*आज का पंचांग* »»»
कलियुगाब्द.............5118
कलियुगाब्द.............5118
- सरकार कर रही है सेवा-शर्त के नाम पर नियोजित शिक्षकों के साथ धोखा
- मुख्यमंत्री और उनके अधिकारी और कार्यकर्ता आजकल गंजेड़ी की तरह नशा मे बात करते है
- बेसिक ग्रेड एंव स्नातक ग्रेड के अप्रशिक्षित अथवा प्रशिक्षणरत् शिक्षकों के साथ अपार धोखा है यह सेवाशर्त
- नियोजित शिक्षकों की याचिका पर हाईकोर्ट ने मांगा सरकार से जवाब
- TSUNSS : समान काम, समान वेतन एवम् नियमित शिक्षकों की भांति सेवाशर्त से कम कुछ भी मंजूर नही
शक संवत्..............1938
मास.......................माघ
पक्ष.......................शुक्ल
तिथी.....................दशमी
दोप 04.09 पर्यंत पश्चात एकादशी
तिथिस्वामी.......... ......धर्म
नित्यदेवी.........महावज्रेश्वरी
रवि...................उत्तरायण
सूर्योदय.......07.04.35 पर
सूर्यास्त.......06.18.06 पर
नक्षत्र...................रोहिणी
दोप 03.28 पर्यंत पश्चात मृगशिरा
योग.........................इंद्र
दोप 02.53 पर्यंत पश्चात वैधृति
करण.....................गरज
दुसरे दिन दोप 04.09 पर्यन्त पश्चात वणिज
ऋतु.......................बसंत
दिन....................सोमवार
🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
06 फरवरी सन 2017 ईस्वी ।
06 फरवरी सन 2017 ईस्वी ।
👁🗨 *राहुकाल* :-
प्रात: 08.30 से 09.53 तक ।
प्रात: 08.30 से 09.53 तक ।
🚦 *दिशाशूल* :-
पूर्व दिशा- यदि आवश्यक हो तो दर्पण देखकर यात्रा प्रारंभ करें।
पूर्व दिशा- यदि आवश्यक हो तो दर्पण देखकर यात्रा प्रारंभ करें।
☸ शुभ अंक................2
🔯 शुभ रंग..............लाल
🔯 शुभ रंग..............लाल
✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 07.07 से 08.30 तक अमृत
प्रात: 09.53 से 11.17 तक शुभ
दोप. 02.03 से 03.27 तक चंचल
अप. 03.27 से 04.50 तक लाभ
सायं 04.50 से 06.14 तक अमृत
सायं 06.14 से 07.50 तक चंचल ।
प्रात: 07.07 से 08.30 तक अमृत
प्रात: 09.53 से 11.17 तक शुभ
दोप. 02.03 से 03.27 तक चंचल
अप. 03.27 से 04.50 तक लाभ
सायं 04.50 से 06.14 तक अमृत
सायं 06.14 से 07.50 तक चंचल ।
🎶 *आज का मंत्र* :-
|| ॐ सौम्याय नमः ||
|| ॐ सौम्याय नमः ||
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*प्रार्थना सभा के लिए प्रेरक प्रसंग*
*प्रार्थना सभा के लिए प्रेरक प्रसंग*
*कहानी शीर्षक : मुश्किलों से सीखें*
एक व्यक्ति अपने गधा को लेकर शहर से लौट रहा था । गलती से वह गधा पैर खिसकने के कारण सीधे एक गहरे गढ़े में गिर गया । उसे निकलने के लिए उस व्यक्ति ने पूरा कोशिश किया परन्तु वह उस गधे को निकाल नहीं पाया ।
जब उस व्यक्ति को लगा की उसके गधे को उस गढ़े से निकालना अब असंभव हैं उसने उसे जिन्दा ही मिटटी से ढक देने का सोचा और वह ऊपर से मिटटी डालने लगा । बहुत देर तक मिटटी डालने के बाद वह इंसान पास ही अपने घर चले गया ।
पर ढेर सारी मिटटी डालने के कारण वह गधा अपने ऊपर गिरे हुए मिटटी की मदद से धीरे-धीरे उस पर अपना पैर रख-रख कर उस गढ़े के ऊपर जिन्दा चढ़ आया । अगले दिन जब वह व्यक्ति सुबह उठा तो उसने देखा उसका गधा उसके घर के बहार ही खड़ा था । यह करिश्मा देखकर वह व्यक्ति स्तम्भ रहे गया ।
*इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें कभी भी हार नहीं मानना चाहिए और बार-बार कोशिश करना चाहिए ।*
*🎀🎀 शैक्षिक समाचार 🎀🎀*
- आम शिक्षकों की ओर से कुछ सवाल...........आचार्य रवि
- सेवा शर्त नियमावली : राज्य भर के नियोजित शिक्षको द्वारा पुरजोर विरोध , चरणबद्ध आंदोलन की तिथि का घोषणा
- मुख्यमंत्री के द्वारा शिक्षकों को लेकर दिए गए बयान का प्रारंभिक शिक्षक संघ ने किया पुरजोर विरोध
- चायनिज सेवा-शर्त का शेषभाग........ सबसे बड़ा धोखा तो अनुशासनिक कार्यवाई के मामले में
- 'नयी बोतल में पुरानी शराब' की भांति है सेवाशर्त का झुनझुना
- अच्छी सूचना : प्रशिक्षण के मामले में ODL , DPE संवर्द्धन शुरू
- सेवा शर्त के प्रारूप मंजूर नहीं : यह सेवा शर्त निरीह शिक्षकों के दर्द के मलहम के जगह और दर्द बढाने वाला