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आम शिक्षक चौपाल : आखिर क्या हो गया, आपको..?

आम शिक्षक चौपाल
06/02/2017
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सम्मानित शिक्षक साथियों,
सादर अभिनंदन... 🙏🙏🙏
आखिर क्या हो गया, आपको..?
इतना काम संघों ने करवा दिया..
और आप एहसान मानने को तैयार नहीं...
ये ग़लत बात है...
- जब इन्होंने महासंघ बनाया, आपने माना...
- पूरे बिहार में हड़ताल का आह्वान किया, आपने माना....
- जब संघर्ष चरम था, इन्होंने महासंघ को पंक्चर कर दिया, आपने माना...
- चायनीज वेतनमान दिलाया (पता नहीं किसने, दावा तो सभी करते हैं), आपने माना...
- एक संघ ने तो आपको नौकरी दिलाने और प्रशिक्षित कराने तक का दावा किया, (आपको अकादमिक डिग्री दिलाना शायद भूल गए या दावा करना याद नहीं रहा), आपने माना...
-सातवें वेतनमान का लाभ दिलाया, आपने माना....
- सेवा शर्त आने को है,
फूलमाला लाइए....
टेंट लगाइए..
सम्मान समारोह आयोजित कीजिए..
अबीर गुलाल उड़ाइए...
पटाखे फोड़िए...
एहसान मानिए..... एहसान...
अब आप पता नहीं क्यों, सभी संघों को एक मंच पर आने के लिए कहते हैं..?
कहते हैं, जब माँग एक है, तो आवाज़ भी एक मंच पर आके उठे..
कुछ तो समझिए...
कई संघों के अनेक नेताओं की रोजी रोटी का सवाल है..
आप वेतन से गुजारा करते है...
उनका सहारा तो आपके द्वारा प्रदत्त राशि ही है...
सब संघ अलग अलग बैठेंगे, तभी तो उनकी दुकान सलामत रहेंगी...
जाएँगे,
कुछ दिन आपके पैसे से टेंट लगेगा..
आपको पटना नहीं आने के लिए कोसेंगे...
बंद कमरे में आपको बेचेंगे..
और फिर स्वागत कराने आपके बीच आ जाएँगे...
आपकी मुख्य समस्या अगर कहीं एकता के कारण सुलझ गयी, तो डेढ़ दर्जन दुकानों का क्या होगा..?
बस, नारा लगाएँगे...
'शिक्षक एकता जिंदाबाद'
(ये अलग बात है, ये खुद एकता नहीं चाहते)
तो, भाइयों..
नारा लगाइए, और नेताजी के पीछे हो जाइए...
सवाल मत पूछिए...
वर्ना... जो जवाब मिलेगा, उसके जवाबदेह आप खुद होंगे...
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:- ओम प्रकाश 'ओम'
एक आम शिक्षक

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