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चायनिज सेवा-शर्त का शेषभाग........ सबसे बड़ा धोखा तो अनुशासनिक कार्यवाई के मामले में

चायनिज सेवा-शर्त का शेषभाग........
(2)अनुशासनिक कारवाई:- सबसे बड़ा धोखा तो अनुशासनिक कार्यवाई के मामले में होने जा रही है |अभी तक जो नियमावली अस्तित्व में है,उसके अनुसार नियोजित शिक्षक बिहार सरकार के कर्मचारी नहीं है,क्योंकि इन शिक्षकों की बहाली पंचायती राज सरकार(पंचायत,पंचायत समिति, नगर पंचायत, नगर परिषद एंव जिला
परिषद्) के द्वारा किया गया है,जो अपने आप में संवैधानिक सरकार है | इसलिए इस पर अनुशासनिक कार्यवाई का अधिकार भी पंचायती राज सरकार के अधीन ही है |इसके अलावे बिहार सरकार के किसी पदाधिकारी चाहे वह प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी,जिला शिक्षा पदाधिकारी,क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी या फिर जिला पदाधिकारी अपने निरीक्षण के क्रम में इन्हें दोषी पाते हैं तो वह प्रत्यक्ष रुप से हम नियोजित शिक्षकों पर कार्रवाई नहीं कर सकते क्योंकि वह बिहार सरकार के कर्मचारी हैं और उन्हें पंचायती राज सरकार द्वारा नियोजित कर्मियों पर अनुशासनिक कार्यवाई का संवैधानिक अधिकार नहीं है | इसलिए यह पदाधिकारी नियोजन इकाई के सचिव को अनुसंसा करेगा कि उक्त शिक्षक पर अनुशासनिक कार्यवाई किया जाए | अब यह पूरी तरह उस नियोजन इकाई पर निर्भर होता था कि वह कार्रवाई करें या ना करें जो कहीं ना कहीं हम नियोजित शिक्षको के पक्ष में था |
अब कमिटी यह अनुशंसा करने जा रही है कि यदि जिला पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के निरीक्षण के क्रम में कोई नियोजित शिक्षक पकड़े जाते हैं तो उपरोक्त पदाधिकारी संबंधित नियोजन इकाई के सचिव को कार्यवाई की अनुसंसा करेगा जिसे 7 दिनों के कार्य दिवस में नियोजन इकाई के सचिव को अनुपालन करना बाध्यकारी होगा नहीं करने पर उक्त पदाधिकारी का वह अनुशासनिक कार्यवाही वाला आदेश नियोजित शिक्षक पर स्वत: लागू हो जायेगा अर्थात कल तक जो पदाधिकारी आप पर अनुशासनिक कार्रवाई करने का संवैधानिक अधिकार नहीं रखता था उसे अब नए सेवा शर्त के अनुसार कार्रवाई करने का अधिकार मिलते दिख रहा है |
कमेटी यह भी अनुशंसा करने जा रही है कि प्रखंड एवं पंचायत नियोजन इकाई के सचिव के पास कार्य की अधिकता है जिस कारण वह विद्यालय में नियोजित शिक्षकों के उपस्थिति का निरीक्षण नहीं कर पाते इसलिए प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी तथा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी संयुक्त रुप से एक जांच कमेटी का गठन नियोजन इकाई के सचिव के सहमति से करेगी जो विद्यालय में शिक्षकों की उपस्थिति की जांच कर अनुशासनिक कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगी|अभी तक वर्तमान नियमावली में इस प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं थी |
जारी है........... पढ़ते रहिए.......
धन्यवाद

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