भोजपुर। जिले के गड़हनी, अगिआंव व सहार प्रखंड के कुल 56 प्रखंड व पंचायत
शिक्षकों के वेतन पर रोक लगा दी गई है। गड़हनी प्रखंड में 9, अगिआंव प्रखंड
में 13 व सहार प्रखंड में 34 प्रखंड व पंचायत शिक्षकों के वेतन पर रोक
लगाई गई है।
इन शिक्षकों के नियोजन में कथित तौर पर अवैध तरीके से बहाली करने की बात सामने आ रही है। नियमों को दरकिनार कर विभिन्न विद्यालयों में शिक्षक नियुक्त कर लिए गए हैं। जिस कारण शिक्षकों को नियोजन करने वाली नियोजन इकाईयां भी संदेह के घेरे में है। मामला को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दे दिए गए है। सभी प्रखंड के बीडीओ को जांच कर विभागीय कार्रवाई का निर्देश जारी किया गया हैं। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना के ज्ञापांक 6196 / 03/ 12. 2016 के आदेश के आलोक में यह मामला प्रकाश में आया है। मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित नियोजन इकाईयों से कागजात की मांग की गई है। यह मामला तब प्रकाश में आया, जब बड़हरा विधायक सरोज यादव ने शिक्षकों की नियुक्ति के मामले को सदन में उठाया। शिक्षकों के नियोजन में अवैध रूप से बहाली किए जाने का मामला गत दिनों उदवंतनगर प्रखंड में भी सामने आया था। जिसके जद में 72 शिक्षकों के वेतन पर रोक लगाई गई है।
क्या कहते हैं बीईओ:
सहार प्रखंड के बीईओ अरुण प्रकाश कहते है कि प्रखंड व पंचायत शिक्षकों पर अवैध तरीके से बहाली कर लिए जाने का पत्र प्राप्त होते ही संबंधित शिक्षकों के वेतन पर रोक लगा दी गई है। मामले की जांच कराई जा रही है। जांच में सही पाए जाने पर बर्खास्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
अवैध तरीके से नियुक्त शिक्षक होंगे सेवा मुक्त:
सहार प्रखंड में वर्ष 2008 में अवैध व अनियमित तरीके से नियुक्त शिक्षकों को सेवा मुक्त किया जाएगा। इसके लिए सूची तैयार कर ली गई है। यह कार्रवाई तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा निदेशक एम. रामचंदुडु द्वारा भेजे गए पत्र के आलोक में किया गया है। कुल 44 शिक्षकों को जून 2016 तक सेवा मुक्त कर प्रतिवेदन विभाग को उपलब्ध कराने का निर्देश था। मगर मामला अपीलीय प्राधिकार में जाने के कारण लटक गया। इस मामले में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अरुण प्रकाश ने कहा कि अपीलीय प्राधिकार द्वारा दिए गए फैसला के विरोध में प्राथमिक शिक्षा निदेशक से मार्गदर्शन की मांग करते हुए हाई कोर्ट में अपील दायर की गई है। फैसला आते ही शिक्षकों को बर्खास्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
इन शिक्षकों के नियोजन में कथित तौर पर अवैध तरीके से बहाली करने की बात सामने आ रही है। नियमों को दरकिनार कर विभिन्न विद्यालयों में शिक्षक नियुक्त कर लिए गए हैं। जिस कारण शिक्षकों को नियोजन करने वाली नियोजन इकाईयां भी संदेह के घेरे में है। मामला को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दे दिए गए है। सभी प्रखंड के बीडीओ को जांच कर विभागीय कार्रवाई का निर्देश जारी किया गया हैं। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना के ज्ञापांक 6196 / 03/ 12. 2016 के आदेश के आलोक में यह मामला प्रकाश में आया है। मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित नियोजन इकाईयों से कागजात की मांग की गई है। यह मामला तब प्रकाश में आया, जब बड़हरा विधायक सरोज यादव ने शिक्षकों की नियुक्ति के मामले को सदन में उठाया। शिक्षकों के नियोजन में अवैध रूप से बहाली किए जाने का मामला गत दिनों उदवंतनगर प्रखंड में भी सामने आया था। जिसके जद में 72 शिक्षकों के वेतन पर रोक लगाई गई है।
क्या कहते हैं बीईओ:
सहार प्रखंड के बीईओ अरुण प्रकाश कहते है कि प्रखंड व पंचायत शिक्षकों पर अवैध तरीके से बहाली कर लिए जाने का पत्र प्राप्त होते ही संबंधित शिक्षकों के वेतन पर रोक लगा दी गई है। मामले की जांच कराई जा रही है। जांच में सही पाए जाने पर बर्खास्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
अवैध तरीके से नियुक्त शिक्षक होंगे सेवा मुक्त:
सहार प्रखंड में वर्ष 2008 में अवैध व अनियमित तरीके से नियुक्त शिक्षकों को सेवा मुक्त किया जाएगा। इसके लिए सूची तैयार कर ली गई है। यह कार्रवाई तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा निदेशक एम. रामचंदुडु द्वारा भेजे गए पत्र के आलोक में किया गया है। कुल 44 शिक्षकों को जून 2016 तक सेवा मुक्त कर प्रतिवेदन विभाग को उपलब्ध कराने का निर्देश था। मगर मामला अपीलीय प्राधिकार में जाने के कारण लटक गया। इस मामले में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अरुण प्रकाश ने कहा कि अपीलीय प्राधिकार द्वारा दिए गए फैसला के विरोध में प्राथमिक शिक्षा निदेशक से मार्गदर्शन की मांग करते हुए हाई कोर्ट में अपील दायर की गई है। फैसला आते ही शिक्षकों को बर्खास्त करने की कार्रवाई की जाएगी।