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पिछली परीक्षाओं में जानबूझकर अयोग्य एवं अनुभवहीन परीक्षकों की नियुक्ति हुई- शत्रुघ्न प्रसाद सिंह

पटना- बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव, शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, पूर्व सांसद ने संयुक्त बयान में कहा है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने यह प्रमाणित कर दिया कि पिछली परीक्षाओं में जानबूझकर अयोग्य एवं अनुभवहीन परीक्षकों की नियुक्ति कर छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया।
इंटर कम्पार्टमेंटल परीक्षा में 71.36 प्रतिशत उत्तीर्णता एवं विशेष परीक्षा में 43.13 प्रतिशत उत्तीर्णता से यह खुद प्रमाणित हुआ कि योग्य एवं अनुभवी शिक्षकों के द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं का सही मूल्यांकन करने से परीक्षार्थियों के साथ न्याय होता है और उचित मूल्यांकन होता है।
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने लगातार यह मांग की है कि इण्टर एवं मैट्रिक की उत्तरपुस्तिकाओं का पुर्नमूल्यांकन किया जाय यदि आज भी सरकार इस बात की गंभीरता को महसूस करे तो पुर्नमूल्यांकन किया जा सकता है । क्योंकि ऐसे तथ्य भी सामने आये हैं कि सही उत्तर काट दिये गये और शून्य अंक चढ़ा दिये गये। उत्तर पुस्तिकाओं के प्रथम पृष्ठ पर कुल प्राप्त अंक शून्य अंकित थे और अन्दर के पृष्ठों पर 94 अंक अंकित थे। ऐसे सैंकड़ों नहीं हजारों गलतियां हुई हैं। उत्तर पुस्तिकाओं के पुर्नमूल्यांकन से जिन छात्र-छात्राओं के साथ अन्याय हुआ है, जो निराश और हताश होकर कंपार्टमेंटल परीक्षा भी नहीं दे सके उनका एक साल बर्बाद हो गया। यह अपूरणीय क्षति हुई।

इसके लिए जवाबदेह बिहार विद्यालय परीक्षा समिति और बिहार सरकार है। दोनों की हठधर्मिता एवं संवेदनहीनता ने जहां एक ओर छात्र-छात्राओं के भाग्य भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया और दूसरी ओर पूरे देश में राज्य की छवि धूमिल हुई। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ इस मांग को दुहराता है कि जिन पदाधिकारियों ने अयोग्य और अनुभवहीन शिक्षकों को परीक्षक नियुक्त किया उनके विरूद्ध कारवाई की जाय अन्यथा शिक्षक, शिक्षार्थी विरोधी नीतियों के खिलाफ गंभीर फैसले लेने के लिए विवश होना पड़ेगा।

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