संवाद सूत्र, सरायगढ़ (सुपौल) : निरक्षर को साक्षर बनाने के लिए सरकार एक बार फिर से सघन अभियान चलाएगी। इसके लिए शिक्षा विभाग के द्वारा प्रत्येक गांव-टोले-मोहल्ले के अनपढ़ व्यक्तियों की सूची शिक्षकों द्वारा तैयार करवाई जा रही है। इस कार्यक्रम के तहत जिन अनपढ़ लोगों को शामिल किया जाएगा उनकी उम्र सीमा 15 से 45 वर्ष तक
निर्धारित की गई है। विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक सूची तैयार करने में जुटे हुए हैं। मिली जानकारी अनुसार सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड सहित पूरे जिले में अनपढ़ लोगों की सूची जल्द तैयार कर ली जाएगी। उसके बाद जो आंकड़े सामने आएंगे उसे पढ़ाने के लिए स्वयंसेवक तैनात होंगे। एक स्वयंसेवक को 20 निरक्षरों को साक्षर करने की जिम्मेदारी दी जाएगी।----------------------------------- पहले भी चल चुका है अभियान
बिहार सरकार ने अक्षर आंचल योजना के तहत पहले भी अनपढ़ों को साक्षर करने के लिए लगातार रूप से कार्यक्रम चलाया था। उस कार्यक्रम का परिणाम क्या सामने आया इस बारे में जानकारी तो नहीं मिल सकी है लेकिन इतना जरूर हो सका था कि कई लोग उस कार्यक्रम में साक्षर हुए थे। अक्षर आंचल योजना में प्रखंड से लेकर टोले तक कमेटी गठित की गई थी। एक बार फिर से अब अनपढ़ों को साक्षर करने के लिए नए सिरे से कार्यक्रम की शुरुआत होगी।
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कहते हैं बीईओ प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रीता कुमारी से पूछने पर कहा कि असाक्षर लोगों को पढ़ाने के लिए सरकार के स्तर से एक बार फिर प्रयास शुरू किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण की जिम्मेवारी शिक्षकों को दी गई और इस काम को जल्द पूरा कर लिया जाएगा। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि सरकार को असाक्षर लोगों की सूची जल्द समर्पित किए जाने हेतु लगातार कार्य किए जा रहे हैं।