अररिया। आधुनिकता की दौड़ में कामयाबी के लिए कंप्यूटर की शिक्षा
अनिवार्य है। बगैर कंप्यूटर के ज्ञान से बच्चों का उज्जवल भविष्य की बात
करना भी बेमानी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने निश्चय यात्रा में
स्वयं इस बात का इकरार किया था।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि कंप्यूटर प्रशिक्षण से यहां के युवाओं का भविष्य संवारा जाएगा। क्या सीएम की घोषणा पर अमल किया जा रहा है?
इस बाबत जागरण ने जब रानीगंज प्रखंड के लालजी उच्च विद्यालय की पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए। इस स्कूल में कंप्यूटर शिक्षा के दावे पूरी तरह हवा हवाई बन कर रह गयी है। स्कूल में पांच सौ बच्चों को कंप्यूटर की तालीम देने के लिए नामांकित किया गया था, लेकिन इतने बच्चों को मात्र एक टीचर का सहारा है।
कंप्यूटर कक्षाओं की जमीनी हकीकत
नब्बे के दशक में पठन पाठन व रिजल्ट के मामले में लालजी उच्च विद्यालय की खास पहचान थी, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण आज करीब एक हजार बच्चों का भविष्य अंधकार में हैं। हजार से अधिक बच्चों पर केवल एक कंप्यूटर शिक्षक कार्यरत है। वे केवल तीस बच्चे को कंप्यूटर का पाठ पूरा करा पाते हैं, वो भी कई शिफ्टों में ही। कभी बैठक तो कभी छुट्टी में रहने के कारण कंप्यूटर क्लास महीने में दस से पंद्रह दिनों तक प्रभावित रहता है। कुल मिलाकर कंप्यूटर शिक्षा के नाम पर केवल खानापूरी ही हो रही है।
-कंप्यूटर कक्ष में लगे हैं बीस कंप्यूटर
स्कूल के कंप्यूटर कक्ष में ताला लगा हुआ था। छात्र हेमंत कुमार, गौरव कुमार, विजय कुमार, अमित कुमार, निकेश कुमार आदि छात्रों का कहना था कि कंप्यूटर कक्षा में बीस कंप्यूटर लगे हैं। कमरे की चाभी सर के पास ही रहती है। छात्रों ने बताया कि मात्र एक शिक्षक रहने के कारण नियमित रूप से बीस से तीस छात्र ही कंप्यूटर की पढ़ाई करने आते हैं। वहीं, नितु कुमारी, ऋषिकेश आदि की मानें तो कंप्यूटर शिक्षा के नाम पर केवल खानापूरी होती है। स्कूल के अंदर नवीं, दसवीं व इंटर में एक हजार से अधिक बच्चे नामांकित है। वहीं, कंप्यूटर विषय में पांच सौ बच्चों पर मात्र एक शिक्षक कार्यरत है। वे भी कभी बैठक तो कभी छुट्टी पर रहते हैं, जिससे प्राय: कंप्यूटर कक्षा प्रभावित ही रहती है। बच्चों ने सवालिया लहजे कहा कि क्या एक शिक्षक एक हजार बच्चों को कंप्यूटर का ज्ञान दे पाएंगे।
-923 छात्र व 126 छात्राएं हैं विद्यालय में नामांकित
विद्यालय में कुल 923 छात्र एवं 126 छात्राएं नमांकित है। जिसमें कक्षा नवीं में 450, दशवीं में 419 तथा करीब डेढ़ सौ छात्राएं इंटर में नामांकित हैं।
-क्या कहते हैं शिक्षक
विद्यालय में मौजूद शिक्षक राजनरायण रंजन ने बताया कि कंप्यूटर की पढ़ाई के लिए एक ही शिक्षक कार्यरत हैं। आज वे बैठक में गए हैं। एचएम भी विभागीय बैठक में शामिल होने अररिया गए हुए हैं। कंप्यूटर का क्लास नियमित रूप से होता है। लेकिन एक शिक्षक रहने के कारण सभी बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा प्रदान करना आसान नहीं है।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि कंप्यूटर प्रशिक्षण से यहां के युवाओं का भविष्य संवारा जाएगा। क्या सीएम की घोषणा पर अमल किया जा रहा है?
इस बाबत जागरण ने जब रानीगंज प्रखंड के लालजी उच्च विद्यालय की पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए। इस स्कूल में कंप्यूटर शिक्षा के दावे पूरी तरह हवा हवाई बन कर रह गयी है। स्कूल में पांच सौ बच्चों को कंप्यूटर की तालीम देने के लिए नामांकित किया गया था, लेकिन इतने बच्चों को मात्र एक टीचर का सहारा है।
कंप्यूटर कक्षाओं की जमीनी हकीकत
नब्बे के दशक में पठन पाठन व रिजल्ट के मामले में लालजी उच्च विद्यालय की खास पहचान थी, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण आज करीब एक हजार बच्चों का भविष्य अंधकार में हैं। हजार से अधिक बच्चों पर केवल एक कंप्यूटर शिक्षक कार्यरत है। वे केवल तीस बच्चे को कंप्यूटर का पाठ पूरा करा पाते हैं, वो भी कई शिफ्टों में ही। कभी बैठक तो कभी छुट्टी में रहने के कारण कंप्यूटर क्लास महीने में दस से पंद्रह दिनों तक प्रभावित रहता है। कुल मिलाकर कंप्यूटर शिक्षा के नाम पर केवल खानापूरी ही हो रही है।
-कंप्यूटर कक्ष में लगे हैं बीस कंप्यूटर
स्कूल के कंप्यूटर कक्ष में ताला लगा हुआ था। छात्र हेमंत कुमार, गौरव कुमार, विजय कुमार, अमित कुमार, निकेश कुमार आदि छात्रों का कहना था कि कंप्यूटर कक्षा में बीस कंप्यूटर लगे हैं। कमरे की चाभी सर के पास ही रहती है। छात्रों ने बताया कि मात्र एक शिक्षक रहने के कारण नियमित रूप से बीस से तीस छात्र ही कंप्यूटर की पढ़ाई करने आते हैं। वहीं, नितु कुमारी, ऋषिकेश आदि की मानें तो कंप्यूटर शिक्षा के नाम पर केवल खानापूरी होती है। स्कूल के अंदर नवीं, दसवीं व इंटर में एक हजार से अधिक बच्चे नामांकित है। वहीं, कंप्यूटर विषय में पांच सौ बच्चों पर मात्र एक शिक्षक कार्यरत है। वे भी कभी बैठक तो कभी छुट्टी पर रहते हैं, जिससे प्राय: कंप्यूटर कक्षा प्रभावित ही रहती है। बच्चों ने सवालिया लहजे कहा कि क्या एक शिक्षक एक हजार बच्चों को कंप्यूटर का ज्ञान दे पाएंगे।
-923 छात्र व 126 छात्राएं हैं विद्यालय में नामांकित
विद्यालय में कुल 923 छात्र एवं 126 छात्राएं नमांकित है। जिसमें कक्षा नवीं में 450, दशवीं में 419 तथा करीब डेढ़ सौ छात्राएं इंटर में नामांकित हैं।
-क्या कहते हैं शिक्षक
विद्यालय में मौजूद शिक्षक राजनरायण रंजन ने बताया कि कंप्यूटर की पढ़ाई के लिए एक ही शिक्षक कार्यरत हैं। आज वे बैठक में गए हैं। एचएम भी विभागीय बैठक में शामिल होने अररिया गए हुए हैं। कंप्यूटर का क्लास नियमित रूप से होता है। लेकिन एक शिक्षक रहने के कारण सभी बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा प्रदान करना आसान नहीं है।