता पाएंगे कि कब तक आप इन्ही अयोग्य शिक्षकों से शिक्षण कार्य करवाते रहेंगे? (क्योंकि इन्हें योग्य होने के लिए 4 लाख शिक्षकों को BPSC के माध्यम से 4लाख एकसाथ वैकेन्सी लानी पड़ेगी) तो आप कब तक BPSC के माध्यम से 4 लाख सहायक शिक्षक का वैकेंसी ला रहे हैं?(जो आपकी औकात से ऊपर की बात है)
और इसके बाद आपकी वित्तिय स्तिथि ठीक हो जाएगी ना?
क्या जानबूझकर शिक्षा को गर्त में पहुचाने का जिम्मेदार मानते हुए आप पर मुकदमा नही दायर किया जाना चाहिए?
बिहार की गरीब जनता से क्रूरतम मज़ाक (शिक्षा घोटाला) के लिए क्या आपको कठोरतम दंड सुसंगत धाराओं के तहत होनी चाहिए या ना?
जनाब राजनीति का मतलब सिर्फ कुर्सी पर बने रहना ही नही होता है बल्कि नैतिकता कायम रखते हुए, सच्चाई को स्वीकार करते हुए उस राज्य को ऊपर उठाना होता है जहाँ हम गर्व से कह सके कि बिहार के निवासी हैं। और मैं एक शिक्षक हूँ।
उस शासक का पतन होना निश्चित होता है जहां एक शिक्षक ख़ुद को शिक्षक कहने पर गर्व की जगह शर्मिंदगी महसूस करता हो, ये सब नीतीश की घटिया राजनीति की देन है
अगर आप इन बातों से सहमत हो तो इसे जन जन तक पहुँचाए।