बक्सर : जिले के सिमरी प्रखंड के केपी उच्च विद्यालय के शिक्षक
दीनदयाल मिश्र फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहे हैं. नागरिक
अधिकार मंच के जिलाध्यक्ष विमल कुमार ने बक्सर डीएम से मामले की जांच के
लिए आवेदन दिया है. आवेदन के आलोक में मामले को गंभीरता से लेते हुए
जिलाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी से जांच कर अग्रेतर कार्रवाई करने का
निर्देश जारी किया है. डीएम को दिये गये आवेदन में दावा किया गया है कि
उक्त शिक्षक ने फर्जी दिव्यांगता सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी पायी है.
आवेदन में लिखा है कि शिक्षक दीनदयाल मिश्र का नियोजन शत प्रतिशत
दिव्यांग (दृष्टि) कोटि पर हुआ है, लेकिन वे अपने विद्यालय में सामान्य
शिक्षकों की भांति पढ़ाते हैं. जबकि नियमतः दृष्टिबाधित शिक्षक ब्रेल लिपि
के माध्यम से बच्चों को पढ़ाते हैं. उन्होंने विभाग व सरकार को धोखे में
रखकर शिक्षक की नौकरी पा ली है. इस तरह वे करीब 10 वर्षों से सरकारी वेतन
का पैसा ले रहे हैं.
शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष भी हैं दीनदयाल मिश्र : आवेदन में विमल
कुमार ने लिखा है कि दीनदयाल मिश्र माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष भी
हैं. साथ ही 23 मार्च को दिये आवेदन में विमल ने यह भी आरोप लगाया है उक्त
शिक्षक स्थापना शाखा के वर्तमान जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के रिश्तेदार भी
हैं. अतः अनुशासनिक व कानूनी कार्रवाई करते हुए शिक्षक द्वारा लिये गये
वेतन मद में भुगतान कि रिकवरी करने की गुहार लगायी है. आवेदक ने पत्र की
प्रति मुख़्यमंत्री से लेकर शिक्षा मंत्री, प्रधान सचिव, सचिव, निदेशक व
अन्य को भी भेजी है.
डीएम ने कहा, जांच कर कार्रवाई करें : जिलाधिकारी ने आवेदन पर
कार्रवाई करते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी से कार्रवाई करने का आदेश जारी
किया है. इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी श्रीकृष्ण सिंह ने बताया कि
जिलाधिकारी के आदेश के आलोक में जांच की जा रही है. उचित कार्रवाई की
जायेगी.
मैं जांच को तैयार हूं
इस तरह का आरोप पूरी तरह झूठा व मनगढंत है. मैं पूर्णतः दृष्टिबाधित
हूं. मुझे बक्सर सदर हॉस्पिटल का सर्टिफिकेट मिला है. किसी भी तरह की जांच
को तैयार हूं.
दीनदयाल मिश्र, आरोपित शिक्षक सह माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष