दरभंगा। प्रखंड क्षेत्र के राघोपुर ड्यौढ़ी स्थित कस्तुरबा गांधी बालिका
आवासीय विद्यालय में शिक्षकों की घोर कमी के कारण पढ़ाई बाधित हो गई है।
परिणामस्वरूप छात्राओं का वकद्यालय से पलायन हो रहा है। इस विद्यालय में
वर्ग 6 से 8 तक के लिए एक सौ छात्राओं की सीट है।
आवासीय विद्यालय में वार्डेन समेत शिक्षिकाओं के चार, लेखापाल के एक, आदेशपाल के एक, रात्रि प्रहरी के एक एवं रसोईया के लिए तीन पद स्वीकृत हैं। लेकिन गत दो वर्षों से वार्डेन सहित शिक्षिकाओं के तीन पद रिक्त हैं। जिसके कारण विद्यालय में रह रही छात्राओं की पढ़ाई-लिखाई चौपट हो गई है। विद्यालय परिसर में धूप में बैठकर रसोईया की निगरानी में पढाई कर रही छात्राओं में से वर्ग छह की छात्रा प्रीति कुमारी, अनु कुमारी, नंदनी कुमारी, वर्ग सात की छात्रा आरती कुमारी, नंदनी कुमारी एवं वर्ग आठ की छात्रा राधा कंजर, रूपम कुमारी ने डरते सहमते हुए बताया कि विद्यालय में एक ही शिक्षिका सुमन कुमारी हैं। शिक्षिकाओं की कमी के कारण बहुत सारी छात्राएं अपने घर चलीं गईं हैं। हमलोग आदेशपाल अंकल एवं रसोईया मैडम की
देख-रेख में रहकर पढ़ाई करते हैं। खाना हमलोगों को समय-समय पर मिलता है। लेकिन अभी तक हमलोगों को जाड़ा का कपड़ा नहीं मिला है। कुछ दिन पहले नापी कर ले गया है। कब ड्रेस बनकर आयगा इसका पता हमलोगों को नहीं है। रसोईया फूलो
देवी, रेशमा देवी, खुश्बू देबी, आदेशपाल अरूण कंजर ने बताया कि हमलोगों को चार माह से वेतन नहीं मिला है। इस संबंध में विद्यालय के संचालक सह महिला विकास आश्रम रहिका लखनौर, जिला मधुबनी के सचिव विश्वनाथ मिश्र ने बताया कि
विद्यालय में नामांकित एक सौ छात्राएँ हैं। लेकिन शिक्षिकाओं की कमी के कारण बहुत सारे अभिभावक अपनी बच्ची को यहां से ले गए हैं। उनलोगों का कहना है कि जब विद्यालय में शिक्षिका आएगी तब जाकर हम अपनी बच्ची को विद्यालय में रहने देंगे। गत 5 दिसम्बर को जय हनुमान ट्रेडर्स मुजफ्फरपुर को ड्रेस
उपलब्ध कराने के लिए जिला से टेंडर मिला है। छात्राओं की नापी लेकर गया है। लेकिन अभी तक छात्राओं को ड्रेस उपलब्ध नहीं कराया जा सका है।
आवासीय विद्यालय में वार्डेन समेत शिक्षिकाओं के चार, लेखापाल के एक, आदेशपाल के एक, रात्रि प्रहरी के एक एवं रसोईया के लिए तीन पद स्वीकृत हैं। लेकिन गत दो वर्षों से वार्डेन सहित शिक्षिकाओं के तीन पद रिक्त हैं। जिसके कारण विद्यालय में रह रही छात्राओं की पढ़ाई-लिखाई चौपट हो गई है। विद्यालय परिसर में धूप में बैठकर रसोईया की निगरानी में पढाई कर रही छात्राओं में से वर्ग छह की छात्रा प्रीति कुमारी, अनु कुमारी, नंदनी कुमारी, वर्ग सात की छात्रा आरती कुमारी, नंदनी कुमारी एवं वर्ग आठ की छात्रा राधा कंजर, रूपम कुमारी ने डरते सहमते हुए बताया कि विद्यालय में एक ही शिक्षिका सुमन कुमारी हैं। शिक्षिकाओं की कमी के कारण बहुत सारी छात्राएं अपने घर चलीं गईं हैं। हमलोग आदेशपाल अंकल एवं रसोईया मैडम की
देख-रेख में रहकर पढ़ाई करते हैं। खाना हमलोगों को समय-समय पर मिलता है। लेकिन अभी तक हमलोगों को जाड़ा का कपड़ा नहीं मिला है। कुछ दिन पहले नापी कर ले गया है। कब ड्रेस बनकर आयगा इसका पता हमलोगों को नहीं है। रसोईया फूलो
देवी, रेशमा देवी, खुश्बू देबी, आदेशपाल अरूण कंजर ने बताया कि हमलोगों को चार माह से वेतन नहीं मिला है। इस संबंध में विद्यालय के संचालक सह महिला विकास आश्रम रहिका लखनौर, जिला मधुबनी के सचिव विश्वनाथ मिश्र ने बताया कि
विद्यालय में नामांकित एक सौ छात्राएँ हैं। लेकिन शिक्षिकाओं की कमी के कारण बहुत सारे अभिभावक अपनी बच्ची को यहां से ले गए हैं। उनलोगों का कहना है कि जब विद्यालय में शिक्षिका आएगी तब जाकर हम अपनी बच्ची को विद्यालय में रहने देंगे। गत 5 दिसम्बर को जय हनुमान ट्रेडर्स मुजफ्फरपुर को ड्रेस
उपलब्ध कराने के लिए जिला से टेंडर मिला है। छात्राओं की नापी लेकर गया है। लेकिन अभी तक छात्राओं को ड्रेस उपलब्ध नहीं कराया जा सका है।