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बेसिक ग्रेड एंव स्नातक ग्रेड के अप्रशिक्षित अथवा प्रशिक्षणरत् शिक्षकों के साथ अपार धोखा है यह सेवाशर्त

जिस प्रकार की सेवाशर्त के प्रारूप सरकार ने जारी किया हैं यह लगभग किसी शिक्षक के लिए लाभकारी नहीं मगर इससे बेसिक ग्रेड/ स्नातक ग्रेड खासकर अप्रशिक्षित शिक्षकों के साथ ज्यादा धोखे बाजी की जा रहीं हैं ।
जिस तरह के शब्दो का जिक्र इस सेवाशर्त में हैं उसमे तो अप्रशिक्षित शिक्षकों को तो बेसिक ग्रेड अथवा स्नातक ग्रेड भी नहीं माना गया हैं । अबतक क् नियमावली के तहत बेसिक ग्रेड एंव स्नातक ग्रेड में प्रशिक्षित एंव अप्रशिक्षित दोनो प्रकार के शिक्षकों का अलग- अलग वर्गीकरण नहीं था । वे प्रशिक्षित हों अथवा अप्रशिक्षित बेसिक ग्रेड या स्नातक ग्रेड के शिक्षक हीं कहलाते थे । नये नियम से अब अप्रशिक्षित चाहे वह बेसिक ग्रेड में हो या स्नातक ग्रेड में उन्हें किसी ग्रेड का शिक्षक नहीं माना गया हैं , न हीं वे किसी प्रकार के प्रोन्नति के हकदार हैं । अब यदि वे भविष्यकाल में प्रशिक्षित भी होते हैं तभी जाकर उनको अपना बेसिक अथवा स्नातक ग्रेड की प्राप्ति होगी और इस प्रकार से उनकी नौकरी का आधा जीवन अथवा उससे भी ज्यादा जीवन समाप्त हो जाएगा । तत्काल अभी सरकार किसी को कुछ देने नहां जा रही हैं । यह सेवाशर्त किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं होनी चाहिए ।
✍राजेश प्र यादव
मीडिया प्रभारी
BPNPSS पीपराकोठी

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