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नियोजित शिक्षकों की सेवाशर्त पर संवेदनशीलता से निर्णय हो :-सीमा सक्सेना

पटना :-नियोजित शिक्षकों की सेवाशर्त पर संवेदनशीलता से निर्णय हो :-सीमा सक्सेना
पटना :- राष्ट्रीय लोक समता पार्टी की राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष सीमा सक्सेना ने कहा है कि बिहार में एनडीए सरकार बनने के बाद तमाम लंबित फैसलों पर त्वरित कार्रवाई की ज़रूरत है।
उन्होंने नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्तों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि दो साल से साढे तीन लाख नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त तय करने का मामला लटका हुआ है। इन सेवा शर्तों को लेकर कई बार तारीखें दी गईं, लेकिन एक बार भी समाधान नहीं निकल पाया। सरकार अब इस गतिरोध को दूर करे और 9 अगस्त को नियोजित शिक्षकों के साथ होने वाली बैठक में समाधान निकालने की दिशा में सकारात्मक प्रयास करे और संवेदनशीलता से फैसला ले। रालोसपा महिला अध्यक्ष ने कहा कि 12 जून को जब सेवा शर्त कमिटी की बैठक हुई थी तब उसमें नियोजित शिक्षकों के तबादले, सुविधाएं और पदोन्नति जैसे मसलों पर रूपरेखा तैयार की गई थी। नियोजित शिक्षकों में ये संदेश गया था कि अब इस पर कदम उठाए जाएंगे, लेकिन राजनीतिक बदलाव के कारण ये प्रक्रिया बाधित हो गई। अब एनडीए सरकार बनने के बाद बिहार में राजनीतिक स्थिरता का दौर कायम हो चुका है तो नियोजित शिक्षकों को भी इसका फायदा मिलने में देर नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार में शिक्षा की मौजूदा स्थिति चिंताजनक है और ये बात किसी से छिपी नहीं है, ऐसे में नियोजित शिक्षकों की समस्याओं को सुलझाने में जितनी देर लगेगी, शिक्षा स्थिति सुधार में उतना ही ज्यादा वक्त लगेगा। बिहार के 24 हजार स्कूलों में प्रधानाध्यापकों तक के पद रिक्त हैं, शिक्षकों के रिक्त पद लाखों में हैं, नियोजित शिक्षकों का मुद्दा भी लंबे अरसे से चला आ रहा है, ऐसे में वक्त आ गया है कि एक ठोस नतीजे पर पहुंचा जाए और लंबित फैसलों को आकार दिया जाए।

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