मध्य विद्यालय, गेरूआ में 2017 से चले आ रहे दो शिक्षकों के बीच विवाद में विद्यालयों के सभी आठ शिक्षकों को तबादला का खामियाजा भुगतना पड़ा। वरीय अधिकारियों के आदेशानुसार बीडीओ ने आठ शिक्षकों को अलग-अलग विद्यालयों में तबादला का आदेश निकाला है। उसके बदले दूसरे कई विद्यालयों से शिक्षकों को मध्य विद्यालय, गेरूआ में पोस्टिंग की गई है। तबादले का पत्र निकलने के बाद तत्काल सभी शिक्षकों को अपने-अपने विद्यालय में योगदान करने का निर्देश दिया गया है।
बीडीओ द्वारा निर्गत स्थानांतरण पत्र के अनुसार अनिता कुमारी को मध्य विद्यालय विशनपुरा, प्रमोद उपाध्याय, शिव कुमार चौधरी को उत्क्रमित मध्य विद्यालय खेलड़िया, नरेंद्र मौआर को मध्य विद्यालय करथ, शारदा को मध्य विद्यालय शंकरडीह, आशा देवी व अरविंद कुमार को मध्य विद्यालय कुसम्ही, नीलम कुमारी को मध्य विद्यालय जेठवार में पोस्टिंग किया गया है। जबकि, मध्य विद्यालय गेरूआ से सात शिक्षकों के तबादले होने के बाद खाली जगह को भरने के लिए अलग-अलग विद्यालयों से शिक्षकों को पदस्थापित किया गया है।
जिसमें
अरविंद कुमार पाण्डेय, धनन्जय कुमार, संजय कुमार पाण्डेय- मध्य विद्यालय
कुसम्ही , कुमारी सरिता, अजय कुमार ठाकुर- मध्य विद्यालय शंकरडीह, रंजन
कुमार-खरौना, राजीव -मध्य विद्यालय सारा, नेहा कुमारी-मध्य विद्यालय भदसेरा
से स्थानांतरित कर मध्य विद्यालय गेरूआ में पदस्थापित किया गया है।
शिक्षकों के बीच विवाद और स्थानांतरण का कारण
2017
में हेडमास्टर रही अनिता कुमारी तथा स्कूल के ही शिक्षक नरेंद्र मौआर के
बीच मध्याह्न भोजन को लेकर तथा अन्य मामलों के लेकर विवाद उत्पन्न हुआ था।
जो विवाद बढ़ता चला गया। इसी बीच विद्यालय से रात के समय मे एमडीएम का चावल,
बर्तन तथा कुछ आवश्यक रजिस्टर की भी चोरी हो गयी। जिसमें अनिता कुमारी ने
गेरूआ निवासी नरेंद्र मौआर पर तरारी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई।
लेकिन अधिकारियों द्वारा जांचोपरांत नरेंद्र मौआर को बरी कर दिया गया।
इसके बाद पुनः अनिता कुमारी ने नरेंद्र मौआर पर एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया गया। दोनों शिक्षकों के बीच बढ़ते विवाद काफी गहरा गया। विद्यालय में मध्याह्न भोजन अप्रैल 2018 से लेकर दिसंबर 2019 तक करीब 18 माह तक बंद रहा। जानकारी के अनुसार विवाद को खत्म करने के लिए वरीय अधिकारियों के निर्देश पर नरेंद्र मौआर को मध्य विद्यालय करथ तथा अनिता कुमारी को मध्य विद्यालय विशनपुरा में प्रतिनियोजन किया गया। हेडमास्टर का प्रभार अरविंद कुमार दिया गया।
लेकिन अनिता कुमारी ने चार्ज नहीं दी। जिससे विवाद ज्यो का त्यों रह गया। नरेंद्र मौआर प्रतिनियुक्ति का पत्र निकलते ही योगदान कर लिए। लेकिन अनिता देवी योगदान करने के बजाय अपने से जूनियर शिक्षकों को चार्ज नहीं देने का बहाना बना डटी रही।
जिसके बाद पुनः हेडमास्टर का प्रभार प्रमोद कुमार उपाध्याय को देने का निर्देश दिया गया। लेकिन पुनः दूसरी बार भी अनिता कुमारी ने चार्ज नही दिया। जिसे लेकर वेतन बंद से लेकर स्थानांतरण तक करना पड़ा। मामले को लेकर दो बार शिक्षकों का वेतन विभाग ने बंद कर दिया।
सितंबर से सभी आठ शिक्षकों के वेतन पर भी है रोक
पूर्व
में प्रभार को लेकर उत्पन्न विवाद में दिसम्बर 2019 से लेकर जुलाई 2020 तक
7 माह तक वेतन बंद रहा। फिर पुनः विवाद नहीं सुलझा, तो सितंबर से लेकर
अबतक सभी आठ सामूहिक शिक्षकों का वेतन पर रोक लगा दिया
स्थानांतरित
सभी शिक्षकों को दो दिन के अंदर योगदान करने का निर्देश दिया गया।
स्थानांतरण में शिक्षकों का स्वेक्षा एवं सुविधा का भी ध्यान रखा गया है।
-अभिषेक चंदन, बीडीओ