पूर्णिया। इंटरमीडिएट के बाद अब मैट्रिक की उत्तर पुस्तिकाओं के
मूल्यांकन पर भी ग्रहण लगता प्रतीत हो रहा है। माध्यमिक शिक्षक संघ ने
मूल्यांकन कार्य में असहयोग का निर्णय लिया है तथा कहा है कि कॉपी जांच के
लिए नियुक्त शिक्षक मूल्यांकन केंद्र पर योगदान नहीं देंगे।
केंद्रों पर वे लोग धरना प्रदर्शन भी करेंगे। हालांकि शिक्षा विभाग ने बहिष्कार की स्थिति में रिटायर्ड शिक्षकों से कॉपी जांच कराने की कवायद में जुटा है परंतु शिक्षक संघ प्रशासन के इस कदम को असफल बनाने की रणनीति में जुट गया है। संघ के जिला सचिव ने कहा है कि वे रिटायर्ड शिक्षकों से मिलकर उन्हें सहयोग की अपील करेंगे।
राकउवि व बीबीएम उवि में बनाया गया है मूल्यांकन केंद्र
मैट्रिक की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 1 अप्रैल से निर्धारित है। इसके लिए जिला में दो मूल्यांकन केंद्र राजकीय कन्या उवि तथा ब्रज बिहारी उवि में बनाया गया है। दोनों ही केंद्रों पर उत्तर पुस्तिकाएं भेज दी गई है तथा मूल्यांकन के लिए करीब 600 माध्यमिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र भी भेजा गया है। लेकिन शिक्षकों के असहयोग के निर्णय से मूल्यांकन का कार्य बाधित होने की आशंका बढ़ गई है।
लगभग 2 लाख उत्तर पुस्तिकाओं की होनी है जांच
जिला मुख्यालय में बनाए गए दो मूल्यांकन केंद्रों पर लगभग 2 लाख उत्तर पुस्तिकाओं की जांच होनी है। कॉपी की जांच के लिए नियुक्त शिक्षकों को 1 अप्रैल को केंद्रों पर योगदान का निर्देश दिया गया है। लेकिन शिक्षक संघ ने शिक्षकों को योगदान देने से मना कर दिया है जिससे जांच कार्य प्रभावित हो सकता है।
शिक्षक संघ ने लिया है असहयोग का निर्णय
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने मूल्यांकन कार्य में असहयोग का निर्णय लिया है। संघ के जिला सचिव डा. रामशरण मेहता ने बताया कि समान काम के लिए समान वेतन की मांग को लेकर वे लोग मूल्यांकन में असहयोग कर रहे हैं। इंटरमीडिएट की तरह वे लोग मैट्रिक की कॉपी की भी जांच नहीं करेंगे। उन्होंने बताया कि मूल्यांकन केंद्र पर कोई भी शिक्षक योगदान नहीं देंगे। केद्रों के समीप वे लोग धरना प्रदर्शन भी करेंगे। बताया कि यदि रिटायर्ड शिक्षक को जांच के लिए लगाया जाता है तो वे लोग उनसे मिलकर अपने भाइयों को सहयोग करने की अपील करेंगे।
केंद्रों पर वे लोग धरना प्रदर्शन भी करेंगे। हालांकि शिक्षा विभाग ने बहिष्कार की स्थिति में रिटायर्ड शिक्षकों से कॉपी जांच कराने की कवायद में जुटा है परंतु शिक्षक संघ प्रशासन के इस कदम को असफल बनाने की रणनीति में जुट गया है। संघ के जिला सचिव ने कहा है कि वे रिटायर्ड शिक्षकों से मिलकर उन्हें सहयोग की अपील करेंगे।
राकउवि व बीबीएम उवि में बनाया गया है मूल्यांकन केंद्र
मैट्रिक की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 1 अप्रैल से निर्धारित है। इसके लिए जिला में दो मूल्यांकन केंद्र राजकीय कन्या उवि तथा ब्रज बिहारी उवि में बनाया गया है। दोनों ही केंद्रों पर उत्तर पुस्तिकाएं भेज दी गई है तथा मूल्यांकन के लिए करीब 600 माध्यमिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र भी भेजा गया है। लेकिन शिक्षकों के असहयोग के निर्णय से मूल्यांकन का कार्य बाधित होने की आशंका बढ़ गई है।
लगभग 2 लाख उत्तर पुस्तिकाओं की होनी है जांच
जिला मुख्यालय में बनाए गए दो मूल्यांकन केंद्रों पर लगभग 2 लाख उत्तर पुस्तिकाओं की जांच होनी है। कॉपी की जांच के लिए नियुक्त शिक्षकों को 1 अप्रैल को केंद्रों पर योगदान का निर्देश दिया गया है। लेकिन शिक्षक संघ ने शिक्षकों को योगदान देने से मना कर दिया है जिससे जांच कार्य प्रभावित हो सकता है।
शिक्षक संघ ने लिया है असहयोग का निर्णय
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने मूल्यांकन कार्य में असहयोग का निर्णय लिया है। संघ के जिला सचिव डा. रामशरण मेहता ने बताया कि समान काम के लिए समान वेतन की मांग को लेकर वे लोग मूल्यांकन में असहयोग कर रहे हैं। इंटरमीडिएट की तरह वे लोग मैट्रिक की कॉपी की भी जांच नहीं करेंगे। उन्होंने बताया कि मूल्यांकन केंद्र पर कोई भी शिक्षक योगदान नहीं देंगे। केद्रों के समीप वे लोग धरना प्रदर्शन भी करेंगे। बताया कि यदि रिटायर्ड शिक्षक को जांच के लिए लगाया जाता है तो वे लोग उनसे मिलकर अपने भाइयों को सहयोग करने की अपील करेंगे।