PATNA : प्रदेश के माध्यमिक स्कूलों के सहायक शिक्षकों को सरकार ने हेडमास्टर के रूप में प्रोन्नत करने का फैसला किया है। इसके लिए जिलों से सहायक शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाणपत्र समेत पांच वर्षों की चरित्र पुस्तिका मांगी गई है।
माध्यमिक शिक्षा कार्यालय ने इस संबंध में क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशकों (आरडीडीई) को पत्र जारी किया है। इसके पूर्व भी आरडीडीई से पत्राचार कर संबंधित जानकारी मांगी गई थी, बावजूद सरकार को सहायक शिक्षकों के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं मिली। अब सरकार ने समय पर जानकारी न देने वाले अफसरों पर विभागीय कार्रवाई प्रारंभ करने की चेतावनी दी है।
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने बुधवार को जारी अपने पत्र में कहा है कि इसके पूर्व भी प्रमंडलवार वरीयता के आधार पर सहायक शिक्षकों का ब्योरा मांगा गया था। इसके लिए पहले 23 फरवरी और बाद में तीन मई को प्रमंडलों से पत्राचार किया गया।
इसमें निर्देश दिए गए थे कि क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक शीघ्र वरीयता सूची का अंतिम प्रकाशन करते हुए इस सूची के आधार पर कार्यरत सहायक शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाणपत्र और पांच वर्ष की चरित्र पुस्तिका और अन्य अभिलेख सरकार को मुहैया करा दें।परन्तु सरकार को वांछित सूचना नहीं मिली।
सरकार ने कल जारी पत्र में साफ किया गया है कि यदि दो दिन के अंदर वांछित सूचना नहीं मिलती है तो संबंधित जिला शिक्षा उपनिदेशक और संबंधित कार्यालय के प्रधान लिपिक के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी।
माध्यमिक शिक्षा कार्यालय ने इस संबंध में क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशकों (आरडीडीई) को पत्र जारी किया है। इसके पूर्व भी आरडीडीई से पत्राचार कर संबंधित जानकारी मांगी गई थी, बावजूद सरकार को सहायक शिक्षकों के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं मिली। अब सरकार ने समय पर जानकारी न देने वाले अफसरों पर विभागीय कार्रवाई प्रारंभ करने की चेतावनी दी है।
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने बुधवार को जारी अपने पत्र में कहा है कि इसके पूर्व भी प्रमंडलवार वरीयता के आधार पर सहायक शिक्षकों का ब्योरा मांगा गया था। इसके लिए पहले 23 फरवरी और बाद में तीन मई को प्रमंडलों से पत्राचार किया गया।
इसमें निर्देश दिए गए थे कि क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक शीघ्र वरीयता सूची का अंतिम प्रकाशन करते हुए इस सूची के आधार पर कार्यरत सहायक शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाणपत्र और पांच वर्ष की चरित्र पुस्तिका और अन्य अभिलेख सरकार को मुहैया करा दें।परन्तु सरकार को वांछित सूचना नहीं मिली।
सरकार ने कल जारी पत्र में साफ किया गया है कि यदि दो दिन के अंदर वांछित सूचना नहीं मिलती है तो संबंधित जिला शिक्षा उपनिदेशक और संबंधित कार्यालय के प्रधान लिपिक के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी।