बेगूसराय । निगरानी की जांच में भगवानपुर प्रखंड के विभिन्न विद्यालयों
के कुल 17 नियोजित शिक्षक फर्जी पाए गए हैं। निगरानी टीम ने इन सभी
शिक्षकों के साथ-साथ उनकी नियोजन इकाइयों के विरुद्ध भी प्राथमिक दर्ज कराई
है। जिसमें पांच महिला एवं 12 पुरुष शिक्षक शामिल हैं।
एफआइआर निगरानी ब्यूरो के निरीक्षक कन्हैया लाल ने दर्ज कराई है।
क्या है मामला :
भगवानपुर थाना से मिली जानकारी के अनुसार जिन शिक्षकों पर फर्जी बहाली का आरोप लगा है उनमें 2006 से 2015 के बीच नियोजित होने वाले मध्य विद्यालय भीठ की ¨पकी कुमारी, उत्क्रमित मध्य विद्यालय कन्या सूर्यपुरा के अरुण कुमार ठाकुर, उत्क्रमित मध्य विद्यालय चक्का नया के शंकर प्रसाद ¨सह, आशिक पासवान, रामहित महतो, उत्क्रमित कन्या मध्य विद्यालय सहलोरी के वासुकी प्रसाद ¨सह, उत्क्रमित मध्य विद्यालय चंदौर के वीरेंद्र प्रसाद ¨सह, उत्क्रमित मध्य विद्यालय दादपुर के सुभाष प्रसाद दास, उत्क्रमित मध्य विद्यालय जगदीशपुर के रामचंद्र यादव, नवसृर्जित प्राथमिक विद्यालय पासोपुर की इंदिरा कुमारी, प्राथमिक विद्यालय कताहरिया के रुद्रदेव पासवान, उत्क्रमित मध्य विद्यालय ईसापुर के धर्मेंद्र कुमार झा, प्राथमिक विद्यालय पाली की रेखा राय, प्राथमिक विद्यालय बनवारीपुर की मालती कुमारी, उत्क्रमित मध्य विद्यालय खखना की किरण कुमारी, मध्य विद्यालय दुलारपुर मठ के अनिल कुमार मिश्र, मध्य विद्यालय जोकिया के रामाशीष चौरसिया शामिल हैं। निगरानी के इंस्पेक्टर कन्हैया लाल ने बताया कि इन लोगों के साथ इनकी नियोजन इकाइयों पर भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
प्रमाणपत्रों की निगरानी से कराई जा रही थी जांच
बताते चलें कि पिछले वर्ष से ही नियोजित शिक्षकों के तमाम प्रमाणपत्रों की जांच निगरानी से कराई जा रही है। निगरानी की टीम शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत तमाम प्रमाणपत्रों की जांच सीधे उनके स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय से करा रही है। जिसमें बहुत से फर्जी शिक्षक लगातार पकड़ा रहे हैं। ये वे शिक्षक हैं जिन्होंने कम्प्यूटर या किसी दलाल के माध्यम से कोई डिग्री प्राप्त की और उसका प्रयोग शिक्षक नियोजन में किया है। यह भी बता दें कि प्रखंड स्तर पर नियोजन इकाई में प्रमुख, बीडीओ, बीईओ सहित अन्य शामिल होते हैं। जबकि पंचायत नियोजन इकाई में मुखिया, पंचायत सचिव और पंसस सहित अन्य शामिल होते हैं।
एफआइआर निगरानी ब्यूरो के निरीक्षक कन्हैया लाल ने दर्ज कराई है।
क्या है मामला :
भगवानपुर थाना से मिली जानकारी के अनुसार जिन शिक्षकों पर फर्जी बहाली का आरोप लगा है उनमें 2006 से 2015 के बीच नियोजित होने वाले मध्य विद्यालय भीठ की ¨पकी कुमारी, उत्क्रमित मध्य विद्यालय कन्या सूर्यपुरा के अरुण कुमार ठाकुर, उत्क्रमित मध्य विद्यालय चक्का नया के शंकर प्रसाद ¨सह, आशिक पासवान, रामहित महतो, उत्क्रमित कन्या मध्य विद्यालय सहलोरी के वासुकी प्रसाद ¨सह, उत्क्रमित मध्य विद्यालय चंदौर के वीरेंद्र प्रसाद ¨सह, उत्क्रमित मध्य विद्यालय दादपुर के सुभाष प्रसाद दास, उत्क्रमित मध्य विद्यालय जगदीशपुर के रामचंद्र यादव, नवसृर्जित प्राथमिक विद्यालय पासोपुर की इंदिरा कुमारी, प्राथमिक विद्यालय कताहरिया के रुद्रदेव पासवान, उत्क्रमित मध्य विद्यालय ईसापुर के धर्मेंद्र कुमार झा, प्राथमिक विद्यालय पाली की रेखा राय, प्राथमिक विद्यालय बनवारीपुर की मालती कुमारी, उत्क्रमित मध्य विद्यालय खखना की किरण कुमारी, मध्य विद्यालय दुलारपुर मठ के अनिल कुमार मिश्र, मध्य विद्यालय जोकिया के रामाशीष चौरसिया शामिल हैं। निगरानी के इंस्पेक्टर कन्हैया लाल ने बताया कि इन लोगों के साथ इनकी नियोजन इकाइयों पर भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
प्रमाणपत्रों की निगरानी से कराई जा रही थी जांच
बताते चलें कि पिछले वर्ष से ही नियोजित शिक्षकों के तमाम प्रमाणपत्रों की जांच निगरानी से कराई जा रही है। निगरानी की टीम शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत तमाम प्रमाणपत्रों की जांच सीधे उनके स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय से करा रही है। जिसमें बहुत से फर्जी शिक्षक लगातार पकड़ा रहे हैं। ये वे शिक्षक हैं जिन्होंने कम्प्यूटर या किसी दलाल के माध्यम से कोई डिग्री प्राप्त की और उसका प्रयोग शिक्षक नियोजन में किया है। यह भी बता दें कि प्रखंड स्तर पर नियोजन इकाई में प्रमुख, बीडीओ, बीईओ सहित अन्य शामिल होते हैं। जबकि पंचायत नियोजन इकाई में मुखिया, पंचायत सचिव और पंसस सहित अन्य शामिल होते हैं।