पटना : इंटरमीडिएट के रिजल्ट में आयी भारी गिरावट के बाद मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है. शिक्षा
मंत्री डॉ अशोक चौधरी की अध्यक्षता में गुरुवार की शाम माध्यमिक व उच्च
माध्यमिक शिक्षा की बेहतरी को लेकर समीक्षात्मक बैठक हुई. बैठक में शिक्षा
मंत्री ने अधिकारियों के हाइ व प्लस टू स्कूलों के रोड मैप के लिए एक
सप्ताह में ब्लू प्रिंट तैयार करने का निर्देश दिया. इसी ब्लू प्रिंट को
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने प्रेजेंटेशन के जरिये दिखाया जायेगा और
इसे अंतिम रूप दिया जायेगा.
शिक्षा मंत्री ने माध्यमिक शिक्षा के अधिकारियों को निर्देश दिया कि
हाइ व प्लस टू स्कूल की शिक्षा को बेहतर करने के लिए किन-किन चीजों की
आवश्यकता है, इसका प्रस्ताव तैयार करें. शिक्षकों की कमी, गणित, विज्ञान व
अंगरेजी के शिक्षकों का नहीं मिलना, इन समस्याओं को कैसे इसे दूर किया जा
सकता है, शिक्षकों को दिये जाने वाले वेतनमान में सुधार करने से क्या लाभ
हो सकता है, इसे ब्लू प्रिंट में डाला जायेगा.
शिक्षकों की गुणवत्ता और उनकी ट्रेनिंग को भी बेहतर किया जायेगा.
शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों से हाइ व प्लस टू स्कूलों में लैब हैं या
नहीं, बिल्डिंग की क्या स्थिति है, उसकी पूरी मांगी है.
साथ ही इंटरमीडिएट व मैट्रिक की परीक्षा को लेकर प्रधानाध्यापक और
शिक्षकों की जवाबदेही भी तय करने पर विचार होगा. शिक्षा विभाग मुख्यमंत्री
के सामने इंटर-मैट्रिक परीक्षा में होम सेंटर रखने का प्रस्ताव रख सकता है.
इसमें जो बच्चे जिस स्कूल में पढ़ेंगे, वहीं उनका परीक्षा केंद्र होगा और
वहां अगर कदाचार होता है, तो संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापक और शिक्षकों
पर सीधी कार्रवाई की जायेगी. शिक्षा विभाग के रोड मैप के आधार पर ही
माध्यमिक व प्लस टू स्कूलों में पढ़ाई होगी.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाइ व प्लस टू
स्कूल की बेहतरी के जितनी भी राशि की जरूरत होगी, देने का भरोसा जताया है.
ऐसे में स्कूलों को बेहतर करना है, ताकि बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा
दी जा सके और रिजल्ट बेहतर हो सके.
ब्लू प्रिंट में इन बातों का होगा जिक्र
- स्कूलों में शिक्षकों की कमी
- गणित, विज्ञान व अंगरेजी के शिक्षक का मिलना
- शिक्षकों के वेतनमान में सुधार करने से क्या लाभ हो सकता है
- शिक्षकों की गुणवत्ता और उनकी ट्रेनिंग को बेहतर करना
- हाइ व प्लस टू स्कूलों में लैब व बिल्डिंग की स्थिति
- परीक्षा को लेकर प्रधानाध्यापक और शिक्षकों की जवाबदेही