वही लोग शिक्षक चौपाल पर टिप्पणी कर रहे है जो किसी संघ विशेष की अंधभक्ति करते है ।बराबर उसी की माला जपते रहते है ।ये लोग किसी संघ विशेष के पदधारक भी है ।शिक्षक चौपाल अभी शिशु अवस्था में है ।हमारा उद्देश्य इसके संदेश को प्रदेश के हर जिले में पहुंचाकर आम शिक्षकों की भावना जानना था।उनके नब्ज़ को टटोलना था तथा आम राय बनाना था ।
जिससे सभी संघों को एक करने की मुहिम में जन समर्थन प्राप्त होता और सभी संघों को एक मंच तले आने को विवश किया जाता ।शिक्षक चौपाल ने पहल करते हुये सभी संघों के शीर्ष नेतृत्व से मिलने का समय माँगा लेकिन किसी को मिलने या बात करने की फुर्सत तक नही थी ।एकाद संघ को छोड़कर किसी ने आम शिक्षकों की भावनाओ की परवाह नही की ।उनसे मिलना,बात करना तक उचित नही समझा ।कई नेताओं ने तो मोबाइल ही SWITCH OFF कर लिया और ऐसे गायब हो गये जैसे गदहे के सर पर से सिंह ।बाद में शिक्षक चौपाल ने इस बावत उनके पते पर चिट्ठी भी भेजी लेकिन महासंघ,PPSS के अलावा किसी ने रुचि नही दिखाई ।लगे अपनी डफली अपना राग अलापने ।आनन फानन ने अग्रिम आंदोलन की घोषणा कर दी ।आम शिक्षक गला फाड़-फाड़ कर हाथ-पैर जोड़कर एक साथ आने की अंत अंत तक अपील करते रहे लेकिन ये लोग उत्तर देना तो दूर उनके शीर्ष नेतृत्व ने FB पर मौजूद कुछ सागिर्दो को चौपाल के विरोध में लिखने की पूरी छूट दे दी ।नतीजतन ये लोग शिक्षक चौपाल के लोगों पर ओछी टिपण्णी के साथ-साथ निर्लज्जता की सारी सीमायें तोड़ दी ।अब किस मुँह से चौपाल से मदद की आशा रखते है ?खैर शिक्षक चौपाल अभी भी आश्वस्त करता है की सभी संगठन एक साथ आ जायें तो शिक्षक चौपाल आपके साथ होगा ।चंदन कुमार और अमिट सॉरी अमित विक्रम जैसे लोग शिक्षक चौपाल पर अपनी नाकामी का ठीकरा फोरना चाहते है ।जबकि शिक्षक चौपाल अभी आप सभी संघों के अड़ीयल रवैये के कारण मूकदर्शक बना हुआ है ।अब आप सभी शिक्षकों से पूछना चाहता हूँ की शिक्षक चौपाल कही से दोषी है क्या ?इसमें शामिल लोग शिक्षक संगठनो की तरह चंदे में पैसे से नही चलते ।कुछ प्रभावशाली लोगों ने पेशकश भी की लेकिन हमलोगों ने इसे सिरे से खारिज कर दिया ।आम शिक्षक खुद इसे वहन करने में सक्षम है ।
आप गौर करेंगे तो पता चलेगा की शिक्षक चौपाल से ज्यादा ALERGY कुछ संघ से जुड़े लोगों को ही है ।
ये लोग केवल अपने बारे में ही सोच सकते है ।
जिससे सभी संघों को एक करने की मुहिम में जन समर्थन प्राप्त होता और सभी संघों को एक मंच तले आने को विवश किया जाता ।शिक्षक चौपाल ने पहल करते हुये सभी संघों के शीर्ष नेतृत्व से मिलने का समय माँगा लेकिन किसी को मिलने या बात करने की फुर्सत तक नही थी ।एकाद संघ को छोड़कर किसी ने आम शिक्षकों की भावनाओ की परवाह नही की ।उनसे मिलना,बात करना तक उचित नही समझा ।कई नेताओं ने तो मोबाइल ही SWITCH OFF कर लिया और ऐसे गायब हो गये जैसे गदहे के सर पर से सिंह ।बाद में शिक्षक चौपाल ने इस बावत उनके पते पर चिट्ठी भी भेजी लेकिन महासंघ,PPSS के अलावा किसी ने रुचि नही दिखाई ।लगे अपनी डफली अपना राग अलापने ।आनन फानन ने अग्रिम आंदोलन की घोषणा कर दी ।आम शिक्षक गला फाड़-फाड़ कर हाथ-पैर जोड़कर एक साथ आने की अंत अंत तक अपील करते रहे लेकिन ये लोग उत्तर देना तो दूर उनके शीर्ष नेतृत्व ने FB पर मौजूद कुछ सागिर्दो को चौपाल के विरोध में लिखने की पूरी छूट दे दी ।नतीजतन ये लोग शिक्षक चौपाल के लोगों पर ओछी टिपण्णी के साथ-साथ निर्लज्जता की सारी सीमायें तोड़ दी ।अब किस मुँह से चौपाल से मदद की आशा रखते है ?खैर शिक्षक चौपाल अभी भी आश्वस्त करता है की सभी संगठन एक साथ आ जायें तो शिक्षक चौपाल आपके साथ होगा ।चंदन कुमार और अमिट सॉरी अमित विक्रम जैसे लोग शिक्षक चौपाल पर अपनी नाकामी का ठीकरा फोरना चाहते है ।जबकि शिक्षक चौपाल अभी आप सभी संघों के अड़ीयल रवैये के कारण मूकदर्शक बना हुआ है ।अब आप सभी शिक्षकों से पूछना चाहता हूँ की शिक्षक चौपाल कही से दोषी है क्या ?इसमें शामिल लोग शिक्षक संगठनो की तरह चंदे में पैसे से नही चलते ।कुछ प्रभावशाली लोगों ने पेशकश भी की लेकिन हमलोगों ने इसे सिरे से खारिज कर दिया ।आम शिक्षक खुद इसे वहन करने में सक्षम है ।
आप गौर करेंगे तो पता चलेगा की शिक्षक चौपाल से ज्यादा ALERGY कुछ संघ से जुड़े लोगों को ही है ।
ये लोग केवल अपने बारे में ही सोच सकते है ।